विधानसभा में बजट सत्र की शुरूआत पर एक मार्च
को राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन का अभिभाषण
माननीय सदस्यगण,
अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि छत्तीसगढ़ की पंचम विधानसभा का सोलहवां सत्र, फाल्गुन चैत्र के पावन माह में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर मैं आप सबका हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आप सभी को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में प्राप्त जनादेश से वर्तमान राज्य सरकार का गठन हुआ था। मेरी सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल का यह पांचवां बजट सत्र है।
वर्ष 2023-24 के बजट सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श और निर्णय की कार्यवाही आप लोगों द्वारा की जाएगी। ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ तथा सेवा जतन-सरोकार के ध्येय वाक्य के साथ जो ‘छत्तीसगढ़ मॉडल की शुरुआत हुई थी, उसे मुकाम तक पहुंचाने में मेरी सरकार के प्रयासों में भागीदार बनने के लिए, मैं आप सबको धन्यवाद ज्ञापित करता हूं।
2. किसान, खेती, ग्रामीण विकास और इससे जुड़े विभिन्न क्षेत्रों का समन्वित और सर्वांगीण विकास मेरी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है। इस दिशा में प्रचलित परिपाटियों में सुधार के साथ अनेक नए उपाय भी किए गए, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के किसान व ग्रामीण परिवार तेजी से समृद्ध और खुशहाल हुए हैं।
3. अपने प्रदेश की माटी को जहरीले रसायनों से मुक्त करने की बड़ी चुनौती मेरी सरकार ने स्वीकार की है ताकि जमीन का उपजाऊपन, फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता में वृद्धि हो। इसके लिए विभिन्न तकनीकी उपायों के साथ ही जनभावनाओं के स्तर पर भी पहल की गई और प्रतिवर्ष अक्ति त्यौहार को माटी पूजन दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की गई। Governor Vishwabhushan Harichandan’s speech on March 1 at the beginning of the budget session in the Legislative Assembly
4. मेरी सरकार ने ‘सुराजी गांव योजना के माध्यम से ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी’ के संरक्षण, बहुआयामी विकास और उसके माध्यम से आजीविका के अवसरों को बढ़ाया है। ‘नरवा’ के उपचार से भूमिगत जलस्तर में वृद्धि हो रही है, वहीं गौठानों को गौमाता की सेवा के साथ ही जैविक खाद बनाने व अन्य आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बनाया गया है। सतत एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट को सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
5. ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत गोबर खरीदी की मात्रा 100 लाख क्विंटल तथा गोबर खरीदी की राशि 200 करोड़ रुपए को पार कर चुकी है। 28 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट प्लस का उत्पादन किया गया है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। गौठान समिति के माध्यम से गौ-मूत्र का क्रय भी किया जा रहा है और इससे जैविक कीट नियंत्रक एवं जीवामृत जैसे उपयोगी उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। गोधन और गौ-मूत्र के कार्य से पशु पालकों, गौठान समितियों तथा स्व-सहायता समूहों को होने वाली आय 400 करोड़ रुपए को पार कर चुकी है। गौठानों को ‘ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने की नई पहल से गांव-गांव में बड़े पैमाने पर अनेक वस्तुओं के उत्पादन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। गोबर से प्राकृतिक पेंट निर्माण हेतु 75 गौठानों का चयन कर 84 लोगों को प्रशिक्षण हेतु राजस्थान भेजा गया है। 13 जिलों में 23 पेंट निर्माण इकाई लगाने की कार्यवाही शुरू की गई हैं, जिसमें 3 जिलों रायपुर, दुर्ग एवं कांकेर में उत्पादन भी शुरू किया जा चुका है।
6. 5 हजार 874 गौठानों में चारागाह विकसित किए जा चुके हैं, जिसमें 2 लाख 30 हजार क्विंटल हरा चारा का उत्पादन तथा 15 लाख 80 हजार क्विंटल सूखा चारा पैरा इकट्ठा किया जा चुका है जो पैरादान के लिए मेरी सरकार के आह्वान का सुखद परिणाम है।
7. मेरी सरकार ने प्रदेश की प्रमुख फसल धान को भरपूर सम्मान दिया है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की सटीक व्यवस्था और मिलिंग की सही नीति से राष्ट्रीय स्तर के कीर्तिमान बने हैं। वर्ष 2017-18 में 12 लाख 6 हजार किसानों ने 19 लाख 36 हजार हेक्टेयर रकबे में उपजाया 56 लाख 89 हजार मीटरिक टन धान बेचा था, वहीं मेरी सरकार के विशेष प्रयासों के कारण इस वर्ष 23 लाख 50 हजार किसानों ने 30 लाख 14 हजार हेक्टेयर रकबे में उपजाया 1 करोड़ 7 लाख 53 हजार मीटरिक टन धान समर्थन मूल्य पर बेचा है। इस तरह छत्तीसगढ देश में सर्वाधिक किसानों से धान खरीदने वाला प्रथम, धान की सर्वाधिक कीमत देने वाला अव्वल और सेंट्रल पूल में चावल देने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है। धान के साथ ही अन्य फसलों के उत्पादन में भी छत्तीसगढ़ तेजी से आगे बढ़ रहा है।
