Chhattisgarh : पूरे छत्तीसगढ़ में आज मजदूर दिवस मनाया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमवीरों के सम्मान में प्रदेश भर से आये हज़ारों श्रमिकों के साथ आज बोरे-बासी का आनंद लिया। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित बोरे-बासी तिहार के सामूहिक भोज में मुख्यमंत्री ने अथान, चटनी, भाजी, बड़ी-बिजौरी और गोंदली के साथ जमीन में बैठकर बोरे-बासी खाई और श्रमिक दिवस मनाया।
Chhattisgarh : छत्तीसगढ़िया श्रमिकों की संस्कृति का अहम हिस्सा है बोरे बासी
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बोरे-बासी छत्तीसगढ़िया (Chhattisgarh) श्रमिकों की संस्कृति का अहम हिस्सा है और उनके सम्मान और योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए ही बोरे-बासी तिहार मनाया जा रहा है। बोरे-बासी श्रमिकों का प्रिय आहार भी है और उनके जीवन का अहम हिस्सा भी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास में श्रमिकों का योगदान अमूल्य है और उनके प्रयासों से हम नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे है।
Chhattisgarh : श्रमिकों ने कहा-जीवन का सबसे यादगार दिन
बोरे बासी तिहार में शामिल होने आए श्रमिक तुलसीराम सिन्हा ने बताया कि बोरे-बासी जीवन का अभिन्न हिस्सा है और मजदूर के जीवन की कल्पना इसके बिना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि श्रमिक हितैषी मुख्यमंत्री ने इस दिन को खास बनाया और बोरे-बासी को वैश्विक पहचान दिलाई। बोरे-बासी अब केवल मजदूर का भोजन नहीं है बल्कि अब सभी वर्गों के लोग इसे बड़े चाव से खाते है। इसके पौष्टिक गुणों को दुनिया जानने लगी है।
Chhattisgarh : बोरे -बासी में अत्यंत पौष्टिक आहार होता है
इसी प्रकार श्रमिक संतोषी पाल ने भी प्रदेश के मुखिया के साथ बोरे-बासी का आनंद लिया। उन्होंने बताया कि मजदूरों के लिए बोरे-बासी सभी मामलों में बहुत किफायती होने के साथ ही अत्यंत पौष्टिक आहार है। रात को भिगाओ और यह सुबह तैयार मिलता है। मजदूर को सुबह जल्दी काम में जाना पड़ता है, ऐसे में बासी अच्छा विकल्प है,जो थोड़े ही प्रयास में बन जाता है। मजदूर के जेब पर भी यह भारी नहीं पड़ता है और इसे आचार, चटनी के साथ आसानी से खाया जा सकता है।
बोरे-बासी तिहार में पहुंचे श्रमिक परमेश्वर सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश की छत्तीसगढ़िया संस्कृति ने अपने वास्तविक गौरव को पाया है। श्रमिक दिवस के अवसर पर बोरे-बासी तिहार भी छत्तीसगढ़िया (Chhattisgarh) संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हम सभी मजदूर खुश हैं। बोरे-बासी का महत्व एक मजदूर सहज ही समझ सकता है। शरीर को ठंडा रखने के साथ-साथ पानी की कमी को दूर करता है और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर बहुत सकारात्मक है।