रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान नक्सली-पुलिस मुठभेड़ का मुद्दा उठा. कांग्रेस विधायकों ने नक्सली बताकर ग्रामीणों को मारने, गिरफ्तार करने का आरोप लगाया. इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा यह आरोप झूठ है, यह बर्दाश्त नहीं है. इसके साथ ही सदन में विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी शुरू हो गई.
कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने सदन में कहा कि फर्जी मुठभेड़ के जरिए नक्सली बताकर ग्रामीणों को मारा जा रहा है, उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है. पीडिया, नडपल्ली में ऐसे मामले सामने आए हैं. इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर सुरक्षाबलों के मनोबल को मत तोड़िए. पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि तेंदूपत्ता तोड़ने गए आदिवासियों को घेरकर मारा गया है. इस पर गृहमंत्री ने कहा कि गलत आरोप मत लगाइए. यह आरोप झूठा है इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
इसके पहले नेता-प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने नक्सली घटनाओं का मुद्दा उठाया. उन्होंने पूछा कि दिसंबर 2023 से जून 2024 तक प्रदेश में कितनी नक्सल घटनाएं हुई है?, पुलिस-नक्सली मुठभेड़ की घटनाएं किस-किस थाना क्षेत्र में हुई है?, इन घटनाओं में कितने जवान शहीद हुए?, घायल हुए और कितने नागरिक मारे गए?, कितने नक्सली मारे गए, गिरफ्तार किए गए?
साथ ही जानकारी मांगी कि जनवरी 2024 से 30 जून 2024 तक नक्सलियों के पास क्या-क्या समान बरामद किया गया?, गोली, बारूद अन्य?, कितने नक्सली जेल में हैं?, इसमें सजा प्राप्त और विचाराधीन कितने नक्सली हैं?, प्राप्त सामग्रियां कहाँ-कहाँ रखी गई है?
गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि आज की स्थिति में 273 नक्सली घटनाएं हुई हैं, जिसमें नक्सली-पुलिए मुठभेड़ की 92 घटनाएं शामिल हैं. मुठभेड़ में सुरक्षा बल के 19 जवान शहीद हुए हैं. इस अवधि में माओवादियों द्वारा 34 आम नागरिकों की हत्या की गई है. वहीं 137 नक्सली मारे गए हैं, जबकि 171 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. 30 जून 2024 की स्थिति में कुल 790 नक्सली जेल में हैं. इनमें 25 सजा प्राप्त और शेष 765 नक्सली विचाराधीन हैं.
डॉ. महंत ने कहा कि जो 34 आम नागरिकों की हत्या माओवादियों द्वारा की गई वो कैसे की गई है? इस पर गृहमंत्री ने कहा कि जिन 34 आम नागरिकों की हत्या की गई, उनमें 4 की हत्या जन अदालत लगाकर की गई है. मुखबिरी की आरोप में 24 लोगों की हत्या नक्सलियों ने की है. 6 लोग नक्सलियों की ओर से बिछाए गए माइंस की चपेट में आने से मारे गए हैं.
डॉ. महंत ने फिर पूछा कि जो 137 नक्सली मारे गए हैं वो छत्तीसगढ़ के थे या बाहर के थे? गृहमंत्री ने सभी की जानकारी नामवार सहित दी. बाहर और छत्तीसगढ़ की जानकारी अभी कैटेगरी में नहीं है, बाद में उपलब्ध करा दूंगा. डॉ. महंत ने पूछा कि भरमार बंदूक कितने जब्त किए गए?, क्या भरमार बंदूक चलने की स्थिति में है?, मेरी शंका पुलिस की ओर है.
गृहमंत्री ने कहा कि यह कहना कोई मारा गया, उसके पास भरमार बंदूक रख देना, कहना स्वीकार्य योग्य नहीं है. किसी चीज का जांच करना कोई विषय नहीं, जांच की जा सकती है. जो भी चीजे मिली हैं, वो सब जानकारी उपलब्ध है. डॉ. महंत ने विचाराधीन नक्सलियों की जानकारी मांगी, पूछा कि कब से विचाराधीन है?, मंत्री ने बताया कि 765 जो नक्सली विचाराधीन हैं उसकी डिटेल जानकारी नहीं है, उसे बाद में उपलब्ध करा दूंगा.