8. प्रदेश में पारंपरिक रूप से उगाई जाने वाली कोदो, कुटकी, रागी लघु धान्य फसलों के लिए समर्थन मूल्य घोषित कर इनका उपार्जन किया जा रहा है। मेरी सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 से ‘छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन’ कार्यक्रम लागू किया गया है। मिलेट्स के उत्पादन, विपणन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए गए कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। राज्य में चाय और कॉफी की खेती को बढ़ावा देने ‘छत्तीसगढ़ टी कॉफी बोर्ड का गठन किया गया है।
9. खाद्यान्न व उद्यानिकी फसलों की लागत में राहत देने हेतु कृषकों को आदान सहायता राशि प्रदान करने वाली राजीव गांधी किसान न्याय योजना मेरी सरकार ने खरीफ वर्ष 2019 से प्रारंभ की। इसके तहत अभी तक 16 हजार 415 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है
10. बिना ब्याज के कृषि ऋण प्रदाय योजना के तहत वर्ष 2022-23के लक्ष्य 6 हजार 610 करोड़ रुपए के विरुद्ध 6 हजार 141 करोड़ रुपए का कृषि ऋण दिया जा चुका है, जो अब तक का सबसे बड़ा कीर्तिमान है ।
11. सीधे मेरी सरकार ने किसानों, ग्रामीणों, वन आश्रितों के बैंक खाते में भुगतान के साथ ही बैंकिंग सुविधाओं में भी आशातीत वृद्धि की है। वर्ष 2018 की स्थिति में 14 लाख 16 हजार किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे, जो अब बढ़कर 21 लाख 23 हजार हो गए हैं। नक्सल प्रभावित 8 जिलों में बैंक शाखाएं 338 से बढ़कर 573 हो गई हैं। एटीएम की संख्या 222 से बढ़कर 456 हो गई है। बस्तर और सरगुजा संभाग में सहकारी बैंक की 10 नई शाखाएं संचालित करने हेतु स्वीकृति दी गई है। बैंक मित्रों की संख्या भी दोगुनी से अधिक बढ़ाकर 35 हजार कर दी गई है। 725 नई प्राथमिक साख सहकारी समितियों में गोदाम-सह कार्यालय का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें 645 के लिए कार्यादेश जारी किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के 16वें सत्र को संबोधित करने विधानसभा पहुंचे राज्यपाल श्री बिस्वभूषण हरिचंदन।
राज्यपाल के विधानसभा पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel, विधानसभा अध्यक्ष @DrCharandas तथा नेता प्रतिपक्ष श्री नारायण चंदेल ने उनका स्वागत किया।#Chhattisgarh pic.twitter.com/Q36nQzzLlx
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) March 1, 2023
12. प्रदेश में कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु नवीन उद्यानिकी एवं कृषि विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय प्रारंभ किए गए हैं। किसानों को आसानी से कृषि यंत्रों की सुविधा दिलाने हेतु 3 हजार 63 कृषि यंत्र सेवा केन्द्र की स्थापना की जा चुकी है।
13. प्रदेश में 5 लाख 91 हजार मीटरिक टन मछली का उत्पादन किया जा रहा है। अंतर्देशीय मछली उत्पादन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ देश का छठवां बड़ा राज्य बन गया है। जलाशयों में केज कल्चर के द्वारा मछली पालन के क्षेत्र में राज्य अग्रणी है। प्रदेश के 30 जलाशयों में अब तक 4 हजार 21 केज लगाए गए हैं, जिनसे मछली पालकों को लगभग 80 हजार 1 लाख 20 हजार रुपए प्रति केज आय प्राप्त हो रही है।
14. कृषि उपज मंडी समिति बेमेतरा, साजा, उपमंडी धमधा एवं पाटन की उपमंडियों में एग्री प्लाजा बनाए जा रहे हैं। कृषकों को स्थानीय स्तर पर गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराने के लिए जगदलपुर, कांकेर एवं धमतरी में कम्युनिटी सीड बैंक की स्थापना की गई है। तमाम प्रयास बताते हैं कि प्रदेश में किसानों व इससे जुड़े काम करने वाले ग्रामीणों का भविष्य उज्ज्वल हो गया है।
राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन द्वारा छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण उपरांत प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उनका पुष्पगुच्छ भेंटकर अभिवादन किया और शुभकामनाएं दी। pic.twitter.com/dpnAcBpSBF
— Governor Chhattisgarh (@GovernorCG) February 26, 2023
15 मेरी सरकार वनों के संरक्षण, संवर्धन के साथ ही इसके माध्यम से स्थानीय निवासियों को आजीविका के नए-नए साधन उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है। तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक को 2500 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा करने से 13 लाख संग्राहकों को प्रतिवर्ष लगभग 250 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय हो रही है। प्रोत्साहन राशि के रूप में विगत तीन वर्षों में 340 करोड़ रुपए दिए गए हैं। लघु वनोपज से आजीविका मजबूत करने की दिशा में बड़ी सोच से काम लिया गया, जिससे 7 से बढ़ाकर 65 लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई है। इनके प्रसंस्करण और विपणन हेतु भी अनेक उपाय किए गए हैं। 130 से अधिक उत्पादों का प्रसंस्करण कर ‘छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के नाम पर विक्रय किया जा रहा है।
16. प्रदेश में हरित आवरण की सुरक्षा के लिए विगत एक वर्ष में 1 करोड़ 35 लाख से अधिक पौधों का रोपण, 1 करोड़ 33 लाख से अधिक पौधों का वितरण तथा नदी तटों पर 15 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया जाना अपने आप में बड़ी पहल है। वृक्षारोपण के साथ आजीविका को जोड़ने हेतु ‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’ शुरू की गई है, जिससे किसानों की निजी भूमि पर वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों का रोपण कराया जाएगा। कुल पांच वर्षो में 1 लाख 80 हजार एकड़ में 15 करोड पौधों के रोपण का लक्ष्य है, जिसके परिपक्व होने से हितग्राहियों को लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की आय प्राप्त होने की संभावना है।
