रायपुर: जल जीवन मिशन से छत्तीसगढ़ के गांवों की बदली तस्वीर बदल रही है. अब ग्रामीणों को पेयजल के लिए दूर नहीं जाना पड़ रहा है, बल्कि घर के आंगन में नल से गिर रही पानी की धार ने महिलाओं का जीवन ही बदल दिया है. जल जीवन मिशन महज हर घर तक पेयजल पहुंचाने की योजना नहीं है, बल्कि यह दूरस्थ अंचलों और गांवों में महिलाओं की दिनचर्या और जीवन में बड़ा बदलाव लाने का माध्यम बन रहा है.
गांवों में परंपरागत रूप से घर में पेयजल और अन्य जरूरतों के लिए पानी के इंतजाम का जिम्मा महिलाओं पर ही है. घर तक पानी की पहुंच न होने के कारण उन्हें हैंडपंपो, सार्वजनिक नलों, कुंओं या अन्य स्रोतों से रोज पूरे परिवार के लिए जल संकलन करना पड़ता है. यही वजह है कि हर घर नल से जल के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नल जल मिशन की शुरुआत की है.
पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप सूबे की विष्णुदेव सरकार ने जल जीवन मिशन को सुदूर गांवों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ के 33 जिलों के 50,00,571 घरों में पेयजल पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के तहत घरों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए निःशुल्क घरेलू नल कनेक्शन देने का अभियान चलाया जा रहा है. जल जीवन मिशन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन 55 लीटर के हिसाब से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए सभी जिलों में कार्ययोजना तैयार कर तेजी से काम किया जा रहा है.
इस अभियान के तहत 50 लाख 05 हजार 147 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिया जा रहा है. फिलहाल 39 लाख 50 हजार 400 घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं. छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के तहत घरों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए निःशुल्क घरेलू नल कनेक्शन देने का अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत 50 लाख 05 हजार 147 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिया जाना है. फिलहाल, 39 लाख 50 हजार 400 घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं. रायपुर के सर्वाधिक 154 गांवों में नल जल योजना से पानी पहुंचाने का काम पूरा हो चुका है.
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में सबसे ज्यादा 1 लाख 96 हजार 667 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिया गया है. रायगढ़ जिला दूसरे नंबर पर है,जहां1 लाख 95 हजार 983 कनेक्शन दिए गए हैं. वहीं जांजगीर चांपा जिले में 1 लाख 82 हजार 437 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिया गया है, और यह तीसरे स्थान पर है. जल जीवन मिशन के तहत घरेलू नल कनेक्शन के अलावा स्कूल, उपस्वास्थ्य केंद्र और आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी रनिंग वाटर की व्यवस्था की जा रही है. छत्तीसगढ़ के 43 हजार 924 स्कूलों, 41 हजार 663 आंगनबाड़ी केन्द्रों और 17 हजार 319 ग्राम पंचायत भवनों और सामुदायिक उप स्वास्थ्य केन्द्रों में टेप नल के जरिए शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है. जमीनी स्तर पर राज्य में सिंगल विलेज स्कीम और मल्टी विलेज स्कीम और अन्य पेयजल योजनाओं सहित जल जीवन मिशन के कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.
जल जीवन मिशन से महिलाओं की समस्याएं भी कम हो रही हैं. अब महिलाओं को पेयजल के लिए कोसों दूर से नदी, कुआं और झिरिया से पानी लाने के लिए जद्दोजहद नहीं करनी पड़ रही है. पीएचई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 33 जिलों के 2,186 गांवों में हर घर जल को शत-प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. 665 गांव सरकार की ओर से प्रमाणित भी हो चुके हैं.17 जिलों में 76 प्रतिशत से अधिक घरों में नल से जल पहुंच रहा है.
धमतरी जिले में 97.89 और रायपुर जिले में 92.97 प्रतिशत घरों में नल से जल पहुंच रहा है. सुकमा जिले के ग्राम पंचायत झापरा के गांव कोसाबंदर में 83 परिवार हैं. जल जीवन मिशन कार्यक्रम शुरू होने से पहले गांव में 11 हैंडपंप और चार बोरवेल लगे थे, जिनमें से ज्यादातर गर्मियों में सूख जाते थे. अब जल जीवन मिशन योजना के तहत सोलर आधारित पेयजल योजना के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है. महिलाओं का कहना है कि खेत में कृषि कार्य करने के पश्चात घर आने पर पानी के लिए दूर हैंडपंप और कुंआ जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. घर के द्वार पर ही दैनिक उपयोग के लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पानी मिल रहा है.
बस्तर जिले के ग्राम बकावंड की वर्तमान जनसंख्या 697 है. जल जीवन मिशन के पूर्व पेयजल व्यवस्था के लिए 18 हैंडपंप थे, जिनसे लौहयुक्त पानी आता था. निस्तारी के लिए एकमात्र तालाब गर्मी में सूख जाता था. सरपंच रैवारी बघेल और मितानिन हीरामनी सेठिया ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत सभी परिवारों को हर घर नल के माध्यम से 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिवस शुद्ध पेयजल मिल रहा है. गांव शत-प्रतिशत हर घर जल प्रमाणीकृत बन गया है. गांव में शुद्ध पेयजल की जांच के लिए फील्ड टेस्टिंग किट का प्रशिक्षण देकर जल वाहिनी का गठन किया गया है.
