रायपुर : चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत की ऐेतिहासिक उपलब्धि का असर दिख रहा राजधानी में गणेशोत्सव के लिए बन रहे पंडालों पर साफ-साफ दिख रहा है। इस साल गणेश उत्सव 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी से शुरू होगा। गणेश उत्सव को लेकर राजधानी में दर्जनभर से अधिक गणेश उत्सव समितियां विशेष थीम आधारित में बड़े-बड़े पंडाल तैयार कर रही हैं। कालीबाड़ी में चंद्रयान-3 के जैसा 120 फीट ऊंचा पंडाल बनाया जा रहा है।
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वही कोलकाता और हैदराबाद समेत देश के विभिन्न स्थानों से आए कारीगर और कलाकार पंडालों को तैयार कर रहे हैं। इस बार चंद्रयान-3 और हनुमान जी की वीर गाथा, अयोध्या की श्रीराम मंदिर और भगवान बालाजी का स्वरूप देखने को मिलेगा।
शहर में प्रमुख कालीबाड़ी, गुढि़यारी, गंज पारा, सुंदर नगर, राठौर चौक, गोल बाजार, पुरानी बस्ती कुशालपुर क्षेत्र समेत कई क्षेत्रों में भव्य पंडाल नजर आएंगे। यहां के पंडालों में भगवान गणेश के साथ कई देवी-देवता के साथ पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, किसान खेती करते हुए जैसे कई तरह झांकी दिखाई देगा।
चंद्रयान-3 में विराजेंगे भगवान गणेश
कालीबाड़ी भोलेनाथ गणेश उत्सव समिति चंद्रयान-3 थीम पर पंडाल तैयार करा रही है। समिति के अध्यक्ष कृष्णा साहू ने बताया कि झांकी बनाने के लिए कोलकाता के 30 कारीगर आए हैं। यहां 120 फीट ऊंचा पंडाल हैं। यहां पंडाल का आकार आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा सेंटर से लॉन्चिंग के लिए तैयार चंद्रयान-3 के जैसा दिखेगा। इसी पंडाल के भीतर विघ्न-नाशक गणपति विराजेंगे।
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गुढि़यारी में हनुमान जी की वीर गाथा
गुढ़ियारी गणेश उत्सव समिति के प्रकाश माहेश्वरी ने बताया कि 10 हजार फीट में आकर्षक झांकी तैयार की जा रही है। यहां हनुमान जी की वीर गाथा के साथ ‘मिशन-मून’ की सफलता को भी दिखाया जाएगा। इसके अलावा भगवान गणेश की प्रतिमा 12 फीट होगी। झांकी की लागत 30 लाख है। इसे दुर्ग के कलाकर तैयार कर रहे हैं।
गंज पारा में अयोध्या का राम मंदिर
गंज पारा में आकर्षक अयोध्या धाम बनाया जा रहा है। यहां श्रीराम मंदिर की तर्ज पर पंडाल बन रहा है। श्रीश्री विनायक गणेश उत्सव समिति के संस्थापक सोनू मोनू राजपूत ने बताया कि यहां रावण का वध करके भगवान राम के अयोध्या आने का दृश्य दिखाया जाएगा। यहां गणेश जी की बड़ी प्रतिमा बनाई जा रही है। पंडाल की ऊंचाई 30 फीट होगी।
बालाजी मंदिर के आकार का पंडाल
गंजपारा श्री विनायक गणेश उत्सव समिति के अध्यक्ष राहुल राय ने बताया कि बालाजी मंदिर की तरह पंडाल तैयार किया जा रहा हैं। भगवान गणेश की प्रतिमा की साजसज्जा और पहनावा दक्षिण भारतीय अंदाज में होगा। पंडाल की ऊंचाई 30 फीट से अधिक रहेगी। पंडाल में चारों तरफ तस्वीरों के जरिए चंद्रयान-3 की सफलता को दिखाया जाएगा।