वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस को मजबूत करने दिया बल
रायपुर। यहां चल रहे कांग्रेस के तीन दिवसीय महाधिवेशन का रविवार 26 फरवरी को आखिरी दिन है। आज राहुल गांधी ने अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मैं देश के सभी तबके से मिला। इस दौरान मैंने भारत जोड़ो यात्रा से बहुत कुछ सीखा। उन्होंने कहा कि ‘यात्रा’ से मुझे बहुत प्यार मिला, 52 साल से मेरा घर नहीं, लेकिन जब कश्मीर पहुंचा तो अपने घर जैसा लगा।
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राहुल गांधी ने कहा कि मैं सोचता था कि फिट हूं, 20-25 किमी चल लूंगा। लेकिन यात्रा शुरू होते ही घुटने का पुराना दर्द लौट आया और 10-15 दिनों में मेरा अहंकार खत्म हो गया। भारत माता ने मुझे संदेश दिया- तुम अगर कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने निकले हो तो दिल से अहंकार मिटाओ, वर्ना मत चलो। राहुल गांधी ने यहां अपनी बात इस तरह सिलसिलेवार रखी-
जब गले लगता था तो ट्रांसमिशन सा होता था
संसद में मैंने पूछा कि अडानी का PM मोदी से क्या रिश्ता है?
…तो पूरी सरकार और सारे मंत्री अडानी की रक्षा करने लगे।
कहते हैं- जो अडानी पर हमला करता है, वह देशद्रोही है। मतलब अडानी सबसे बड़े देशभक्त बन गए!
सवाल उठता है: BJP-RSS अडानी की रक्षा क्यों कर रही है?
: @RahulGandhi जी pic.twitter.com/GwRohf3GZm
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राहुल गांधी ने कहा, ‘4 महीने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक भारत जोड़ो यात्रा हमने की। वीडियो में आपने मेरा चेहरा देखा, लेकिन हमारे साथ लाखों लोग चले। बारिश, गर्मी और बर्फ में हम सब एकसाथ चले। बहुत कुछ सीखने को मिला। आपने देखा हो कि पंजाब में एक मैकेनिक आकर मुझसे मिला। मैंने उसके हाथ पकड़े और सालों की उसकी तपस्या, उसका दर्द और दुख मैंने पहचान लिया। लाखों किसानों के साथ जैसे ही हाथ मिलाता था, गले लगता था एक ट्रांसमिशन सा हो जाता था।
हम अडानी पर सवाल पूछते रहेंगे…कांग्रेस पीछे नहीं हटेगी।
: श्री @RahulGandhi pic.twitter.com/pTAnNWmgSh
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शुरुआत में बोलने की जरूरत होती थी कि क्या करते हो, कितने बच्चे हैं, क्या मुश्किलें हैं। एक-डेढ़ महीना ये चला और उसके बाद बोलने की जरूरत नहीं पड़ती थी। जैसे ही हाथ पकड़ा, गले लगे उनका दर्द एक सेकंड में समझ आ जाता था। जो मैं उनसे कहना चाहता था, बिना कुछ बोले वो समझ जाते थे।’
यात्रा शुरू की तो पुरानी चोट का दर्द उभर आया
मोदी सरकार के एक मंत्री ने कहा- चीन की अर्थव्यवस्था हिंदुस्तान से बड़ी है, तो हम उनसे कैसे लड़ सकते हैं?
जब अंग्रेज हम पर राज करते थे, तो क्या उनकी अर्थव्यवस्था हमारी अर्थव्यवस्था से छोटी थी?
इसका मतलब है कि जो आपसे शक्तिशाली है, उसके सामने अपना सिर झुका दो!