17. कैम्पा मद से वन क्षेत्रों 6 हजार 395 नरवा एवं लगभग 23 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्र को उपचारित किया गया है। कैम्पा मद से 66 लाख 56 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन इसी वित्तीय वर्ष के 9 माह में किया जा चुका है, जो वन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वन्यप्राणियों के संरक्षण और उनके रहवास में सुधार की दिशा में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। ‘हाथी-मानव संगवारी योजना’ से हाथियों के उत्पात से निजात मिलने की उम्मीद बढ़ी है। बाघ, मगरमच्छ, कृष्णमृग, पहाड़ी मैना, गिद्ध आदि के संरक्षण हेतु विशेष कार्ययोजनाएं संचालित की जा रही हैं।
राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन छत्तीसगढ़ विधानसभा के 16वें सत्र को संबोधित करने विधानसभा पहुंचे pic.twitter.com/KIrSN045Wr
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18. मेरी सरकार ने अनुसूचित जनजाति, अन्य परंपरागत वन निवासियों, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय के वैधानिक अधिकारों को लेकर विशेष संवेदनशीलता दिखाई है ताकि ऐसे सभी समाज सम्मान, स्वाभिमान और स्वावलंबन के साथ राज्य के विकास में भागीदार बन सकें। विगत 4 वर्षों में व्यक्तिगत तथा सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्रों के वितरण में तेजी लाई गई तथा नगरीय क्षेत्र में वन अधिकार पत्र देने की शुरुआत भी की गई, जिसके कारण कुल वन अधिकार पत्रों की संख्या बढ़कर 5 लाख 15 हजार से अधिक हो गई तथा इसके तहत आवंटित भूमि 11 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 40 लाख हेक्टेयर हो गई है। विशेष पिछड़ी जनजातियों को पर्यावास का अधिकार देने की शुरुआत भी धमतरी जिले की गई है।
19. मेरी सरकार ने लोहंडीगुड़ा में जमीन वापस करने के साथ यह संदेश दिया था कि आदिवासी समाज को उनकी परंपरा से जोड़े रखते हुए उनके आर्थिक स्वावलंबन की व्यवस्था की जाएगी। इस दिशा में तेजी से प्रगति करते हुए 50 से अधिक वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किए गए। फूडपार्कों की स्थापना के लिए मात्र चार वर्षों में 112 विकासखंडों में भूमि का चिन्हांकन और 52 विकासखंडों में भूमि हस्तांतरण किया जा चुका है। प्रदेश में 562 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां भी स्थापित की जा चुकी हैं।
राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन से आज राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री रमेश बैस ने सौजन्य भेंट की। दोनों राज्यपालों ने परस्पर एक-दूसरे को राज्यपाल के रूप में नये राज्य का दायित्व मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। साथ ही दोनों ने एक-दूसरे को शॉल एवं स्मृति चिन्ह भी भेंट किये। pic.twitter.com/2UuXLuTAVH
— Governor Chhattisgarh (@GovernorCG) February 23, 2023
20. मेरी सरकार ने नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक बनाने के लिए एक ओर जहां देवगुड़ी तथा गोटुल के विकास हेतु आर्थिक सहायता दी है, ‘राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव’ का आयोजन, ‘विश्व आदिवासी दिवस’ पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा, ‘शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय तथा गिरौदपुरी धाम के विकास जैसी पहल की है, वहीं दूसरी ओर नए जमाने की शिक्षा से सक्षम बनाने के लिए ‘आदर्श छात्रावास योजना’, ‘एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय योजना’, ‘शिष्यवृत्ति योजना’, ‘छात्र भोजन सहाय योजना’, ‘राजीव युवा उत्थान योजना’, ‘राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा योजना’, ‘जवाहर विद्यार्थी उत्कर्ष योजना’ जैसी योजनाओं के बेहतर संचालन की व्यवस्था की है और इनसे मिलने वाले लाभ को भी बढ़ाया है।
21. विभिन्न परंपरागत काम करने वाले समुदायों की आय वृद्धि हेतु समुचित पहल करने के लिए मंडलों का गठन किया है। वहीं ‘चिराग परियोजना’ के माध्यम से 14 आदिवासी बहुल जिलों में कृषि एवं इससे जुड़े अवसरों का लाभ स्थानीय लोगों को दिलाने का कार्य भी शुरू किया गया है।
22. पेसा कानून का लाभ आदिवासी समाज को न मिल पाना एक विडम्बना थी, जिसका समाधान करते हुए प्रदेश में पेसा कानून के लिए नियम बनाए गए। मेरी सरकार ने न्याय की अवधारणा को व्यापक विस्तार देते हुए जेल में बंद व अनावश्यक मुकदमेबाजी में उलझे आदिवासियों की रिहाई सुनिश्चित की। उनके आर्थिक, सामाजिक सशक्तीकरण के लिए उठाए गए कदमों से विश्वास का वातावरण बना, जिसके कारण दुर्गम अंचलों में भी सडक निर्माण, बिजली प्रदाय, स्वास्थ्य, शिक्षा, राशन, पानी, पोषण, रोजगार, ‘बस्तर फाइटर्स’ बल में भर्ती जैसे अनेक उपाय किए जा सके हैं। 13 वर्षों से बंद 300 स्कूलों का जीर्णोद्धार और पुनः संचालन संभव हुआ। यही वजह है कि बस्तर अब नक्सलगढ़ नहीं बल्कि ‘विकासगढ़ के रूप में नई पहचान पा रहा है। इस तरह नक्सलवादी तत्वों को कमजोर करते हुए लोगों की अपने गांवों में वापसी सुनिश्चित की गई।
राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन के छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण उपरांत छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री अरूप कुमार गोस्वामी ने पुष्पगुच्छ भेंटकर अभिवादन किया और शुभकामनाएं दी। pic.twitter.com/GjDwhBq9XI
— Governor Chhattisgarh (@GovernorCG) February 23, 2023
23. मेरी सरकार ने ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत आर्थिक रूप से सर्वाधिक कमजोर तबकों ग्रामीण भूमिहीन खेतिहर मजदूर, चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक, अनुसूचित क्षेत्रों के बैगा, गुनिया, मांझी, पुजारी, हाट पहरिया, बाजा मुहारिया आदि को सालाना 7 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की पहल की है। विगत वर्षों में इन परिवारों को 326 करोड़ रुपए से अधिक की राशि दी जा चुकी है।
24. प्रदेश के कुल 26 लाख 70 हजार 308 गरीब परिवारों की महिलाओं को 2 लाख 48 हजार 134 स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है तथा गठित स्व-सहायता समूह को आवश्यक सहयोग करने हेतु कुल 13 हजार 954 ग्राम संगठन एवं 568 संकुल स्तरीय संगठन संचालित हैं।
25. विभिन्न तरह के कार्यों में लगे श्रमिकों के कल्याण हेतु मेरी सरकार द्वारा योजनाएं संचालित की जा रही हैं तथा पूर्व योजनाओं में सुधार करते हुए उससे जरूरतमंदों को अधिक लाभ दिलाने का काम भी किया जा रहा है। ‘मुख्यमंत्री श्रमिक सियान योजना’, ‘मुख्यमंत्री आधारभूत शिक्षण-प्रशिक्षण सहायता योजना’, ‘मुख्यमंत्री नोनी – बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना’ तथा ‘निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना’ इस प्रसंग में नए उदाहरण बने हैं।
26. प्रदेश की युवा शक्ति को संगठित करने, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियां आयोजित कराने तथा सरकार की योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए अब तक 13 हजार 107 राजीव युवा मितान क्लबों का गठन किया जा चुका है। इन क्लबों से युवाओं को अपनी ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग करने का उचित मंच तथा सुविधाएं मिली हैं।
27. मेरी सरकार के प्रयासों से प्रदेश में खेल अधोसंरचना के विकास में तेजी आई है और अब आवासीय तथा गैर आवासीय खेल अकादमियाँ का संचालन किया जा रहा है। राज्य खेल प्रशिक्षण केन्द्र बहतराई – बिलासपुर में हॉकी, तीरंदाजी, एथलेटिक्स की आवासीय अकादमी संचालित है, जिसे भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा एक्सीलेंस सेंटर की मान्यता दी गई है। रायपुर में आवासीय तीरंदाजी अकादमी का संचालन किया जा रहा है। हॉकी, तीरंदाजी, फुटबॉल एवं एथलेटिक्स की गैर आवासीय खेल अकादमियां रायपुर में तथा तीरंदाजी प्रशिक्षण उपकेन्द्र शिवतराई-बिलासपुर में संचालित है।
इस अवसर पर नव मनोनीत राज्यपाल का परंपरागत तरीके से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ राजभवन में प्रवेश कराया गया। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन प्रदेश के 9वें राज्यपाल के रूप में कल 23 फरवरी 2023 को प्रातः 11ः30 बजे शपथ लेंगे। 2/2 pic.twitter.com/5iTHop34UA
— Governor Chhattisgarh (@GovernorCG) February 22, 2023
28. भारत सरकार की ‘खेलो इंडिया योजना’ के तहत प्रदेश में 14 ‘खेलो इंडिया लघु केन्द्र’ की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इनमें शिवतराई -बिलासपुर, बीजापुर, राजनांदगांव, नारायणपुर, सरगुजा एवं जशपुर में लघु केन्द्र स्थापित कर, खेल प्रशिक्षण गतिविधियों का संचालन प्रारंभ किया जा चुका है।
29. प्रदेश में पहली बार पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का आयोजन किया गया। इससे ग्राम, वार्ड से लेकर जिला/ संभाग और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं हुईं, जिनमें हर आयु, हर वर्ग के लोगों की उत्साहजनक भूमिका रही। युवाओं से लेकर बुजुर्ग माताओं तक की ऊर्जा देखने लायक थी। इससे खिलाड़ी भावना के साथ एकता और समरसता की भावना मजबूत हुई।
30. मेरी सरकार ने अधोसंरचना विकास के काम को आम जनता की सहूलियत से जोड़कर किया। यही वजह है कि प्रशासनिक अधोसंरचना के विस्तार और विकेन्द्रीकरण के लिए विगत 4 वर्षों में 6 नए जिले, 19 नए अनुविभाग और 83 नई तहसीलों का गठन किया गया।
31. सड़क अधोसंरचना के विकास हेतु बहुस्तरीय प्रयास किए गए। राज्य मद के अंतर्गत विगत वर्ष में 2 हजार 247 किलोमीटर सड़क कार्य पूर्ण किए गए। 41 वृहद पुल निर्माण पूर्ण किया गया तथा 159 वृहद पुल निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। 10 रेलवे ओव्हर ब्रिज तथा अण्डर ब्रिज के कार्य पूर्ण किए गए हैं। ‘जवाहर सेतु योजना’ के तहत अभी तक 36 पुल निर्माण के कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 56 पुलों के कार्य प्रगति पर हैं। छत्तीसगढ़ सड़क एवं अधोसंरचना विकास निगम द्वारा अभी तक 568 किलोमीटर लंबी 95 सड़कों तथा 3 पुलों के कार्य पूर्ण किए गए हैं।
32. एशियन डेव्हलपमेंट बैंक की तृतीय ऋण परियोजना अंतर्गत 826 किलोमीटर लंबी 3 हजार 370 करोड़ रुपए लागत की सड़कों का कार्य प्रगति पर है। ए.डी.बी. चतुर्थ ऋण परियोजना अंतर्गत 539 किलोमीटर लंबी सड़कों का चयन किया गया है।
33. केन्द्रीय सड़क निधि (सी.आर.एफ.) योजना के तहत 2 कार्य पूर्ण हुए एवं 16 कार्य प्रगति पर है। आर. सी. पी. एल. डब्ल्यू.ई. योजना के तहत 204 कार्य पूर्ण हुए एवं 102 कार्य प्रगति पर हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 42 किलोमीटर कॉरीडोर योजना अंतर्गत 14 किलोमीटर एवं एन.एच.डी.पी. योजना में 6 किलोमीटर का कार्य पूर्ण किया गया है। इसी के साथ 11 पुल कार्य भी प्रगति पर हैं।
