Lok sabha Election result 2024: नईदिल्ली: देश में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने लगे हैं। इस बीच एक बड़ी खबर भी सामने आयी है। और वह यह खबर है कि इंडिया गठबंधन ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को देश का डिप्टी पीएम बनाने का आफर दिया है। हालाकि एनडीए गठबंधन इस समय आगे है, लेकिन इंडिया गठबंधन भी चुनाव में पहले से बेहतर स्थिति में है और वह किसी भी सूरत पर सरकार बनाने की फिराक में हैं। सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार को उपप्रधानमंत्री का ऑफर मिला है।
सूत्रों के मुताबिक यह भी खबर है कि शरद पवार ने भी नीतीश कुमार से बात की है। हालांकि, जेडीयू की ओर से ये कहा गया है वह एनडीए का ही हिस्सा रहेगी, लेकिन यह बात नीतिश कुमार ने नहीं बल्कि सीनियर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने यह बात कही है।
यहां पर आपको बता दें कि जब नीतीश कुमार बिहार में महागठबंधन की सरकार चला रहे थे और कांग्रेस के अलावा आरजेडी साथ थी तो नीतीश कुमार ने ही विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए बैठकें शुरू की थी, लेकिन बाद में उन्होंने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया था, ऐसे में इंडिया ब्लॉक ये मानकर चल रहा है कि नीतिश कुमार को फिर से वापस लाया जा सकता है।
sharad pawar offer to deputy pm post to nitish kumar
ये दोनों नेता इंडिया गठबंधन के पाले में आते हैं तो—
गौरतलब है कि महागठबंधन का साथ छोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी से हाथ मिला लिया था और एनडीए का हिस्सा हो गए थे। यही वजह है कि इस समय राजनीतिक हचलच तेज है। खबर यह भी है कि विपक्ष तेलगू देशम पार्टी से भी चर्चा कर सकती है, अगर ये दोनों नेता इंडिया गठबंधन के पाले में आते हैं तो 30 से अधिक सीटें विपक्ष की तरफ चली जाएगी।
रुझानों के मुताबिक इस समय बीजेपी 239 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं 3 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। वहीं एनडीए की बात करें तो करीब 300 के पास है। इसके अलावा इंडिया गठबंधन 228 सीटों पर आगे है।
आपको बता दें कि दिल्ली दौरे पर आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना रवाना होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ फोन पर लंबी बातचीत की थी। वहीं सोमवार को दिन में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। पीएम आवास पर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात और इसके कुछ घंटे बाद ही बीजेपी के रणनीतिकार एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ फोन पर हुई नीतीश कुमार की बातचीत को मंगलवार को होने वाली काउंटिंग और चुनावी नतीजों के बाद बनने वाली सरकार के गठन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था।