मात्र ढाई लाख में पेश है TATA Nano की नई चमचमाती पेशकश, बाइक की कीमत में अब कार, भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट नेनो ने एक बार फिर से अपनी धाक जमाने की कोशिश की है। परिवार के साथ लंबी यात्रा करने के लिए यह कार सबसे बेस्ट साबित हुई है। छोटी सी लखटकिया कार को हर किसी ने काफी पसंद किया है। इस कार को पेश करने के लिए रंतन टाटा ने अहम भूमिका निभाई है।
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टाटा नैनो कार
टाटा नैनो की कार बेहद कम कीमत में आपको मिल जाती है। साल 2009 में हर किसी भारतीय के घर पर यह कार हो इसके लिए टाटा मोटर्स कंपनी ने टाटा नैनो की कीमत इतनी कम रखी थी कि हर वर्ग के लोग इस कार को खरीदकर अपने सपनो का साकार कर सके। हालांकि, कुछ साल में यह कार मार्केट से गायब हो गई जिसके चलते कंपनी ने प्रोडक्शन कम कर दिया। वहीं, BS-IV उत्सर्जन मानदंड लागू होने के बाद नैनो कार को बंद करने का फैसला किया गया। एक बार फिर टाटा नैनो की नई पेशकश पेश है।
रतन टाटा की यह नैनो कार गरीबो के लिए मसीहा बनकर आई है। रतन टाटा के द्वारा लॉच की जाने वाली इस कार का मकसद ही यही था कि मिडिल क्लास के लोगो के लिए यह वरदान बनकर साबित हो। अपने सपने को साकार करने के लिए रतन टाटा ने स्कूटर को कार में तब्दील कर दिया। जिससे पूरा परिवार एक साथ बैठकर अराम के साथ सफर कर सके। आल्टो से भी कम कीमत के साथ पेश हुई टाटा नैनो उन आम लोगो के लिए थी जो कार के सपने तो देखते है। आप इस कार को ढाई लाख में खरीदकर अपने कार खरीदने के सपने को साकार कर सकते है।
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कई लोग ऐसे है जो कार खरीदने में सक्षम नहीं है। हालांकि, रतन टाटा का यह सपना सच होकर भी बुरी तरह बिखर गया। टाटा नैनो के नाकाम होने की वजह इसके टैग को माना गया। तमाम एक्सपर्ट यह मानते हैं कि लोगों ने गरीबों की कार के टैग या लखटकिया कार के नाम को हीन भावना से जोड़ कर देखा। यही वजह है कि नैनो कार फ्लॉप हो गई। अब इस बार रतन टाटा की नैनो क्या कमाल करती है।