स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति "भारत रत्न" डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जी की पुण्यतिथि पर उन्हें शत्-शत् नमन।
On the occasion of his death anniversary, let us honor the memory of "Bharat Ratna" Dr. Rajendra Prasad, the first President of independent India. pic.twitter.com/cazmzLO0PP
— Governor Chhattisgarh (@GovernorCG) February 28, 2023
34. ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक 40 हजार 222 किलोमीटर लंबी 8 हजार 174 सड़कें तथा 349 बड़े पुलों का निर्माण किया जा चुका है। जिन सड़कों की संधारण अवधि 5 वर्ष हो चुकी है, वैसी 22 हजार 637 सड़कों की मरम्मत और 3 हजार 201 किलोमीटर सड़कों का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। इसके अलावा जो सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्ड में नहीं आतीं, उनके लिए ‘मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना’ मेरी सरकार ने लागू की है, जिसके अंतर्गत 4 हजार 786 किलोमीटर लंबी 1 हजार 709 सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। ‘मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना’ के अंतर्गत भी 2 हजार 155 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूर्ण किया गया है।
35. छत्तीसगढ़ को सभी ओर से विमानन सेवाओं से जोड़ने के लिए मेरी सरकार ने गंभीरता से प्रयास किए, जिसके कारण जगदलपुर से विमान सेवाएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं, साथ ही जगदलपुर को देश के बड़े शहरों जोड़ने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। बिलासपुर को तीन राज्यों से जोड़ा जा चुका है, और अब नाइट लैंडिंग की सुविधा विकसित की जा रही है। अम्बिकापुर, बैकुण्ठपुर और कोरबा में भी हवाई अड्डों का विकास किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र शुरू, 6 मार्च को प्रस्तुत होगा बजट।@bhupeshbaghel @DrCharandas @dprcg_gov @ChhattisgarhCMO pic.twitter.com/uUKq3BwCrt
— Dr.Sanjay Kumar 'Shekhar' (@SanjaykShekhar) March 1, 2023
36. प्रदेश की सिंचाई क्षमता में वृद्धि को मेरी सरकार ने प्राथमिकता प्रदान की है, जिसमें एक ओर परंपरागत उपायों को अपनाया गया है, वहीं दूसरी ओर जल संसाधन के विकास पर भी जोर दिया गया है यही वजह है कि प्रदेश में राज्य गठन के समय जो निर्मित सिंचाई क्षमता 13 लाख 28 हजार हेक्टेयर थी, वह अब बढ़कर 21 लाख 49 हजार हेक्टेयर हो गई है। सिंचाई का रकबा 38.79 प्रतिशत हो गया है। यह प्रसन्नता का विषय है कि बेहतर प्रबंधन से विगत वर्ष में जो खरीफ सिंचाई 12 लाख 86 हजार हेक्टेयर में की गई थी, वह इस वर्ष बढ़कर 13 लाख 5 हजार हेक्टेयर हो गई है, अर्थात एक वर्ष में वास्तविक सिंचाई क्षमता में 19 हजार हेक्टेयर की वृद्धि अपने आप में उत्साहजनक है ।
37. मेरी सरकार ने विभिन्न जरूरतों के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 1 अप्रैल 2019 की स्थिति में प्रदेश में मात्र 3 लाख 85 हजार घरेलू नल कनेक्शन थे, जो अब बढ़कर 18 लाख से अधिक हो गए हैं। सभी बसाहटों में कम से कम एक स्रोत के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। 2 लाख 61 हजार से अधिक हैण्डपम्प के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। 45 हजार 844 ग्रामीण शालाओं, 41 हजार 661 आंगनवाड़ी केन्द्रों, 4 हजार 551 ग्रामीण नल जल योजनाओं, 2 हजार 128 ग्रामीण स्थल जल प्रदाय योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में शुद्ध पेयजल दिया जा रहा है, जिससे ग्रामीण जन-जीवन बहुत हद तक आसान हुआ है। वन अंचलों तथा कुछ मैदानी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के माध्यम से पेयजल की व्यवस्था की गई है, जिससे 1 लाख 91 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को राहत मिली है। 133 शहरी जल प्रदाय योजनाएं पूर्ण कर संचालित हैं तथा ऐसी 32 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है।
38. पेयजल की शुद्धता और इसके बारे में जागरुकता बनाए रखने के लिए ‘जल बहिनी’ तथा ‘जल मितान’ के नाम से महिलाओं और युवाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। आर्सेनिक, खारे पानी और फ्लोराइड की समस्या से प्रभावित 201 गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं।
39. मेरी सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए हर संभव उपाय किए हैं, जिसके कारण छत्तीसगढ़, देश में बेरोजगारी दर न्यूनतम स्तर पर है।
40. निर्माण कार्यों में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए मेरी सरकार ने ‘ई- श्रेणी’ में पंजीयन की योजना लागू की है, जिसमें 20 लाख रुपए तक के कार्य आवंटित किए जा रहे हैं, 6 हजार से अधिक बेरोजगारों का पंजीयन कर, 337 करोड रुपए के कार्य आवंटित किए गए हैं।
विधानसभा बजट सत्र शुभारंभ में शामिल हुआ…।
आज छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र का आगाज राष्ट्रगीत एवं राज्यगीत के साथ शुभारंभ हुआ। @DrCharandas @bhupeshbaghel #Vidhansabha #Chhattisgarh pic.twitter.com/ymZrRnse8R
