एनटीपीसी ने टॉरफाइड बायोमास पैलेट का उत्पादन करने स्टार्टअप्स से रुचि की अभिव्यक्ति-ईओआई आमंत्रित की
नई दिल्ली। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम-एनटीपीसी लिमिटेड ने भारतीय स्टार्टअप्स से टॉरफाइड बायोमास पेलेट का उत्पादन करने के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित की हैं।
कृषि क्षेत्र से निकलने वाले कचरे (बायोमास) को वैज्ञानिक विधि से उपचारित कर इन्हें छोटी गोलियों (पैलेट) में बदला जाएगा और यह गोलियां एनटीपीसी के बिजली संयंत्रों में कोयले के साथ भटि्ठयों में इस्तेमाल होगी। जिससे रणनीतिक रूप से कोयले की खपत में कमी आएगी।
अपनी अनुसंधान और विकास इकाई, एनटीपीसी ऊर्जा प्रौद्योगिकी अनुसंधान गठबंधन-एनईटीआरए के माध्यम से, एनटीपीसी भारतीय स्टार्टअप्स को एक मंच प्रदान करना चाहता है। इससे ये स्टार्टप्स विकेंद्रीकृत छोटे पैमाने के उपयोगकर्ताओं के लिए उपयुक्त टॉरफाइड बायोमास पेलेट्स के उत्पादन के लिए उन्नत तकनीक विकसित कर सकेंगे। “कृषि-अपशिष्ट के लिए टॉरफाइड पेलेट विनिर्माण संयंत्र” शीर्षक वाले प्रस्तावों को जमा करने की अंतिम तिथि 19 मई 2022 है।
भारत में लगभग 230 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष-एमएमटीए बायोमास का उत्पादन होता है। यह बायोमास या तो बर्बाद हो जाता है या जला दिया जाता है। बिजली संयंत्रों में बायोमास का सहायक के रूप में उपयोग इस खतरे से निपटने के लिए एक प्रमुख समाधान साबित हुआ है जिससे पर्यावरण में कार्बन उत्सर्जन कम हो सकता है।
एनटीपीसी अपने कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों में बायोमास के सह-उपयोग में अग्रणी रहा है। सह-उपयोग को अपनाने के बाद से, एनटीपीसी पूरे बायोमास क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला को विभिन्न आयामों में लगातार सुदृढ़ करने में लगा हुआ है। एनटीपीसी के कई संयंत्रों ने कोयले के साथ बायोमास पेलेटों का अपेक्षित सह-उपयोग पहले ही शुरू कर दिया है। कई संयंत्रों के लिए लंबी अवधि की खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
अब तक, मुख्य रूप से बिना-टॉरफाइड बायोमास पेलेट पर ध्यान केंद्रित किया गया है। लेकिन, बायोमास के बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए, टॉरफाइड बायोमास पेलेट उत्पादन को महत्व दिया जाना चाहिए, क्योंकि टॉरफाइड बायोमास पेलेट में अधिक घनत्व वाली ऊर्जा होती है, और इसकी विशेषताएं लगभग कोयले के बराबर होती हैं। इसके अलावा, टॉरफाइड बायोमास पेलेट से औसत परिवहन लागत कम हो जाएगी। वर्तमान में, टॉरफाइड पेलेट के लिए प्रौद्योगिकी अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने ताप विद्युत संयंत्र (मिशन समर्थ) में बायोमास के उपयोग के लिए राष्ट्रीय मिशन की स्थापना की है और देश में सभी कोयले से चलने वाले ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के 5-10 प्रतिशत सह-उपयोग को अनिवार्य कर दिया है।
केंद्रीय बजट भाषण-2022 में भी विद्युत संयंत्रों में बायोमास के सह-उपयोग को कार्बन उत्सर्जन में कमी और किसानों के लिए आय बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में शामिल किया गया है।
एनटीपीसी के इस प्रयास से देश में बायोमास इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए एनटीपीसी की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने की आशा है और यह भारतीय स्टार्टअप्स के लिए एक आत्मनिर्भर भारत के प्रधानमंत्री की परिकल्पना को पूरा करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करेगा और महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया अभियान में भी योगदान देगा।