नयी दिल्ली: Etheletics championship 2023 ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा बुडापेस्ट के हंगरी में 19 अगस्त से होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत के 28 सदस्यीय टीम की अगुआई करेंगे. हैरान करने वाली बात है कि टीम की घोषणा भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) की जगह खेल मंत्रालय ने की. एएफआई ने हालांकि कहा कि अधिकांश प्रतिभागी खिलाड़ी मौसम से सामंजस्य बैठाने के लिए हंगरी पहुंच चुके हैं.
गत डाइमंड लीग चैंपियन चोपड़ा की नजरें बुडापेस्ट में स्वर्ण पदक जीतने पर टिकी हैं. उन्होंने अमेरिका के यूजीन में 2022 में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था. चोपड़ा इस सत्र में दो डाइमंड खिताब प्रतियोगिता जीत चुके हैं. उन्होंने पांच मई को दोहा और 30 जून को लुसाने में स्वर्ण पदक जीता. ट्रेनिंग के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव के कारण दो डाइमंड लीग प्रतियोगिताओं के बीच तीन शीर्ष टूर्नामेंट से बाहर रहने वाले 25 साल के चोपड़ा अभी स्विट्जरलैंड के मैगलिनगेन में ट्रेनिंग कर रहे हैं.
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Etheletics championship 2023 चोपड़ा का सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दोहा में 88.67 मीटर है. यह चेक गणराज्य के याकुब वाडलेच (89.51 मीटर) और जर्मनी के जूलियन वेबर (88.72 मीटर) के बाद सत्र का तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है. इस बीच एशियाई रिकॉर्ड धारक गोला फेंक खिलाड़ी तेजिंदर पाल सिंह तूर 19 से 27 अगस्त तक होने वाली इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता से हट गए हैं क्योंकि वह ग्रोइन की चोट से उबर रहे हैं. उन्होंने जुलाई में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान यह चोट लगी थी.
ऊंची कूद में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक तेजस्विन शंकर, 800 मीटर की धावक केएम चंदा और 20 किमी पैदल चाल की खिलाड़ी प्रियंका गोस्वामी (राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक) ने भी विश्व चैंपियनशिप में नहीं खेलने का फैसला किया है और इसकी जगह ये चीन के हांगझोउ में 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक होने वाले एशियाई खेलों पर ध्यान लगाएंगे.
एएफआई के एक सूत्र ने बताया,”तेजिंदर एशियाई चैंपियनशिप के दौरान लगी चोट से उबर रहे हैं और अन्य ने सूचित किया है कि वे विश्व चैंपियनशिप की जगह एशियाई खेलों पर ध्यान लगाएंगे.” तूर ने बैंकॉक में 14 जुलाई को एशियाई चैंपियनशिप में अपने दूसरे प्रयास में 20.23 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता था लेकिन ग्रोइन में दर्द के कारण अपने आगे के प्रयास नहीं किए. तूर विश्व चैंपियनशिप 2022 में भी ग्रोइन की चोट के कारण हिस्सा नहीं ले पाए थे. इस चोट के कारण उन्हें र्बिमंघम राष्ट्रमंडल खेलों से भी बाहर होना पड़ा था.
एएफआई को मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले टीम के भी विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीद थी लेकिन 30 जुलाई को क्वालीफिकेशन समय सीमा खत्म होने पर वे 17वें स्थान पर थे जबकि शीर्ष 16 टीम को रिले स्पर्धा में जगह मिली. भारत ने पुरुष भाला फेंक, पुरुष त्रिकूद और पुरुष 20 किमी पैदल चाल में अधिक तीन-तीन खिलाड़ी उतारे हैं. भारत को पुरुष भाला फेंक में चार खिलाड़ियों को उतारने का मौका मिला था क्योंकि चोपड़ा को गत डाइमंड लीग चैंपियन होने के कारण वाइल्ड कार्ड से प्रवेश मिला. हालांकि कोहनी की सर्जरी के कारण रोहित यादव प्रतियोगिता से हट गए.
एक स्पर्धा में एक देश वाइल्ड कार्ड से प्रवेश के अलावा तीन खिलाड़ी उतार सकता है. खिलाड़ी क्वलीफाइंग स्तर हासिल करने के अलावा विश्व रैंकिंग कोटा के जरिए टूर्नामेंट में जगह बना सकते हैं.
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भारतीय टीम इस प्रकार है:
महिला: ज्योति याराजी (100 मीटर बाधा दौड़), पारुल चौधरी (3000 मीटर स्टीपलचेज), शैली सिंह (लंबी कूद), अन्नु रानी (भाला फेंक) और भावना जाट (20 किमी पैदल चाल).
पुरुष: कृष्ण कुमार (800 मीटर), अजय कुमार सरोज (1500 मीटर), संतोष कुमार तमिलरनसन (400 मीटर बाधा दौड़), अविनाश मुकुंद साबले (3000 मीटर स्टीचलचेज), सर्वेश अनिल कुशारे (ऊंची कूद), जेस्विन ए्ड्रिरन (लंबी कूद), एम श्रीशंकर (लंबी कूद), प्रवीण चित्रावेल (त्रिकूद), अब्दुल्ला अबूबाकर (त्रिकूद), एल्धोज पॉल (त्रिकूद), नीरज चोपड़ा (भाला फेंक), डीपी मनु (भाला फेंक), किशोर कुमार जेना (भाला फेंक), आकाशदीप सिंह (20 किमी पैदल चाल), विकास सिंह (20 किमी पैदल चाल), परमजीत सिंह (20 किमी पैदल चाल), राम बाबू (35 किमी पैदल चाल), अमोज जैकब, मुहम्मद अजमल, मोहम्मद अनस, राजेश रमेश, अनिल राजलिंगमऔर मिजो चाको कुरियन (पुरुष चार गुणा 400 मीटर रिले).