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41. छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग एवं व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में राज्य के स्थानीय प्रतिभागियों का परीक्षा शुल्क माफ किया गया है। इससे अधिक संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए हैं।
42. छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किए जाने वाले प्रशासनिक नवाचारों तथा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समय-समय पर राज्य शासन को सुझाव देने के उद्देश्य से ‘नवाचार आयोग का गठन किया गया है। इससे छत्तीसगढ़ में नवाचार को बढ़ावा देने एवं पूर्व से राज्य में प्रचलित नवाचार की प्रथाओं में निरंतरता बनाए रखने से कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन होगा।
43. मेरी सरकार आदिम जाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को शासकीय सेवा व व्यावसायिक पाठ्यक्रम में विधि अनुसार आरक्षण का लाभ देने हेतु कटिबद्ध है। इसी अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवाओं में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण हेतु छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 एवं छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 सर्वसम्मति से विधानसभा में पारित किया गया है, जो अभी अनुमति हेतु विचाराधीन है।
44. विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं को उनकी अर्हता अनुसार उनके जिलों में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती किए जाने का निर्णय लिया गया, जिससे विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जुड़ने व शासकीय सेवाओं में नियुक्ति का अवसर प्राप्त हुआ है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। pic.twitter.com/gPbxayhq0A
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45. मेरी सरकार ने हर आपदा को सेवा के अवसर के रूप में देखा है। यही वजह है कि कोरोना काल हो, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक प्रकोप हो, दुर्घटना हो या वन्यप्राणियों से लोगों को हुई क्षति हो, ऐसे हर अवसर पर प्रभावितों को सहानुभूतिपूर्वक समुचित मदद की गई है। इतना ही नहीं, युद्ध के कारण यूक्रेन में फंसे राज्य के 183 नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी हेतु निकटतम एयरपोर्ट तक हवाई यात्रा व्यय की प्रतिपूर्ति भी राज्य शासन द्वारा की गई है।
46. मेरी सरकार ने जन-स्वास्थ्य के लिए एक ओर जहां अस्पतालों को नई-नई सुविधाओं से सुसज्जित किया, चिकित्सा शिक्षा के साथ मेडिकल कॉलेज स्तर की चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने के नए-नए उपाय भी किए। यही वजह है कि प्रदेश में मलेरिया तथा अन्य महामारियों पर प्रभावी अंकुश लगा है।
47. ‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना’ से लगभग 84 लाख लोगों को लाभ मिला है। ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’ से नगरीय निकायों के लगभग 40 लाख मरीजों को लाभ मिला है। ‘मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक योजना’ से 1 लाख 42 हजार से अधिक माताओं एवं बहनों का उपचार हुआ है। ‘श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना के तहत नगरीय निकायों में 194 दुकानें संचालित की जा रही हैं, जहां 50 प्रतिशत से अधिक की रियायती दर पर दवाएं दी जा रही हैं। इस योजना से 44 लाख से अधिक लोगों को लगभग 82 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
48. मरीजों को निःशुल्क उपचार की सुविधा देने के लिए ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’, ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’, ‘हमर लैब योजना’ जैसी पहल से लोग खर्च की चिंता छोड़कर सही उपचार के लिए आगे आ रहे हैं। इन योजनाओं का लाभ लगभग 40 लाख लोगों को मिल चुका है। इसके अलावा ‘शिशु स्वास्थ्य एवं टीकाकरण’, ‘डायलिसिस कार्यक्रम दीर्घायु वार्ड’, ‘आयुष स्वास्थ्य सेवाएं’ आदि उपायों का भी लाभ प्रदेशवासियों को मिल रहा है। मेरी सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति जन-विश्वास बढ़ने के कारण प्रदेश की मातृ मृत्युदर 379 से घटकर 137 हो गई है। वहीं संस्थागत प्रसव में भी लगभग 40 प्रतिशत वृद्धि होना सुखद संकेत है।
49. यह प्रसन्नता का विषय है कि प्रदेश के कोरबा, महासमुन्द व कांकेर को नए मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली है, वहीं दुर्ग जिले के चंदूलाल चन्द्राकर चिकित्सा महाविद्यालय को सरकार द्वारा अधिग्रहित करने से शासकीय चिकित्सा शिक्षा व उपचार का दायरा तेजी से बढ़ा है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में मंत्रीगणों के लिए नवनिर्मित कक्षों का मुख्यमंत्री @bhupeshbaghel ने किया उद्घाटन
🟣 सदन में महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण के बाद आयोजित किया गया लोकार्पण कार्यक्रम pic.twitter.com/oursQV3jDX
