छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना में मिलने वाली सब्सिडी पिछले दो माह से दिल्ली में रुक गई है। यह सब्सिडी उन 5 हजार मकानों के लिए मिलनी है, जिन्हें राज्य ने सेंक्शन कर केंद्र सरकार को भेजा है। भास्कर की पड़ताल में यह बात भी आई कि रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में अप्रैल के बाद से पीएम आवास की मद में कोई फंड नहीं आया है। इस वजह से जिनके मकान सेंक्शन हैं, वे आवेदन लेकर भटक रहे हैं। पीएम आवास योजना में जिन लोगों ने अपने जीवन का पहला घर बनाना शुरू किया, उन्हें केंद्र से सब्सिडी के तौर पर ढाई लाख रुपए मिलने हैं।
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यह रकम 50-50 हजार रुपए की पांच किश्तों में एक निश्चित अवधि के दौरान मिलने हैं। इस वजह से लगभग 5 हजार लोगों ने मकान बनवाने शुरू किए थे, लेकिन स्कीम में फंड आना बंद हो गया है। रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में ऐसे मामले ज्यादा हैं, हालांकि और शहरों में भी हैं। फंड रुकने के कारण नगरीय निकायों ने अब इस योजना में आवेदन ही बंद कर दिया है।
अफसर लोगों को यही कहकर लौटा रहे हैं कि केंद्र से इस राशि के बारे में कोई सूचना नहीं है। दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत कमजोर आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और लोअर इनकम ग्रुप (एलआईजी) को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (ब्याज सब्सिडी) का फायदा देना है। इस योजना में इसे होम लोन के ब्याज पर 2.60 लाख रुपये का फायदा इन वर्गों को मिल रहा था। इस योजना में सैकड़ों आवेदन हर निकाय में आए हैं। योजना में केंद्र के अनुसार ही आय वर्ग के हिसाब से लोगों को तीन सेक्शन में बांटा गया है। पहला वर्ग वार्षिक आय 6 लाख रुपए, दूसरा 12 लाख और तीसरा 18 लाख रुपए वाला है।
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170 निकायों में दिक्कत
रायपुर में इस योजना के तहत 700 से अधिक आवेदन लंबित बताए गए हैं। बिलासपुर नगर निगम ने 500 फाइलें स्वीकृति के बाद भेजी है। दुर्ग में 300 मामले अटके बताए जा रहे हैं। इसके अलावा जगदलपुर, गरियाबंद, चिरमिरी, आरंग, कवर्धा और कुम्हारी समेत कई शहरों-कस्बों में पीएम आवास योजना के आवेदन ही नहीं बल्कि किस्त नहीं मिलने से निर्माण रुके हुए हैं।
सब्सिडी अभी तो बंद
पीएम आवास योजना की सब्सिडी फिलहाल नहीं आ रही है। बिलासपुर निगम से केंद्र को 500 मकानों की फाइलें भेजी गई हैं, लेकिन चार माह से फंड रुका है। इस बारे में दिल्ली से कुछ स्पष्ट नहीं है।