Independence Day 2023 : पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस का पर्व मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है। भारत में कई राष्ट्रीय पर्व है, जिसमें गणतंत्र दिवस भी शामिल है। भारत की आजादी से जुड़े ये दोनों की राष्ट्रीय पर्व बहुत महत्वपूर्ण है और ऐतिहासिक महत्व भी रखते है। 1947 से पहले भारत अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था।
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Independence Day 2023 : भारत के हर उच्च पद पर अंग्रेज शासक आसीन थे। भारतीय अपने ही देश में गुलाम बनकर रह रहे थे। हालांकि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में कई वीर सपूतों ने अपना जीवन बलिदान करके देश को आजादी दिलाई। जिस दिन भारत आजाद हुआ, वह स्वतंत्रता दिवस बन गया। वहीं आजाद भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाया गया। जिस दिन भारत में संविधान लागू हुआ, वह गणतंत्र दिवस कहलाया। लेकिन गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में कई अंतर हैं। यह अंतर महज तारीखों तक सीमित नहीं, बल्कि इतिहास, नेतृत्व और मनाए जाने के तरीकों का भी है। आइए जानते हैं गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में अंतर।
15 अगस्त और 26 जनवरी का इतिहास
Independence Day 2023 :तारीखों के मुताबिक दोनों राष्ट्रीय पर्व में अंतर है। इनके इतिहास को तारीख से समझा जा सकता है। 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी से आजाद हुआ था। हर साल 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
Independence Day 2023 : देश की आजादी के लगभग तीन साल बाद यानी 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। संविधान लागू होने के बाद भारत एक संप्रभु राष्ट्र बन गया। यानी एक ऐसा गणतांत्रिक देश जो बाहरी देश के फैसलो और आदेशों को मानने के लिए बाध्य नहीं रह गया। तब से इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा।
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तिरंगा फहराने का अंतर
Independence Day 2023 :किसी भी राष्ट्रीय पर्व के मौके पर सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों पर तिरंगा फहराया जाता है। हालांकि 15 अगस्त और 26 जनवरी को तिरंगा फहराने के तरीके में अंतर होता है। दोनों ही दिन देशभर में ध्वजारोहण होता है। हालांकि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण होता है, जिसमें झंडे को नीचे से रस्सी खींचकर फहराते हैं। जबकि गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी पर तिरंगा ऊपर की ओर ही बंधा होता है। इसे पूरा खोलकर फहराया जाता है। संविधान में इस प्रक्रिया को फ्लैग अनफर्लिंग कहते हैं।
नेतृत्व का अंतर
Independence Day 2023 : दोनों ही दिन अलग अलग तरीके से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है लेकिन दोनों का एक अन्य अंतर तिरंगा फहराने वाले नेतृत्व से है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण देश के प्रधानमंत्री करते हैं। आजादी के समय देश का संविधान लागू न होने पर उच्चतम पद पर प्रधानमंत्री हुआ करते थे। इसलिए तब से ध्वजारोहण की परंपरा प्रधानमंत्री के जरिए पूरी होती है।
हालांकि गणतंत्र दिवस पर भारत का संविधान लागू होने पर देश की संवैधानिक शक्ति राष्ट्रपति में निहित कर दी गई। संवैधानिक प्रमुख होने के नाते 26 जनवरी को तिरंगा राष्ट्रपति फहराते हैं और देश के नाम संदेश जारी करते हैं।
जगह का अंतर
Independence Day 2023 : 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं और 26 जनवरी को राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं। एक अंतर दोनों को मनाने की जगह का है। स्वतंत्रता दिवस का ध्वजारोहण कार्यक्रम दिल्ली के लाल किले से होता है। वहीं गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर तिरंगा फहराया जाता है।