होली का रंगों भरा पर्व समूह की महिलाओं के लिए रहा बहुत खास,समूह की महिलाओं ने कमाए 4 लाख 14 हजार रूपए
राजनांदगांव। इस बार होली का रंगों भरा पर्व स्वसहायता समूह की महिलाओं के लिए बहुत खास रहा। उनका उल्लास और खुशी दुगुनी हुई है। समूह की महिलाओं ने फूल, पत्तियों, भाजियों से बनाये अनोखे प्राकृतिक रंग। जिले में 445 किलो ग्राम हर्बल गुलाल की बिक्री हुई, जिससे समूह की महिलाओं को 4 लाख 14 हजार रूपए का फायदा हुआ।
Also read:महिलाएं पालक, लाल भाजी, हल्दी, जड़ी-बूटी और फूलों से बना रही हर्बल गुलाल
बिहान हर्बल गुलाल ने समूह की महिलाओं के जीवन में खुशी के रंग बिखरे हैं। उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हैं। बिहान की महिलाओं ने गुलाल से गुलाबी, गेंदे से पीला, पलाश से नारंगी, पालक एवं नीम से बेहतरीन हर्बल गुलाल बनाये, जिनकी मार्केट में खूब डिमांड रही।
स्थानीय बाजार के साथ ही सी-मार्ट के माध्यम से बिहान हर्बल गुलाल की बिक्री हुई। इकोन्फ्रेंडली होने के कारण बिहान हर्बल गुलाल की मांग बढ़ी। रासायनिक रंगों के दुष्प्रभाव के कारण जनसामान्य ने भी हर्बल गुलाल की खरीदी की।
Also read:छत्तीसगढ़ के हर्बल गुलाल की यूरोप में बढ़ी मांग, 41 लाख कीमत का 23 हजार किलो गुलाल रवाना
छुरिया विकासखंड की गुलाब एवं माला आजीविका संकुल समूह की महिलाओं ने 875 किलो हर्बल गुलाल किया गया। जिसमें से 1 लाख 63 हजार रूपए के 815 किलो विक्रय किया।
इसी तरह डोंगरगढ़ विकासखंड के जय सेवा जय बुढ़ादेव समूह की महिलाओं ने 175 किलोग्राम निर्माण किया गया, जिसमें से सभी का विक्रय कर 42 हजार रूपए का विक्रय किया।
Also read:टेसू के फूलों से महिलाएं तैयार कर रही हैं होली के रंग
राजनांदगांव विकासखंड के स्वरधारा एफपीसी सुरगी समूह द्वारा 450 किलोग्राम निर्मित किया गया था, जिसमें से अब तक 435 किलोग्राम बिक्री कर 2 लाख 5 हजार रूपए प्राप्त किया। डोंगरगांव विकासखंड के खुशी उत्पादक गनेरी समूह की महिलाओं ने 24 किलो ग्राम हर्बल गुलाल निर्माण किया, जिसमें से 4 हजार रूपए के 20 किलोग्राम की बिक्री हुई।