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50. महिलाओं और बच्चों की उचित देखभाल और स्वस्थ विकास में पोषण की बड़ी भूमिका होती है। मेरी सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के माध्यम से परिणाममूलक कदम उठाए, जिसके कारण छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर राष्ट्रीय औसत से कम हो गई है। इस दौरान 2 लाख 65 हजार बच्चों को कुपोषणमुक्त किया गया है। इसके साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्र, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन त्यौहार, समुदाय आधारित पोषण प्रबंधन, पूरक पोषण आहार, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, सखी वन स्टाप सेंटर, शक्ति सदन योजना, सखी निवास योजना, नवा बिहान योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष ऋण योजना, सक्षम योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मिशन वात्सल्य, उजियार योजना, छत्तीसगढ़ बाल कोष, बाल सक्षम नीति आदि से महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है तथा नौनिहालों की बुनियाद मजबूत की जा रही है।
51. मेरी सरकार ने व्यापक पारदर्शिता के साथ नागरिक सेवाओं के विस्तार हेतु न सिर्फ ऑनलाइन बल्कि घर पहुंच सेवाओं पर भी जोर दिया है। 14 नगर निगमों में ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ के माध्यम से लाभान्वित लोगों की संख्या 50 हजार से अधिक हो चुकी है, जिन्हें घर घर सरकारी दस्तावेज प्राप्त करने का सुख मिला है। आम नागरिकों की स्वच्छता संबंधी शिकायतों का निपटारा टोल फ्री नम्बर 1100 से किया जा रहा है, जिसमें 4 लाख से अधिक शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। ‘ऑनलाइन डायरेक्ट भवन अनुज्ञा सिस्टम के माध्यम से 500 वर्गमीटर तक के आवासीय प्लाट पर भवन निर्माण की अनुज्ञा ऑनलाइन दी जा रही है।
52. ऑनलाइन नागरिक सुविधाओं के लिए लोक सेवा केन्द्रों को सशक्त बनाया गया, जिसके माध्यम से विगत 4 वर्षों में 1 करोड़ 14 लाख आवेदनों का निराकरण किया गया। विभिन्न विभागों की जनहितकारी योजनाओं में भी ऑनलाइन आवेदन और निराकरण का विकल्प दिया गया है, जिससे पारदर्शी और कारगर प्रशासन सुनिश्चित किया जा चुका है।
53. नागरिक सुविधाओं में स्वच्छता का अहम स्थान है। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि छत्तीसगढ़ का स्वच्छता मॉडल अब देश का सबसे प्रख्यात स्वच्छता मॉडल बन गया है, जिस पर हर छत्तीसगढ़वासी को गर्व है। यह गौरव का विषय है कि स्वच्छ अमृत महोत्सव कार्यक्रम में स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 हेतु द्वितीय स्वच्छतम राज्य का राष्ट्रीय खिताब छत्तीसगढ़ को मिला है। वर्ष 2019 2020 एवं 2021 में भी छत्तीसगढ़ को देश का स्वच्छतम राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
54. मेरी सरकार ने राज्य की स्वच्छता की पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाया। इसके लिए ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी योजना से स्वच्छता को जोड़ा गया। राज्य सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन पर जोर दिया। दोना पत्तल की परंपरा व बर्तन बैंकों की सुविधा शुरू की, जिससे लोगों का प्लास्टिक के प्रति रुझान कम हो रहा है।
55. मेरी सरकार ने छोटे भूखंडों की खरीदी-बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाया तथा पंजीयन प्रक्रिया का सरलीकरण किया, जिसके कारण विगत 4 वर्षों में 4 लाख से अधिक छोटे भूखंडों का क्रय-विक्रय हुआ और इससे मध्यमवर्गीय परिवारों के जीवन में आई आर्थिक रुकावट समाप्त हुई। अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए उन्हें साहूकारों के चंगुल में फंसने से बचाया गया। इसी प्रकार बाजार मूल्य दरों में 30 प्रतिशत मी, आवासीय भवनों पर 2 प्रतिशत छूट जैसे फैसलों का बहुत लाभ आम जनता को मिला। नामांतरण जैसे जरूरी राजस्व संबंधी कार्यों में पारदर्शिता और सरलता लाई गई। 7 हजार 500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि के आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार जिला कलेक्टर को दिया गया है। नगरीय क्षेत्र में पट्टे की भूमि पर भू-स्वामी हक देने की पहल की गई है। राजस्व अभिलेखों की शुद्धता एवं विवादित प्रकरणों के स्थायी हल हेतु पूरे राज्य में पुनः सर्वेक्षण का निर्णय भी लिया गया है। इस तरह प्रदेश की जनता को राजस्व मामलों के तनाव से मुक्ति देने की दिशा में अनेक सार्थक कार्य किए गए हैं।
56. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 8 लाख 33 हजार 488 आवासों का निर्माण पूरा किया जा चुका है तथा इस वर्ष राज्यांश के रूप में 676 करोड़ रुपए की राशि आहरित की चुकी है, जिससे शेष 1 लाख 5 हजार आवास बनाने का कार्य पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा जा सके।
57. सभी शहरों को झुग्गीमुक्त करते हुए गरीबों को बेहतर आवास दिलाने की दिशा में ‘मोर जमीन-मोर मकान’ एवं ‘मोर मकान-मोर चिन्हारी’ योजनाओं के तहत 1 लाख 9 हजार 80 आवासों का निर्माण पूर्ण हुआ तथा 60 हजार से अधिक आवासों का निर्माण प्रगतिरत है। अब एक कदम और आगे बढ़ते हुए, शहरी किरायेदारों को भी मकान उपलब्ध कराने का प्रयास मेरी सरकार कर रही है।
58 मेरी सरकार ने प्रदेश में परिवहन संबंधित जनसुविधाओं के क्षेत्र में अनेक नए कार्य किए हैं। लोगों को उनके निकट परिवहन संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 368 परिवहन सुविधा केन्द्र खोले जा चुके हैं। बसों के परमिट ऑनलाइन देने की व्यवस्था की गई है। तुहर सरकार तुहर दुआर योजना’ के अंतर्गत 16 लाख से अधिक लोगों को आरसी बुक तथा ड्राइविंग लायसेंस घर पहुंचाकर दिया गया। लंबित वाहन कर की वसूली हेतु ‘एकमुश्त निपटान योजना’ लागू की गई। नीतिगत पहल के तहत मेरी सरकार ने जो नई ‘इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022’ लागू की थी. उसके तहत पंजीकृत वाहनों को सब्सिडी का भुगतान भी किया जा रहा है।
