ChatGPT, ChatGPT-4, OpenAI, Sam Altman, ये सारे नाम पिछले दो साल के अंदर उतनी ही तेजी से सामने आए हैं, जितनी तेजी से AI. आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नाम लो तो मुमकिन है साथ में Sam Altman का नाम भी आ जाए. लेकिन क्या आपने Prafulla Dhariwal का नाम सुना है? इसमें शायद की जरूरत नहीं, क्योंकि नहीं सुना होगा. मगर जो हम कहें कि जिस सैम बाबू का नाम हम सुनते हैं उन्होंने इन भाईसाहब का नाम सुना नहीं बल्कि रटा हुआ है तो शायद आपको भरोसा नहीं होगा. इसलिए,
कौन है Prafulla Dhariwal?
हिन्दी फिल्म स्टाइल में कहें तो गिफ्टिड चाइल्ड, Indian prodigy, नेशनल स्कॉलर विनर, ओलंपिक गोल्ड पदक विजेता और भी बहुत कुछ. साथ में पुणे का मुलगा. प्रफुल्ल ने साल 2016 में ही Open AI को जॉइन कर लिया था. ये तब की बात है जब कंपनी ढंग से स्टार्ट भी नहीं हुई थी और खुद प्रफुल्ल MIT (Massachusetts Institute of Technology) में पढ़ाई कर रहे थे. साल 2017 में 5.0 GPA के साथ उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन खत्म की. इतना पढ़कर आपके मन में सवाल होगा कि ऐसा क्या ही था उनके पास जो सैम ने उनको ग्रेजुएशन से पहले ही हायर कर लिया.
आज से इस नाम को भी जान लीजिए, क्योंकि आने वाले वक्त में, जिसे AI का दौर कहा जा रहा है, उसमें Prafulla Dhariwal का नाम टॉप लेवल पर सुनाई देगा. एक भारतीय जिन्होंने Open AI के नए फ्लैगशिप मॉडल GPT-4o’s को डेवलप किया है. जो आपको लगे कि हम ऐसा कह रहे तो नहीं जनाब, खुद Sam Altman ने प्रफुल्ल को इसका क्रेडिट दिया है.
GPT-4o would not have happened without the vision, talent, conviction, and determination of @prafdhar over a long period of time. that (along with the work of many others) led to what i hope will turn out to be a revolution in how we use computers. https://t.co/f3TdQT03b0
— Sam Altman (@sama) May 15, 2024
प्रफुल्ल के पास थी शानदार-जबरदस्त-जिन्दाबाद एजुकेशन और तमाम उपलब्धियां. जैसे साल 2009 में उन्होंने भारत सरकार की National Talent Search स्कॉलरशिप जीती थी. इसी साल उन्होंने चीन में हुए Astronomy ओलम्पिक में गोल्ड मैडल भी जीता. साल 2012 में उन्होंने मैथ ओलम्पिक और साल 2013 में फिज़िक्स ओलम्पिक में गोल्ड जीता था. 12वीं के इम्तिहान में उन्होंने फिज़िक्स, मैथ और केमेस्ट्री के 300 नंबर के पेपर में 295 नंबर स्कोर किए.
Maharashtra Technical Common Entrance Test में 190 और JEE-Mains में 360 में से 330 भी प्रफुल्ल के हिस्से आए. अब बस आगे नहीं बताना क्योंकि ‘प्रफुल्ल आज मैं वाकई थक गई!’
इसके बाद MIT और Open AI का सफर, जिसमें उन्होंने चैट बॉट के प्रारंभिक मॉडल GPT-3 को डेवलप किया. इसके बाद DALL-E 2. अभी भी भरोसा नहीं होता तो गूगल पर Prafulla Dhariwal टाइप कीजिए. DALL-E 2 नजर आएगा.
चलते-चलते एक सवाल. क्या एक और टेक कंपनी में इंडियन सीईओ नजर आएगा?