आज जन्मदिन-अपनी कद-काठी की वजह से बॉलीवुड
के सबसे बड़े ‘भूत’ बने अभिनेता अनिरुद्ध अग्रवाल
अगर आप बॉलीवुड की हॉरर फिल्मों के शौकीन हैं और आपने 80-90 के दशक में रामसे बंधुओं की फिल्में देखी हैं, तो आप ‘सामरी’ को जरूर पहचानते होंगे। उस दौर में सामरी खौफ का दूसरा नाम हुआ करता था। आज उस ‘सामरी’ यानी अनिरुद्ध अग्रवाल का जन्मदिन है, जिन्हें फिल्मों में देखकर लोगों की रूह कांप जाती थी।
20 दिसंबर 1949 को देहरादून में जन्मे अनिरुद्ध अग्रवाल का असली नाम अजय अग्रवाल है। आज अभिनेता के जन्मदिन के मौके पर चलिए जानते हैं, उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें…
अनिरुद्ध अग्रवाल को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। उन्होंने आईआईटी रुड़की से अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और नौकरी करने लगे। काफी समय तक उन्होंने नौकरी की, लेकिन कहते न कि किस्मत में जो लिखा होता है वो होता जरूर है।
ऐसे में नौकरी के दौरान जब वह काफी बीमार हुए, तो उन्होंने अपने ऑफिस से छुट्टी ली। इसी दौरान किसी ने उन्हें रामसे बंधुओं से मिलने के लिए कहा। ऐसे में वह उनसे मिलने के लिए चल दिए। अनिरुद्ध अग्रवाल का मन हीरो बनने का था, लेकिन अपनी कद-काठी की वजह से रामसे बंधुओं ने उन्हें ‘दरिंदे’ का किरदार दिया।
अनिरुद्ध अग्रवाल ने पहली ही फिल्म से अपनी एक अलग छाप छोड़ दी थी। वह रामसे बंधुओं की सिर्फ तीन फिल्मों में ‘दरिंदे’ के किरदार में नजर आए, लेकिन स्क्रीन पर छा गए।
उन्हें स्क्रीन पर देखकर लोगों को डर सताने लगता था। ऐसे में जब ‘पुराना मंदिर’ पर्दे पर आई और हिट हो गई तो लोग उनसे डरने भी लगे थे।
इसके बाद वह कई हॉरर टीवी शोज में दिखे। इतना ही नहीं उन्होंने हॉलीवुड में भी अपने अभिनय का जलवा दिखाया। वह ‘द जंगल बुक’ (1994), ‘सच अ लॉन्ग जर्नी’ (1998) में नजर आए थे। लेकिन धीरे-धीरे वह पर्दे पर कम दिखाई देने लगे।
दरअसल, बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले अनिरुद्ध अग्रवाल को शुरुआत में काफी काम मिला, लेकिन फिर बदलते दौर में रामसे बंधुओं की हॉरर फिल्मों का दौर चला गया।
ऐसे में अनिरुद्ध को भी ज्यादा काम नहीं मिलता था। वह आखिरी बार 2010 में आई प्रोड्यूसर-डायरेक्टर विल्सन लुईस की हॉरर फिल्म ‘मल्लिका’ में नजर आए थे। वहीं, इसके बाद वह वापस अपनी इंजीनियरिंग की दुनिया में चले गए।