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राहुल गांधी ने कहा, ‘आपने बोट रेस देखी होगी। मैं बोट में बैठा था। मेरे पैर में भयंकर दर्द था। मैं उस फोटो में मुस्कुरा रहा हूं, मगर मेरे दिल के अंदर रोना आ रहा था। मैंने यात्रा शुरू की। फिट आदमी हूं। 10-12 किलोमीटर ऐसे ही दौड़ लेता हूं। घमंड था कि 20-25 किलोमीटर चलने में कौन सी बड़ी बात है।
पुरानी चोट थी। कॉलेज में चोट लगी थी फुटबॉल खेलते वक्त। मैं दौड़ रहा था दोस्त ने अड़ंगी मार दी थी। वो दर्द गायब हो गया था। जैसे ही यात्रा शुरू की, दर्द वापस आ गया। आप मेरा परिवार हो तो आपसे कह सकता हूं कि सुबह उठकर सोचता था कैसे चला जाए। उसके बाद सोचता था कि 25 किलोमीटर नहीं 3 हजार 500 किलोमीटर चलना है, कैसे चलूंगा।
फिर कंटेनर से उतरता था चल देता था। लोगों से मिलता था। पहले 10-15 दिन में अहंकार और घमंड गायब हो गया। क्यों गायब हुआ। क्योंकि भारत माता ने मैसेज दिया था िक तुम निकले हो कन्याकुमारी से कश्मीर के लिए तो अपने दिल से अहंकार मिटा दो। नहीं तो मत चलो। मुझे ये बात सुननी पड़ी। मुझमें इतनी शक्ति नहीं थी कि ये बात ना सुनूं।’
आज तक मेरे पास घर नहीं है
हम सत्याग्रही हैं और RSS-BJP वाले सत्ताग्रही हैं।
ये सत्ता के लिए कुछ भी कर लेंगे। किसी से मिल जाएंगे। किसी के सामने झुक जाएंगे।
ये इनकी सच्चाई है।
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उन्होंने कहा, ‘मैंने धीरे-धीरे नोटिस किया कि मेरी आवाज चुप होती गई। जम्मू-कश्मीर पहुंचा तो बिल्कुल चुप हो गया। मेडिटेशन करता हूं जैसे वैसे ही चुप हो गया। मां बैठी हैं। मैं छोटा था, 1977 की बात है। चुनाव आया, मुझे उसके बारे में कुछ नहीं मालूम था। घर में अजीब सा माहौल था। मैंने मां से पूछा मम्मी क्या हुआ। मां कहती हैं कि हम घर छोड़ रहे हैं।
तब तक मैं सोचता था कि वो घर हमारा था। मैंने मां से पूछा हम घर क्यों छोड़ रहे हैं। पहली बार मां ने मुझे बताया कि ये हमारा घर नहीं है। ये सरकार का घर है। अब हमें यहां से जाना है। मैंने पूछा कहां जाना है तो कहती हैं कि नहीं मालूम कहां जाना है। मैं हैरान था। मैंने सोचा था कि वो हमारा घर था। 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है। आज तक नहीं है।
राहुल गांधी ने जब घर छोड़ने का किस्सा सुनाया तो मंच पर बैठी सोनिया भावुक हो गईं।
हिंदुस्तान के लोगों ने जो मुझसे कहा, वो दर्द समझा नहीं सकता
मैं सोचता था कि फिट हूं, 20-25 KM चल लूंगा।
लेकिन यात्रा शुरू होते ही घुटने का पुराना दर्द लौट आया और 10-15 दिनों में मेरा अहंकार खत्म हो गया।
भारत माता ने मुझे संदेश दिया- तुम अगर कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने निकले हो तो दिल से अहंकार मिटाओ, वर्ना मत चलो।
: @RahulGandhi जी pic.twitter.com/CMtaQWYU0h
