नई दिल्लीः Ethiopia ने पेट्रोल और डीजल कारों के आयात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इथियोपिया ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्र वित्तीय उथल-पुथल से जूझ रहा है और विदेशी मुद्रा संसाधनों को सीमित करने के लिए ये निर्णय लिया गया है।
Green Transport समाधान लाया इथियोपिया
परिवहन और रसद मंत्री अलेमु सिमे ने इथियोपिया के रसद मास्टर प्लान की घोषणा की जिसमें देश में Green Transport समाधान लागू करना शामिल होगा। मंत्री इथियोपियाई संसद में शहरी विकास और परिवहन स्थायी समिति को प्रस्तुत कर रहे थे। नई नीति इथियोपिया में आंतरिक दहन इंजन (ICE) वाहनों के आयात को सीमित करती है, लेकिन यह वहां के लोगों के लिए समस्या का पूरी तरह से समाधान नहीं करती है।
आम लोगों की पहुंच से बाहर
विश्व स्तर पर इलेक्ट्रिक कारें महंगी बनी हुई हैं और बड़ी संख्या में इथियोपियाई नागरिकों के लिए ईवी अभी भी वित्तीय रूप से काफी मुश्किल सौदा होने वाली है। इथियोपिया में वाहन खरीदने में सक्षम लोगों की आबादी बहुत कम है। सिमे ने आगे कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक कारों के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का प्रयास कर रही है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि प्रतिबंध स्थायी रहेगा या अस्थायी और क्या पहले से ही पारगमन में मौजूद वाहन नई नीति से प्रभावित होंगे।
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Ethiopia में है इनका कारोबार
वर्तमान में, हुंडई, इसुजु, वोक्सवैगन, लाडा और अन्य प्रमुख वाहन निर्माताओं के पास इथियोपिया में स्थानीय असेंबली प्लांट हैं और बाजार के लिए आईसीई और इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करते हैं। इस कदम से देश के कच्चे तेल के आयात में भी कमी आनी चाहिए, जो 2023 में $6 बिलियन (लगभग ₹49,800 करोड़) था। इस कदम से भारत में वाहन निर्माता भी प्रभावित होने की संभावना है, जो अफ्रीकी राष्ट्र को कारों का निर्यात करते हैं।
EV पर सरकार का फोकस
इथियोपिया हाल के वर्षों में अधिक ईवी अपनाने पर जोर दे रहा है। सरकार ने 2022 में कम से कम 4,800 इलेक्ट्रिक बसों और 1.48 लाख इलेक्ट्रिक कारों के आयात का समर्थन करने के लिए 10-वर्षीय योजना लागू की। इसमें ईवी के वैट, अधिभार और उत्पाद शुल्क में भी कटौती की गई है। ये प्रतिबंध कब लागू होगा इसकी अभी कोई समयसीमा नहीं है।