माता कौशल्या महोत्सव: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बीते तीन दिनों से चल रहे माता कौशल्या महोत्सव का आज समापन होने जा रहा है। जिसमें मशहूर सिंगर कैलाश खेर द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। इस अवसर पर सीएम भूपेश बघेल भी शामिल होंगे। इसमें मानस मंडलियों को सम्मानित किया जाएगा।
Read More: माता कौशल्या महोत्सव: मशहूर सिंगर कविता पौडवाल, मैथिली और व्योमेश कल भगवान राम के ननिहाल में बांधे समा…
मातृ शक्ति को समर्पित विश्व का एकमात्र कौशल्या माता मंदिर छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में स्थित है। नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए मंदिर प्रांगण में तीन दिवसीय माता कौशल्या महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। आज महोत्सव के तीसरे दिन का समापन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विशिष्ट आतिथ्य में होगा। इस दौरान देश के मशहूर गायक पद्म श्री कैलाश खेर अपने भक्तिमय गीतों से माता कौशल्या धाम में दर्शकों के सामने अपनी मनमोहक प्रस्तुति देंगे।
माता कौशल्या महोत्सव आज अंतिम दिन…
माता कौशल्या महोत्सव: आपको बता दें बीते तीन दिन पहले शुरू हुए इस माता कौशल्या महोत्सव का कार्यक्रम आज समाप्त होने जा रहा है। जिसमें अंतिम दिन मशहूर गायक पद्मश्री कैलाश खेर माता कौशल्या धाम में अपनी प्रस्तुति देने वाले हैं। इतना ही नहीं इसमें स्थानीय मानस मंडली, रायगढ़ और मुंबई के कलाकारों द्वारा भी भक्तिमय प्रस्तुति दी जाएगी। पहली बार आयोजित महोत्सव से चंद्रखुरी गांव के ग्रामीण श्रद्धा भक्ति में सराबोर हो रहे हैं। शाम 5 बजे से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में सांस्कृति संध्या पर भक्ती की गंगा बहगी। इतना ही नहीं इसमें सीजी के सीएम भूपेश बघेल शामिल होकर मानस मंडलियों को सम्मानित भी करेंगे।
Read More:माता कौशल्या महोत्सव के दूसरे दिन क्लासिकल सिंगर मैथिली ठाकुर के गीतों से गूंजेगा चंदखुरी…
माता कौशल्या महोत्सव में दिखी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक..
माता कौशल्या महोत्सव: 22 अप्रैल से शुरू हुए इस कार्यक्रम में विभिन्न स्व सहायता समूहों द्वारा स्टॉल लगाए गए। जिसमें छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिली। इतना ही नहीं महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार मेला, उत्सवों एवं अन्य प्रदर्शनी आदि कार्यक्रमों के अवसर पर स्व-सहायता समूह द्वारा उत्पादित वस्तुओं के विक्रय एवं प्रचार-प्रसार हेतु को बाजार उपलब्ध के उद्देश्य से स्टॉल लगाए गए। माता कौशल्या महोत्सव के मौके पर भी महिला स्व-सहायता द्वारा उत्पादित वस्तुओं को विक्रय के लिए नौ स्टॉल तैयार किए गए हैं, जहां छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है।