हर घर नल से जल पहुंचाने के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष-2019 में जल जीवन मिशन शुरू किया गया था. इसके बाद घरों में नल से जल पहुंचने की गति ने तेजी पकड़ी. 15 अगस्त 2019 तक राज्य के 3,19,741 घरों में नल कनेक्शन था, जो वर्तमान में 38,79,315 तक पहुंच गया है. अधिकारियों का कहना है कि जल जीवन मिशन लागू होने के बाद से घरों तक नल से जल पहुंचाने में तेजी आई है.मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हर घर नल से जल पहुंचाने की गारंटी दी है. इस पर तेजी से काम हो रहा है. इसके लिए राज्य सरकार के बजट में चार हजार पांच सौ करोड़ रूपये का प्रविधान किया गया है.
प्रधानमंत्री के योजना अनुसार, सभी घरों में दैनिक जरूरत के लिए प्रति व्यक्ति 55 लीटर जल नल से उपलब्ध कराया जाना है.छत्तीसगढ़ में हर घर में नल से जल पहुंचाने के जल जीवन मिशन का 79 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो गया है. प्रदेश में 4142 ऐसे गांव हैं जहां के शत-प्रतिशत घरों में नल से पानी पहुंच रहा है.
जल जीवन मिशन के अंतर्गत 19 जिलों में 77 प्रतिशत से अधिक काम पूरे कर लिए गए हैं. हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए धमतरी जिले में मिशन का 98 प्रतिशत, रायपुर में 94 प्रतिशत, राजनांदगांव में 89 प्रतिशत, जांजगीर-चांपा में 88 प्रतिशत, दुर्ग और मुंगेली में 87 प्रतिशत, बालोद में 86 प्रतिशत तथा गरियाबंद और सक्ती में 85 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है.
मिशन के तहत बेमेतरा में 84 प्रतिशत, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और बस्तर में 83 प्रतिशत, कबीरधाम और महासमुंद में 82 प्रतिशत, रायगढ़ में 81 प्रतिशत, कोंडागांव में 79 प्रतिशत, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 78 प्रतिशत तथा दंतेवाड़ा और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 77 प्रतिशत से अधिक काम पूर्ण हो चुके हैं.
खारे पानी, भू-जल में भारी तत्वों की मौजूदगी या जल स्तर के ज्यादा नीचे चले जाने की समस्या से जूझ रहे गांवों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति के लिए 71 मल्टी-विलेज योजनाओं का काम प्रगति पर है. इनके माध्यम से 3234 गांवों के दस लाख से अधिक घरों में पेयजल के लिए सतही (नदी) जल पहुंचाया जाएगा. जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए राज्य शासन द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के बजट में राज्यांश के रूप में 4500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
जल जीवन मिशन विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने वाला एक क्रांतिकारी अभियान है. इस मिशन के जरिए बच्चों के स्वास्थ्य को भी सुरक्षा मिल रही है. बच्चों और बड़ों में होने वाली जलजनित बीमारियों से निजात मिल रही है. महिलाओं को उनके घरेलू कामकाज के लिए ज्यादा वक्त मिलने लगा है. इस बचे हुए अतिरिक्त समय का उपयोग महिलाएं, अपने आर्थिक गतिविधियों के लिए कर रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर तक नल से जल पहुंचाने के सपने को पूरा करने का जल जीवन मिशन पेयजल के साथ ही महिलाओं को कई समस्याओं से निजात दिला रहा है. घर तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचने से वे अब कई चिंताओं से मुक्त हो गई हैं. अब रोज-रोज उन्हें पानी के लिए बहुत सारा श्रम और समय नहीं लगाना पड़ता और उन्हें घर के दूसरे कामों, बच्चों की परवरिश, खेती-बाड़ी एवं आजीविका के अन्य कार्यों के लिए अधिक समय मिल रहा है और वे इन कार्यों पर अपना ज्यादा ध्यान व समय दे पा रही हैं.
बारहों महीने घर पर ही हो जाने वाली जलापूर्ति ने महिलाओं को बारिश और गर्मी के दिनों में होने वाली पेयजल का संकट जल जीवन से दूर कर दिया है. गर्मियों में जलस्तर के नीचे चले जाने और बरसात में लगातार बारिश होने से जल की गुणवत्ता प्रभावित होती है. गुणवत्ताहीन पेयजल से पेट की समस्या और निस्तारी के लिए खराब जल के उपयोग से त्वचा संबंधी रोगों का खतरा रहता है. जल जीवन मिशन ने सेहत के इन खतरों को भी दूर कर दिया है.
जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर में रोज प्रति व्यक्ति 55 लीटर जल की आपूर्ति की जा रही है. घर तक जल की सुलभ और पर्याप्त पहुंच से महिलाओं के ‘किचन गार्डन’ (बाड़ी) के लिए भी पानी मिल रहा है. इसके लिए भी उन्हें अब अतिरिक्त समय और श्रम नहीं लगाना पड़ रहा है. इस्तेमाल किए हुए जल का सदुपयोग करते हुए इससे वे अपनी बाड़ी में लगाए सब्जी-भाजी की सिंचाई कर रही हैं. उनका यह काम परिवार के सुपोषण का द्वार भी खोल रहा है.