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राहुल बोले, ‘यात्रा में मेरे साथ लोग थे। लाखों लोग थे। मैं सोचता था कि मैं क्या कर रहा हूं। मकसद क्या है। मैंने अपने दफ्तर के लोगों को बुलाया। उनसे कहा कि भीड़ है लोगों को धक्का लगेगा, चोट लगेगी। हमें एक काम करना है कि मेरे साइड में 20-25 फीट तक जो जगह है, वो हमारा घर है। ये घर हमारे साथ चलेगा। सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक ये घर साथ चलेगा।
मैंने सबसे कहा कि इस घर में जो भी आएगा, अमीर हो चाहे गरीब, बुजुर्ग हो, युवा हो या बच्चा, किसी भी धर्म, किसी भी राज्य का हो, हिंदुस्तान से बाहर का हो, जानवर हो, उसे ये लगना चाहिए कि मैं आज अपने घर आया हूं। जब वो यहां से जाए तो उसे लगना चाहिए कि मैं घर को छोड़कर जा रहा हूं। जिस दिन ऐसा हुआ यात्रा जादू से बदल गई। लोग राजनीति की बात नहीं करते थे। हिंदुस्तान के लोगों ने महिलाओं ने इस देश के बारे में मुझसे जो कहा, वो आपको बता नहीं सकता। युवाओं का दर्द आपको नहीं समझा सकता।’
महिला ने हाथ पकड़ा तो मैंने वही प्यार दिया, जो बहन प्रियंका को देता हूं
कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन में सम्मिलित होने पर मुख्यमंत्री @bhupeshbaghel जी ने @RahulGandhi जी को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।#CongressVoiceOfIndia pic.twitter.com/E9Topwcj49
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राहुल गांधी ने कहा, ‘एक महिला पास आई, उसका हाथ मैंने पकड़ा और पता चल गया कि कुछ ना कुछ बात है। जो मेरा प्यार मेरी बहन के लिए है, वही प्यार मैं उसे देने लगा। मुझे अजीब सा लगा कि ये कैसे हो रहा है। मुझसे उसने कहा-राहुल भैया आपसे मिलने आई हूं। मेरा पति मुझे मार रहा है, पीट रहा है। मुझे ये सुनने को मिला। मेरा परिवार सालों पहले जम्मू-कश्मीर से आया था। मैंने सोचा कि कन्याकुमारी से मैं कश्मीर तक अपना घर ले जा रहा हूं और यहां लग रहा है कि वापस अपने घर जा रहा हूं।’
मोदी जी ने 15-20 लोगों के साथ लालचौक पर
तिरंगा फहराया और हमने लाखों लोगों के साथ
प्रधानमंत्री कहते हैं मैंने भी लाल चौक पर तिरंगा फहराया था।
PM को फर्क समझ नहीं आया…
नरेंद्र मोदी जी ने BJP के 15-20 लोगों के साथ लाल चौक पर तिरंगा फहराया।
'भारत जोड़ो यात्रा' ने कश्मीर के लाखों युवाओं के हाथ से तिरंगा फहराया।
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राहुल ने कहा, “नरेंद्र मोदी जी बीजेपी के 15-20 लोगों के साथ लाल चौक में झंडा फहराया, भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों लोगों के साथ झंडा फहराया, प्रधानमंत्री को समझ नहीं आया।
एक कश्मीरी आया और कहा कि मैं आपके साथ तिरंगा लेकर चल रहा हूं। आपने हमारे दिल में जो भरोसा दिया है। उसकी वजह से साथ चल रहा हूं। हमारे साथ भारत यात्रा में लाखों लोग जुड़े ये काम राहुल गांधी ने नहीं किया, हमारे कार्यकर्ता ने किया।’
गांधी जी कहते थे कि सत्य का रास्ता मत छोड़ो, ये सत्ता का रास्ता नहीं छोड़ते हैं
ये शेल कंपनियां जो हजारों-करोड़ भारत में भेज रही हैं, ये किसका पैसा है?
