प्रकाश पर्व पर जगह-जगह लंगर हुए, विभिन्न धर्म-समुदाय के लोगों ने मिल कर दी बधाईयां
रायपुर। गुरू नानक देव के जन्मदिन प्रकाश पर्व की समूचे छत्तीसगढ़ में रौनक रही।
राजधानी रायपुर में राज्यपाल अनुसुइया उईके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार 8 नवंबर को आयोजित समारोहों में गुरुद्वारे में जाकर मत्था टेका और प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
इस अवसर पर प्रदेश भर में जगह-जगह लंगर हुए जिसमें सभी धर्म-समुदाय के लोगों ने अपनी हिस्सेदारी दी।
राज्यपाल अनुसुईया उइके रायपुर के खालसा स्कूल में आयोजित गुरूनानक जन्मोत्सव के कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेककर सिक्ख धर्मगुरूओं को नमन किया।
राज्यपाल ने कार्यक्रम में सिक्ख सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु नानक देव जी के उपदेश आज समाज के लिए अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। उनके उपदेशों की स्वीकार्यता धर्मों से परे समस्त मानव जाति में है। उन्होंने कहा कि हम सभी को उनकेे उपदेशों को आत्मसात करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि गुरु नानक देव न केवल महान चिंतक और दार्शनिक थे बल्कि समाज सुधारक भी थे। वे मेहनत और ईमानदारी के समर्थक थे।
उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में सदैव मेहनत और ईमानदारी से धन अर्जित करना चाहिए। साथ ही इसका उपयोग जनकल्याण के लिए भी करना चाहिए।
इस अवसर पर सिक्ख समाज ने राज्यपाल को शॉल और सरोपा भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड के छात्राओं ने भी शबद गायन की शानदार प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर स्कूल परिसर में आयोजित मेडिकल कैंप का अवलोकन भी राज्यपाल अनुसुईया उइके द्वारा किया गया।
इस अवसर पर विधायक द्वय कुलदीप जुनेजा एवं विकास उपाध्याय, गुरूचरणसिंह होरा एवं महेंद्र छाबड़ा सहित सिक्ख समाज के सम्मानित लोग उपस्थित थे।
सेवा कार्यों में सिख समाज
की भूमिका अग्रणी: बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार 8 नवंबर को गुरूनानक जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर के खालसा स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस अवसर पर उन्होंने सभी को गुरु नानक देव के 553वें प्रकाश पर्व पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरूनानक जयंती पूरे मानवता का प्रकाश पर्व है।
गुरूनानक ने संदेश दिया कि पूरे संपूर्ण जगत का स्वामी एक हैं, सभी उसी के बंदे हैं। खालसा पंथ की सबसे बड़ी विशेषता है सेवा। सिख समाज पूरे विश्व मेें सेवा कार्यों के नाम से जाना जाता है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गुरूग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका। साथ ही सिख समाज ने मुख्यमंत्री को शॉल और कृपाण भेंट करके सम्मानित किया।
बघेल ने कहा कि गुरु नानक देव छत्तीसगढ़ भी पधारे, उन्होंने अमरकंटक के कबीर चबूतरा से लेकर गढ़फुलझर तक अपनी यात्रा की। जहां गढ़फुलझर में उन्होंने विश्राम भी किया और तपस्या की।
जब ऐसे स्थान को समाज के लोगों ने आकर शासन की ओर से पर्यटन स्थल बनाने की मांग की तो इस मांग कोे सहर्ष स्वीकार किया गया और गढ़फुलझर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव के चरणों में पुष्प अर्पित करने मुझे भी सौभाग्य प्राप्त हुआ।
पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश प्रवास के दौरान ऊना में जहां गुरु नानक देव के वंशज रहते थे, गुरु नानक देव जी ने जहां तपस्या की थी उस धरती को मैं नमन करने का अवसर मिला, यह मेरा सौभाग्य है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य शिविर का अवलोकन किया। साथ ही मनप्रीत कौर द्वारा लिखित कविता संग्रह का विमोचन किया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष एवं विधायक कुलदीप जुनेजा, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र छाबड़ा, संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय और महापौर एजाज ढेबर सहित सिख समाज के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।