गोवा में गणेश चतुर्थी है परिजनों से मिलने का अवसर, हर साल
निभाते हैं परंपरा, हवेली में हो चुकी है ‘सिंघम रिटर्न्स’ की शूटिंग
पणजी। दक्षिण गोवा के सांवर्डे में एक अनूठा गणेशोत्सव Ganeshotsav in Sanwarde, South Goa तीन सदियों से लगातार मनाया जा रहा है। देश में अपने तरीके का यह संभवत: सबसे पुराना निजी गणेशोत्सव है।
खास बात यह है कि यहां गणेश चतुर्थी पर एक ही परिवार के वंशज देश और दुनिया से इकट्ठे होते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ विघ्न विनाशक की पूजा-अर्चना करते हैं।
इस बार इस परिवार के 250 से अधिक सदस्य 288 बरस पुरानी अपनी पुश्तैनी हवेली में इकट्ठे होकर धूमधाम से गणेशोत्सव मना रहे हैं। इस आलीशान हवेली में ‘सिंघम रिटर्न्स’ की शूटिंग हुई थी, लेकिन गोवा के कई अन्य परिवारों की तरह इस हवेली में भी हर गणेशोत्सव पर ‘फैमिली रिटर्न्स’ गीत सुनाई देता है।
दरअसल, गोवा में यह एकमात्र परिवार नहीं है जिसके देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे सदस्य गणेशोत्सव मनाने के लिए गोवा स्थित अपने घरों को लौटे हैं। यह उत्सव राज्य से बाहर बसे लोगों के लिए अपने परिजन से फिर से मिलने का अवसर होता है।
इस परिवार के सदस्य मंदार सांवर्डेकर ने कहा, ‘‘परिवार के 250 से अधिक सदस्य गणेश चतुर्थी मनाने के लिए एकत्र हुए हैं।” मंदार ने कहा, ‘‘यह हवेली 1734 में बनाई गई थी और तब से परिवार के सभी सदस्यों की हर पीढ़ी यह उत्सव मनाने के लिए एक छत के नीचे आती है।” चार हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनी इस आलीशान हवेली में करीब 80 कमरे, चार आंगन और चार कुएं हैं। इसी हवेली में अभिनेता अजय देवगन की फिल्म ‘सिंघम रिटर्न्स’ की 2014 में शूटिंग हुई थी।
इस बार 11 वीं पीढ़ी जुटी है गणपति की आराधना में
इस परिवार के सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं। इस बार परिवार की 11वीं पीढ़ी गणेश चतुर्थी साथ मना रही है। परिवार के सदस्यों में विंग कमांडर विश्वनाथ सांवर्डेकर शामिल हैं, जिन्होंने भारतीय वायु सेना में सेवाएं दी थीं और वह पुरस्कृत युद्ध नायक थे। उनकी करीब तीन दशक पहले एक विमान हादसे में मौत हो गई थी।
सेवानिवृत्त पेशेवर सागर सांवर्डेकर ने कहा कि वह और उनका परिवार हर साल गणेश चतुर्थी मनाने हवेली में आता है। इस हवेली में हर परिवार का अपना अलग कमरा है। प्रणव सांवर्डेकर ने बताया कि हवेली के निर्माण के बाद से इस साल परिवार की 11वीं पीढ़ी यहां उत्सव मनाने आ रही है।
उन्होंने दावा किया कि उनका परिवार देश के सबसे पुराने संयुक्त परिवारों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘उत्सव मनाने परिवार के सातवीं से 11वीं पीढ़ी के सदस्य आ रहे हैं।” उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्य यह सुनिश्चित करते हैं कि वे इस भव्य भवन के रख-रखाव में योगदान दें।
आगे भी जारी रहेगी वर्षों पुरानी परंपरा
प्रणव ने कहा, ‘‘परिवार पिछले करीब 300 साल से रख-रखाव निधि में योगदान दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि इसकी विरासत को संरक्षित रखा गया है, जबकि यह काफी महंगा है। इसी तरह दक्षिण गोवा के राया में कुवेलकर परिवार के भी सभी सदस्य हर साल इस मौके पर एकजुट होते हैं और धूमधाम से गणेशोत्सव मनाते हैं।
इस परिवार के सदस्य डॉ. साईदत्त कुवेलकर ने कहा कि गणेश चतुर्थी के लिए एक सदी पुराने घर में लौटना उनकी परंपरा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह परंपरा लगातार जारी रहेगी।” इस अवसर पर कुछ परिवारों ने पुरानी परंपराओं को तोड़कर नयी पहल की।
परिवार की बेटी ने की पूजा
दक्षिण गोवा के बोरिम में सामंत परिवार की 19 वर्षीय क्षितिजा सामंत गणेश पूजा करने वाली, परिवार की पहली बेटी बनीं। क्षितिजा ने कहा, ‘‘परिवार के सदस्यों ने फैसला किया कि इस साल पूजा मुझे करनी चाहिए। यह कहीं नहीं लिखा है कि लड़की पूजा नहीं कर सकती।”
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री निवास में भी गणेशोत्सव की धूम
गणपति बप्पा मुख्यमंत्री निवास में भी विराजे हैं।😊
हम सब पर उनकी कृपा बनी रहे। pic.twitter.com/9qgTToHUgK
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 31, 2022