अडानी जी डिफेंस इंडस्ट्री में काम करते हैं पर सरकार को नहीं पता कि अडानी की विदेशों में शेल कंपनियां हैं।
जांच क्यों नहीं हो रही, JPC क्यों नहीं? देश की रक्षा का मामला है।
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एक नेता ने इंटरव्यू में कहा कि चीन की इकॉनमी हमसे बड़ी है तो हम उनसे कैसे लड़ सकते हैं। क्या जब अंग्रेजों से लड़ रहे थे, तो हमारी इकॉनमी उनसे बड़ी थी। क्या शक्तिमान से लड़ना ही नहीं हैं। ऐसे व्यवहार को कायरता कहा जाता है। ये सावरकर की सोच है कि जो आपसे तगड़े है तो उसके सामने सिर झुका हो।
एक मंत्री बोल रहा है कि चीन की इकॉनमी हमसे बड़ी है तो लड़ नहीं सकते हैं। इसे देशभक्ति कहते हैं क्या। ये कौन सी देशभक्ति है। जो कमजोर है, उसे मारो और जो मजबूत है उसके सामने झुक जाए। महात्मा गांधी सत्याग्रह की बात कहते थे। सत्य के रास्ते को कभी मत छोड़ो। ये लोग सत्ता के लिए कुछ भी करेंगे। किसी से भी मिल जाएंगे। ये इनकी सच्चाई है।
अडाणी की रक्षा क्यों कर रहे हैं भाजपा और संघ
प्रधानमंत्री के जादू ने 2014 में 609वें रैंक वाले अडानी को दुनिया का दूसरा सबसे अमीर व्यक्ति बना दिया।
राजनीति और व्यापार के ऐसे रिश्ते से ‘मित्र’ का बिजनेस कैसे बढ़ाएं, इसमें मोदी जी को ‘गोल्ड मेडल’🥇मिलना चाहिए।https://t.co/lHjFgL9qnF pic.twitter.com/q7nm0AMn9z
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 7, 2023
मैंने संसद में एक उद्योगपति के खिलाफ मोर्चा खोला। मैंने एक फोटो दिखाई,जिसमें मोदीजी अडाणी के साथ प्लेन में बैठे हैं। मैंने पूछा रिश्ता क्या है। पूरी सरकार, सभी मंत्री अडाणीजी की रक्षा करने लग गए। अडाणी पर हमला करने वाला देश द्रोही और अडाणी देशभक्त बन गए। भाजपा और संघ उस व्यक्ति की रक्षा कर रहे हैें। सवाल है कि रक्षा क्यों कर रहे हैं। ये जो शेल कंपनियां हैं, हजारों करोड़ रुपया हिंदुस्तान भेज रही हैं, ये किसकी हैं। इसमें किसका पैसा है। जांच क्यों नहीं हो रही है। जेपीसी क्यों नहीं बन रही है।
रोजगार, शिक्षा और कृषि-किसान कल्याण जैसे मुद्दो पर होगी चर्चा
138 साल के कांग्रेस के इतिहास में अब तक 85 महाधिवेशन हुए और उन सबमें देश की दिशा को बदलने वाले फैसले हुए।
जनता के सरोकारों से जुड़ी देश की जितनी महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, उनमें कई ऐसी हैं जिनके मूल विचार हमारे अधिवेशनों से आए।
– कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge pic.twitter.com/hBgjGMoyX6
— Congress (@INCIndia) February 26, 2023
रविवार यानी आज 26 फरवरी को अधिवेशन के आखिरी दिन राहुल गांधी के भाषण के बाद 3 प्रस्तावों पर चर्चा होगी। दोपहर 2 बजे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का संबोधन होगा। 3 बजे मेगा रैली के साथ अधिवेशन समाप्त हो जाएगा। अधिवेशन में कृषि-किसान कल्याण, युवा रोजगार, शिक्षा और सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण जैसे प्रस्ताव पर बात होगी। अधिवेशन के समापन में होने वाली मेगा रैली में करीब दो लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है।
खड़गे बोले- मजबूत कांग्रेस से बुलंद भारत बनेगा
हमारा लक्ष्य#CongressVoiceOfIndia pic.twitter.com/QRkllh2vZq
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) February 25, 2023
