इस्लामाबादः Foreign Minister Jaishankar entered Pakistan विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को यहां एक दूसरे का अभिवादन किया। जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में शामिल होने के लिए आज इस्लामाबाद पहुंचे। शरीफ ने एससीओ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के सम्मान में अपने आवास पर रात्रिभोज दिया था और इसी दौरान उन्होंने और जयशंकर ने एक दूसरे का अभिवादन किया। जयशंकर और शरीफ ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और बहुत ही संक्षिप्त बातचीत की। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एससीओ के सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों के नेताओं का अभिवादन किया।
Foreign Minister Jaishankar entered Pakistan एस जयशंकर करीब 9 साल बाद पाकिस्तान जाने वाले भारत सरकार के पहले मंत्री हैं। वह पहले ही साफ कर चुके हैं SCO समिट में पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी। लेकिन पाकिस्तान में भारत से बातचीत की गुहार लगाई जा रही है। इसकी शुरुआत जयशंकर के पाकिस्तान पहुंचने से पहले ही हो गई थी। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने सबसे पहले स्मॉग की समस्या से निपटने के लिए भारत से बातचीत को जरूरी बताया।
उन्होंने कहा कि भारत के साथ जलवायु कूटनीति होनी चाहिए। इसके बाद उनके पिता और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर एस जयशंकर की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ समिट में भारत का प्रतिनिधित्व करते तो और अच्छा होता। उन्होंने जल्द ही पीएम मोदी से मुलाकात की उम्मीद जताई। नवाज शरीफ भले ही प्रधानमंत्री न हों लेकिन सत्ताधारी दल के सर्वेसर्वा हैं।
पाकिस्तान के योजना मंत्री ने कही ये बात
भारतीय पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान जब पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान जयशंकर और पाकिस्तान के नेताओं के बीच बैठक का प्रस्ताव रखने जा रहा है तो उन्होंने कहा, “हम मेजबान हैं, हम बैठक का प्रस्ताव नहीं दे सकते। जब उंगली उठाने की बात आती है तो दोनों देशों के पास एक-दूसरे पर उंगली उठाने के लिए पर्याप्त गोला-बारूद है और इसलिए मुझे लगता है कि हमें उंगली उठाने से आगे बढ़ने की जरूरत है और हमें इस क्षेत्र में रहने वाले डेढ़ अरब से अधिक लोगों के संदर्भ में सोचने की जरूरत है। सार्क निष्क्रिय है। यूरोपीय संघ निष्क्रिय नहीं है। जीसीसी निष्क्रिय नहीं है। आसियान निष्क्रिय नहीं है। सार्क में अव्यवस्था है और मैं हमेशा अपने भारतीय मित्रों से कहता हूं कि अगर भारत के पास अपने भूगोल का एक चौथाई हिस्सा होता तो कोई समस्या नहीं होती।”