छत्तीसगढ़ में सिर्फ पांच साल सत्ता से दूर रहने के बाद बीजेपी ने धमाकेदार वापसी की है। सारे ओपनियन और एग्जिट पोल की हवा उड़ाते हुए बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत हासिल की है। सबसे बड़ा सवाल है कि बीजेपी इस बार किसे मुख्यमंत्री बनने का मौका देगी? तीन बार के पूर्व सीएम रमन सिंह छत्तीसगढ़ में भाजपा के सबसे बड़े चेहरे हैं। उनके राजनीतिक अनुभव पर भी कहीं कोई सवाल नहीं है। लेकिन, चार-पांच महीने बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी यहां कोई बहुत बड़ा राजनीतिक दांव खेल सकती है, जिसकी पूरी संभावना है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी को सीएम बना सकती है।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद सीएम चेहरे को लेकर सवालों और अटकलों का बाजार गर्म है। दिल्ली में मेल-मुलाकातों का दौर चलने के बाद भी इस सस्पेंस से पर्दा नहीं उठ पाया है कि सीएम फेस कौन होगा?पिछले 6 दिन से दिल्ली से लेकर रायपुर तक बस एक ही सवाल इस बार सीएम चेहरा कौन? आदिवासी, ओबीसी या कोई और?
बहरहाल इस सवाल का जवाब या सस्पेंस से पर्दा अगले कुछ घंटे में उठ जाएगा, जब रविवार को तीन ऑब्जर्वर अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनेवाल और दुष्यंत कुमार गौतम विधायक दल की बैठक से बाहर आएंगे। विधायक दल की बैठक के बाद इन्हीं पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर सीएम के नाम का ऐलान होगा। वैसे तो सूबे में बीजेपी के पास कई चेहरे हैं जो इस पद के लिए फिट बैठते हैं, लेकिन बीजेपी को 5 राज्यों के सेमीफाइनल के बाद लोकसभा का फाइनल भी खेलना है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी यहां आदिवासी कार्ड भी खेल सकती है।
छत्तीसगढ़ में आदिवासी वोटर्स निर्णायक हैं और इस बार बीजेपी की प्रचंड जीत में इस वर्ग का बड़ा हाथ है। आंकड़ों पर नजर डालें तो सूबे में 29 सीटें ST वर्ग के लिए रिजर्व है जिसमें बीजेपी 17 सीटें जीतने में सफल रही। जबकि कांग्रेस को 11 और एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के खाते में गई।
आदिवासी बाहुल्य सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटें बीजेपी जीती तो बस्तर की 12 में से 8 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया और 3 दिसंबर की शाम को जब पीएम मोदी ने दिल्ली में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो उन्होंने आदिवासी समाज से बीजेपी को मिले समर्थन का भी जिक्र किया। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि देश को पहला आदिवासी राष्ट्रपति देने के बाद बीजेपी किसी आदिवासी नेता को सीएम फेस बना सकती है। आदिवासी नेत्री रेणुका सिंह और विष्णु देव साय इस रेस में सबसे आगे हैं l हाई कमान अरूण साव के नाम पर भी विचार कर रही है।