मशहूर अभिनेता सलीम गौस का 70 साल की उम्र में निधन
रायपुर। 80 के दौर में टेलीविजन सीरियल का जाना पहचाना चेहरा रहे और बाद के दौर में फिल्मों में भी कई यादगार भूमिकाएं निभाने वाले मशहूर थिएटर पर्सनैलिटी, अभिनेता और मार्शल आर्टिस्ट सलीम ग़ौस का 70 साल की उम्र में निधन हो गया।
सलीम गौस को शुरूआती दौर में पहचान दूरदर्शन के सीरियल सुबह से हुई थी। इसके अलावा उन्होंने जवाहरलाल नेहरू लिखित ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया‘ पर आधारित श्याम बेनेगल निर्देशित ‘भारत एक खोज‘ सीरियल में राम, कृष्ण से लेकर कई यादगार भूमिकाएं की थीं।
सलीम गौस ने 80 के दौर में कॉलेज की पढ़ाई के बाद किस्मत आजमाने मुंबई का रुख किया था। धीरे-धीरे उन्हें छोटी-बड़ी भूमिकाएं मिलने लगी। कुछ फिल्मों में काम करने के बाद उन्होंने टेलीविजन का रुख किया। 80 के दशक में वो कई चर्चित धारावाहिकों में नज़र आए। सलीम ने 1984 में आए कामेडी शो ‘ये जो है ज़िंदगी’ से अपने टीवी करियर की शुरुआत की थी। मगर उन्हें पहचान मिली 1987 में दूरदर्शन पर आने वाले शो ‘सुबह’ से,इस सीरियल में उन्होंने भरत नाम के “ड्रग एडिक्ट” का रोल किया था।
उस शो के सिनेमैटोग्राफर थे लीजेंड्री वीके मूर्ति। गुरु दत्त की ‘प्यासा’, ‘कागज़ के फूल’ औऱ ‘साहब बीवी और ग़ुलाम’ जैसी फिल्में वीके मूर्ति ने ही शूट की थीं। भारी-भरकम आवाज के धनी सलीम गौस को श्याम बेनेगल ने अपने शो ‘‘भारत- एक खोज’’ में कास्ट कर लिया।
श्याम बेनेगल ने पहले उन्हें सिर्फ कृष्णा के रोल में कास्ट किया। इस शो में एक सीन था, जहां कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान कृष्ण अर्जुन को समझाते हैं। इस सीन में सलीम को एक टेक में 42 लाइनें बोलनी थीं।
मगर वो इसे किसी भी तरह पूरा करना चाहते थे। क्योंकि उन्हें लग रहा था कि अगर उन्होंने ये सीन अच्छे से नहीं किया, तो लोगों का ध्यान उनके नाम पर जाएगा,लोगों को ये लगेगा कि वो मुसलमान हैं, इसलिए उन्होंने जान बूझकर ये सीन अच्छे से नहीं किया।
सलीम ग़ौस ने अपने करियर में हिंदी, तमिल तेलुगु, मलयाली और अंग्रेज़ी भाषओं की कुल 40 से ज़्यादा फिल्मों में काम किया। सलीम ने अपना करियर 1978 में आई फिल्म ‘स्वर्ग नरक’ से शुरू किया था। आगे वो ‘सारांश’, ‘मंथन’, ‘मोहन जोशी हाज़िर हो’, ‘कलयुग’, ‘कोयला’ और ‘सोल्जर’ जैसी फिल्मों में छोटे-बड़े रोल्स में नज़र आते रहे। वो आखिरी बार तमिल फिल्म ‘का’ में दिखाई दिए थे। अलविदा सलीम ग़ौस…!