रायपुर. छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति लोगों को जागरुक करने मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी मंच और एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन की ओर से रविवार को छत्तीसगढ़ी जन-जागरण पदयात्रा निकाली गई. इसकी शुरुआत महामाया मंदिर पुरानी बस्ती से की गई. मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी मंच के संरक्षक नंदकिशोर शुक्ल की अगुवाई में निकाले गए इस पदयात्रा का जगह-जगह पर स्वागत किया गया. वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी के परिवारवालों ने पदयात्रियों की आरती उतार और तिलक लगाकर स्वागत किया. पदयात्रा का पहला पड़ाव दूधाधारी मठ रहा. जहां महंत रामसुंदर दास से पदयात्रियों ने मुलाकात की. कुछ देर चर्चा और महंत से आशीर्वाद के बाद पदयात्री आगे के लिए रवाना हुए. इस दौरान कुछ दूर इस यात्रा में महंत रामसुंदर दास भी शामिल हुए.
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नंदकिशोर शुक्ल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी आधिकारिक रूप से राज्य की राजभाषा है. सरगुजा से बस्तर तक छत्तीसगढ़ी राज्यवासियों के लिए संपर्क भाषा है. राज्य में छत्तीसगढ़ी के बाद 4 प्रमुख भाषा है गोंडी, हल्बी, सरगुजी और कुँड़ुख़. हमारी मांग है कि पहली से पाँचवीं तक पढ़ाई अनिवार्य रूप से छतीसगढ़ी और छत्तीसगढ़ अन्य मातृभाषा में पूर्ण माध्यम के साथ हो. अभी केवल एक विषय के रूप में पढ़ाने की बात सरकार ने कही है. एक विषय नहीं सभी विषयों की पढ़ाई मातृभाषाओं में होनी चाहिए. जब तक यह मांग पूरी नहीं हो जाती हम जन-जागरण अभियान चलाते रहेंगे. सरकार को छत्तीसगढ़ी स्कूल खोलने की घोषणा करनी चाहिए.
महंत रामसुंदर दास ने दिया अपना समर्थन, कहा- मांग जायज
महंत रामसुंदर दास ने कहा कि छत्तीसगढ़ी हमारी माई भाषा है. यह राज्य की जन-जन की भाषा है. सरकार की ओर से महतारी भाषा को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा. लेकिन जो मांग आप लोगों की ओर से आई है वह जायज है. मैं इसका पूर्ण समर्थन करता हूँ. मैं अपनी ओर से मुख्यमंत्री के समक्ष आपकी मांग को अवश्य रखूंगा. पदयात्रा में वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी, मनोज सिंह बघेल, समरेंद्र शर्मा, डॉ. वैभव बेमेतरिहा सहित इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के कई पत्रकार और कलाकरों में लोक गायिका जोशी बहनें, डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर, जबकि एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन की ओर से ऋतुराज, संजीव और हितेश प्रमुख से शामिल हुए. पदयात्रा का समापन आजाद चौक, जय स्तम्भ चौक होते हुए कलेक्ट्रेट स्थित छत्तीसगढ़ महतारी चौक पर हुआ.