चुनावी समय में छत्तीसगढ़ के सभी संगठन अपनी मांगों को लेकर एकजुट हो गए हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिशन ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए बिगुल फूंक दिया है। रायपुर में विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में है। दरअसल, छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के प्राइवेट स्कूल संचालकों के 250 करोड़ रुपए रोक दिया है। इसे लेकर एसोसिएशन बेहद नाराज है। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ एसोसिएशन 14 सितंबर को प्रदेशभर के निजी स्कूलों को बंद रखेंगे। प्रदेशभर के निजी स्कूलों में 14 सितंबर को तालाबंदी कर जंगी प्रदर्शन की तैयारी है।
एसोसिएशन ने इस संबंध में अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे को ज्ञापन भी सौंपा है। अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार को अवगत कराया है। संगठन 8 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर लड़ाई लड़ेगा। आंदोलन के पहले चरण में 14 सितंबर को प्रदेश के सभी निजी स्कूल बंद रहेंगे। इसके बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से मांगें पूरी नहीं करने पर सड़क पर उतरेंगे। आंदोलन के दूसरे चरण में 21 सितंबर को प्रदेश के सभी निजी स्कूल संचालक रायपुर में एकत्र होकर विभाग के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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‘250 करोड़ राशि अब तक नहीं मिली’
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि आरटीई के तहत निजी स्कूलों को 250 करोड़ राशि अब तक नहीं मिली है। विभागीय अधिकारी समस्या का निदान नहीं कर रहे हैं। समय पर पैसे नहीं मिलने से छोटे स्कूलों के संचालन में काफी परेशानी हो रही है। हर बार आश्वासन दिया जा रहा है पर समस्या जस की तस है, इसलिए ऐसा कदम अख्तियार करना पड़ रहा है।
इन 8 मांगों को लेकर जंगी प्रदर्शन की तैयारी
पिछले 12 वर्षों से आरटीई की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इस दौरान प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी तक की पढ़ाई में आरटीई की राशि बढ़ा दी गई।
स्कूल बसों की पात्रता अवधि छत्तीसगढ़ में 12 वर्ष है। इसे बढ़ाकर 15 वर्ष किया जाए।
निजी स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं को भी सरस्वती साइकिल योजना का लाभ दिया जाए।
निजी स्कूलों के सभी खातों को पीएफएमएस के अंतर्गत पंजीकृत किया जाए।
गणवेश की राशि 540 रुपए से बढ़कर 2000 की जाए।
निजी विद्यालय में अध्ययनरत एसी, एसटी, ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों को मिलने वाले प्री मैट्रिक और पोस्ट मीट्रिक छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाई जाए।
निजी स्कूलों के अध्यापकों को स्कूली शिक्षा में भर्ती पर बोनस अंक प्रदान किया जाए। जैसे आत्मानंद के शिक्षकों को दिया जाता है।