खड़गे बोले- सबसे बड़ी चुनौती आंबेडकर के संविधान को बचाने की है। कांग्रेस का मतलब है…सेवा और समर्पण। करुणा और न्याय, निर्भरता और अनुशासन, हर एक कार्यकर्ता इसी भावना का प्रतीक है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा- अगले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनावों में 50 फीसदी सीटें, महिला, युवाओं और एसटी-एससी को दी जाएंगी।
मैं पूछता हूँ कि हमारा देश किस दोराहे पर आ खड़ा हुआ है, जहाँ अन्नदाता किसान की प्रतिदिन की आय ₹27 है, और प्रधानमंत्री के एक दोस्त की आय प्रतिदिन ₹1,000 करोड़ है ।
रोज इश्तेहार में खुद को छपवाने वाले दिल्ली के राजा 'प्रधान सेवक' हैं या 'मित्र सेवक' ? #CongressVoiceOfIndia pic.twitter.com/No7BII9Q73
— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 25, 2023
अधिवेशन में कई विषयों पर चर्चा हुई है। इससे पार्टी मजदूत होगी। हमने जिन प्रस्तावों की मंजूरी दी है। इससे भारत का एक नया इतिहास रचेगा। जिन राज्यों में हमारी सरकारें बनेंगी, वहां नए प्रस्तावों पर काम होगा, जहां सरकार नहीं होगी, वहां विपक्ष में रहकर ये मुद्दे उठाएं जाएंगे।
उन्होंने कहा-आजादी के पहले और आजादी के बाद हमने लंबा उतार चढ़ाव का देखा है। आजादी के लिए कांग्रेस ने 62 साल संघर्ष किया। इस लिए देश की जनता आज भी हमसे आजादी की उम्मीद करती है। एकता अनुशासन की जरूरत है। राहुल जिन पथरीलें रास्तों पर चलकर जो माहौल बनाया है, अब आगे उसकी जिम्मेदारी हम सबको निभाना है।
अब कांग्रेस को क्या करना है…
बीजेपी-आरएसएस के विचारधारा के खिलाफ लड़ाई और तीव्र होगी।
आर्थिक सार्वजनिक संपत्ति का निजीकरण, बढ़ती महंगाई, हमारी सबसे बड़ी चुनौती होगी।
किसान और खेत मजदूर को आर्थिक लाभ हो इस पर काम करते रहना है।
कृषि का निजीकरण न हो इस पर काम करना है।
जाति जनगणना फिर से कराने पर काम किया जाएगा।
विदेश नीति को लेकर सरकार जो गलतियां कर रही है, उसे बातते रहेंगे।
प्रियंका बोलीं- किसानों के कर्ज माफी नहीं होते, उद्योगपतियों के हो जाते हैं
वे लोग जो देश की राजनीति को देखकर समझ रहे हैं कि कुछ गलत हो रहा है, उन्हें एक मंच देना हमारा काम है, उनकी आवाज को बुलंद करना हमारा काम है।
वहीं वे लोग जो यह नहीं समझ रहे हैं, उन्हें भी यह बताना और समझाना हमारा काम है।
:@priyankagandhi जी#CongressSankalp2024 pic.twitter.com/VKecJLuFh3
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इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा-नौजवानों के पास रोजगार नहीं है, नौजवान परीक्षा देकर घोटालों में उलझ जाते हैं, गिन-चुने उद्योगपति आगे बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा-हमारे संगठन के सामने बड़ी चुनौती है। हमे बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ लड़ना है।
कश्मीर की महिलाएं भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होकर मुझसे बोलीं तीन साल से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हुई, लेकिन इस यात्रा ने हमें बाहर निकलने की हिम्मत दी है। हमें एकजुट होकर लड़ना है। नौजवानों के पास रोजगार नहीं है, नौजवान परीक्षा देकर घोटालों में उलझ जाते हैं, गिन-चुने उद्योगपति आगे बढ़ते जा रहे हैं। किसानों के कर्ज माफी नहीं होते,और उद्योगपतियों के कर्ज माफ हो रहे हैं।