Diwali 2024 Date in India: नवरात्रि की तरह दीपावली (Deepavali) महोत्सव की तिथियों को लेकर भी दुविधा हैं. विशेष रूप से धनतेरस की खरीदारी और लक्ष्मी-पूजा को लेकर विशेष दुविधा है, क्योंकि ये पर्व शुभ मुहूर्त पर ही केंद्रित हैं. अगर आपके मन में भी ऐसे संदेह बन रहे हैं तो यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है. आइये जानते हैं, धनतेरस से लेकर दीपावली तक की तिथि वार पूरी जानकारी…
अमूमन विजयादशमी के 20 दिन के अंतराल पर दीपावली महोत्सव शुरू होता है. पांच दिवसीय यह ऐसा पर्व है, जिसकी प्रतीक्षा हर किसी को रहती है. दीपावली महोत्सव की तिथियों को लेकर विभिन्न पंचांगों की मिश्रित स्थिति के अनुसार अक्टूबर 2024 की अंतिम तिथि यानी 31 अक्टूबर 2024 को धनतेरस से दीपावली का पर्व शुरू होगा, जिसकी समाप्ति भाई दूज (3 नवंबर 2024) को होगी. इसी दिन कायस्थ समाज में भगवान चित्रगुप्त की पूजा भी होगी. हमारे ज्योतिषाचार्य आचार्य श्री भगवत जी महाराज यहां धनतेरस से लेकर भाई दूज तक की तिथियों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं…
धनतेरस है (Dhanteras 2024 Date)
इस वर्ष कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस (धनत्रयोदशी) का पर्व मनाया जाएगा. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और धन के देवता भगवान कुबेर की पूजा का विधान है. इस अवसर पर हिंदू धर्म में सोने चांदी के आभूषण, सिक्के अथवा बर्तन खरीदने की पुरानी परंपरा है. बहुत से लोग इस दिन झाड़ू, एवं धनिया के साथ-साथ पीतल और तांबे के बर्तन आदि भी खरीदते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है.
नरक चतुर्थी एवं छोटी दिवाली (31 अक्टूबर 2024)
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी को छोटी दिवाली मनाई जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन हनुमान जयंती एवं नरक चतुर्दशी का पर्व भी मनाया जाता है. इस दिन हिंदू घरों में मृत्यु के देवता यमराज के नाम एक चतुर्मुखी दीपक घर के पिछवाड़े हिस्से में दक्षिण दिशा में जलाने की परंपरा है. बहुत से लोग इस दिन मान्यता स्वरूप हनुमान जी को चोला भी चढ़ाते हैं. ऐसा करने से घर-परिवार में असामयिक मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है.
दीवाली 31 अक्टूबर या 01 नवंबर को?
इस वर्ष दीपावली सेलिब्रेशन की तिथि को लेकर दुविधा बरकरार है. काशी, ऋषिकेश एवं उज्जैन से प्रकाशित पंचांग के अनुसार दीपावली 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को दीपावली मनाई जाएगी. आचार्य भागवत जी के अनुसार लक्ष्मी-पूजन अमावस्या के दिन प्रदोष काल में मनाई जाती है, और अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को 03.52 PM पर शुरू होकर अगले दिन 1 अक्टूबर 2024 को 06.16 तक रहेगा. इस स्थिति में अमावस्या और प्रदोषकाल 31 अक्टूबर को ही रहेगा, इसलिए दीपावली की लक्ष्मी-पूजन भी 31 अक्टूबर 2024 (Laxmi Puja Date) को ही मनाया जाना चाहिए. केवल लक्ष्मी पूजन ही नहीं बल्कि काली पूजा, एवं निशिथ काल की पूजा भी 31 अक्टूबर को मनाना तर्कसंगत रहेगा. आचार्य के अनुसार अमावस्या से जुड़े पितृ कर्म 1 नवंबर 2024 की सुबह करना उचित होगा.
गोवर्धन-पूजा, बलिप्रदा पूजा (2 नवंबर )
इस वर्ष गोवर्धन पूजा (अन्नकूट पूजा) 02 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा. पुराणों के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र का घमंड दूर करने हेतु कार्तिक अमावस्या की द्वितीया को मथुरा वासियों को समझाया कि वे इंद्र के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करें, क्योंकि मथुरा वासियों की सुरक्षा गोवर्धन पर्वत ही करता है. इससे मद में आकर इंद्र ने मथुरा वासियों पर वर्षा का कहर बरपाया, लेकिन श्रीकृष्ण ने संपूर्ण गोवर्धन पर्वत को उंगलियों पर उठाकर उसके नीचे मथुरा वासियों संरक्षण दिया, इसके बाद ही इंद्र का घमंड टूटा. इसलिए इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है.
भाई दूज (Bhai Dooj 2024 Date)
आचार्य के अनुसार कार्तिक मास की द्वितीया को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष 3 नवंबर 2024 को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा. इसे यम द्वितीया भी कहते हैं, पौराणिक कथाओं के अनुसार यमराज को किसी भी अभिशप्त से बचाने की कामना के साथ उनकी बहन यमुना ने इसी दिन उन्हें तिलक लगाया था. इसके बाद से ही बहनें इस दिन अपने भाई को तिलक लगाकर उनके दीर्घायु होने की कामना करती हैं.
कलम दवात पूजा (03 नवंबर 2024)
कार्तिक मास की द्वितीया के दिन कायस्थ समाज में कलम-दवात की पूजा परंपरा है. पुराणों के अनुसार ब्रह्माजी की काया से उत्पन्न भगवान श्री चित्रगुप्त मनुष्य के कर्मों के अनुसार उसे स्वर्ग या नरक भेजते हैं. कायस्थ समाज, भगवान चित्रगुप्त को अपना आराध्य मानता है. इसलिए इस दिन कायस्थ समाज शिक्षा एवं व्यवसाय से जुड़े काम का लेखा-जोखा चित्रगुप्त जी को प्रस्तुत करते हैं. यह पूजा करने से नरक के कष्टों से मुक्ति मिलती है.