वर्मी उत्पादन से चार बच्चों का घर चला
रहीं, सवा दो लाख कमा लेती हैं सावित्री
दुर्ग।लिटिया सावित्री धनगर के पति की मृत्यु दो साल पहले हुई। शुरूआत में उन्होंने अपने चार बच्चों का खर्च चलाने के लिए साहूकार के पास नौकरी की। काम की अवधि लंबी थी और वेतन बहुत कम। फिर उन्हें पंचायत के अधिकारियों ने गौठान से जुड़ने कहा। After the death of her husband two years ago Savitri got the support of Godhan Nyaya Yojana
सावित्री वर्मी खाद का उत्पादन कर इसे बेचने लगी। सावित्री इसे बेचकर सवा दो लाख रुपए कमा चुकी हैं। इस राशि के माध्यम से सावित्री अपने घर का भी बेहतर तरीके से संचालन कर रही हैं और अपने चारों बच्चों को अच्छी शिक्षा भी दे रही हैं।
सावित्री ने बताया कि काम के घंटे भी कम हैं जिससे अपने बच्चों की परवरिश के लिए समय भी दे पाती हूँ। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बहुत आभार कि उन्होंने इतनी अच्छी योजना लाई। सावित्री भावुक होकर कहती हैं कि देखिये मेरा ही नहीं, अन्य गांवों में भी महिलाएं कितने उत्साह से काम कर रही हैं।
वे अपने पैरों पर खड़े हो रही हैं। अपने बच्चों की बेहतर पढ़ाई करा रही हैं। एक काम से दूसरे काम का रास्ता खुलता है। वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन के साथ ही उन्होंने केंचुए के उत्पादन का भी कार्य शुरू किया है। सावित्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जो गौठान आरंभ किये हैं वहां जिस तरह के आजीविका के कार्य हो रहे हैं उससे हर महिला को अपने पैरों पर खड़ा होने और आर्थिक रूप से मजबूत होने का रास्ता मिला है।