59. शिक्षा के क्षेत्र में मेरी सरकार ने बड़े सुधार किए हैं। ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना’ से शुरू की गई पहल को विस्तार देते हुए हिन्दी माध्यम स्कूलों और अंग्रेजी माध्यम कॉलेजों तक पहुंचाया गया है। इस तरह प्रदेश में 279 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों के माध्यम से 2 लाख 15 हजार से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की अधोसंरचना प्राप्त हो चुकी है। मेरी सरकार आगामी सत्र से 398 ऐसे नए विद्यालय शुरू करने की तैयारी भी कर रही है।
60. सुघर पढ़वइया योजना के माध्यम से भी शासकीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने हेतु कदम बढ़ाए गए हैं। मेरी सरकार ने राज्यव्यापी भाषाई सर्वे के माध्यम से पहली कक्षा के बच्चों को उनके घर में बोली जाने वाली भाषा में पढ़ाई शुरू कराने का सफल प्रयोग कर देश में अपनी प्रथम पहल को अंजाम दिया है। बस्तर में 200 से अधिक प्राथमिक शालाओं में मातृभाषा में पढ़ाई और गांव-गांव में कहानी-उत्सव के माध्यम से प्रेरक वातावरण बनाया गया है। स्कूलों की अधोसंरचना में सुधार के लिए 780 करोड़ रुपए की लागत से मरम्मत और जीर्णोद्धार का अभियान शुरू किया गया है। दिव्यांग बच्चों को डिजिटल शिक्षा के माध्यम से सशक्त करने हेतु ‘आईसीटी योजना’ से जोड़ा गया है। वहीं दृष्टिबाधित बच्चों को स्मार्ट फोन के साथ ‘की-बोर्ड’ का प्रशिक्षण देने वाला प्रथम राज्य बनने का गौरव भी छत्तीसगढ़ को मिला है।
61. मेरी सरकार ने युवाओं को उनकी रुचि के अनुसार उच्च शिक्षा दिलाने हेतु व्यापक व्यवस्था की है। वर्ष 2018 में प्रदेश में 491 महाविद्यालय संचालित थे, जो अब बढ़कर 549 हो गए हैं। इनमें प्रवेशित छात्रों की संख्या 2 लाख 66 हजार से बढ़कर 3 लाख 35 हजार हो गई है। पहले मात्र 58 शासकीय महाविद्यालय नैक मूल्यांकित थे, जो अब बढ़कर 175 हो गए है। इस तरह उच्च शिक्षा में मात्रात्मक और
गुणात्मक दोनों तरह के सुधार किए गए हैं।
62 सार्वभौम पीडीएस जरूरतमंद लोगों का एक बड़ा सपना था. जिसे मेरी सरकार ने साकार किया। किसी भी राज्य की उचित मूल्य दुकान से राशन सामग्री प्राप्त कर सकें, इस हेतु ‘वन नेशन बन राशनकार्ड योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में संचालित 13 हजार 519 उचित मूल्य दुकानों में से 13 हजार 451 उचित मूल्य दुकानों में ई-पॉस मशीन स्थापित करके आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
63. खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा के लिए आयरन एवं फोलिक एसिड युक्त ‘फोर्टिफाइड चावल’ का वितरण वर्तमान में प्रदेश के 10 आकांक्षी जिलों, 2 हाई बर्डन जिलों, मध्याह्न भोजन योजना तथा पूरक पोषण आहार योजना हेतु सभी जिलों में किया जा रहा है। इसका वितरण अप्रैल 2023 से सभी जिलों में पीडीएस के गरीब राशनकार्डधारियों को प्रारंभ किए जाने का निर्णय स्वागतेय है।
64. मेरी सरकार द्वारा प्रदेश के राशनकार्डधारियों को राहत देने हेतु 64 लाख अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को अप्रैल 2022 से दिसम्बर 2022 तक 8 माह तक निर्धारित मासिक पात्रता एवं अतिरिक्त पात्रता का चावल निःशुल्क वितरण किया गया तथा इस वर्ष जनवरी 2023 से दिसम्बर 2023 तक मासिक पात्रता का चावल निःशुल्क प्रदाय किया जाएगा। राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के गरीब परिवारों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। पीडीएस अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण व अन्य उपायों से प्रदेश में पीडीएस का कव्हरेज निरंतर बढ़ा है तथा वर्तमान में इससे लाभान्वित हितग्राही सदस्यों की संख्या बढ़कर 2 करोड़ 61 लाख हो गई है जो कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 100 प्रतिशत कव्हरेज है।
65. मेरी सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल को अपराधियों के लिए कठोर और आम नागरिकों के लिए संवेदनशील बनाया। चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने में छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों से बहुत आगे है। विगत चार वर्षों में 460 प्रकरण पंजीबद्ध कर 655 से अधिक संचालकों और उनके पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया गया। 43 हजार 945 निवेशकों को लगभग 32 करोड़ रुपए की राशि लौटाई गई है। ऑनलाइन जुआ की रोकथाम के लिए ‘छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक-2022’ पारित किया गया है।
66. मेरी सरकार ने मूल संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण करते ऐसे उपाय किए हैं कि उन पर न सिर्फ वर्तमान पीढ़ी गौरवान्वित हो। बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अपनी माटी के रंग में रंगना आसान हो जाए। विभिन्न अंचलों के पर्यो, त्यौहारों, धरोहरों को संजोया जा रहा है। ग्रामीण परंपराओं तथा कौशल का विकास कर विभिन्न उत्पाद तैयार करने में मदद की जा रही है, जिससे परंपरा को आजीविका के साथ जोड़ने में व आर्थिक स्वावलंबन में मदद मिल रही है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ जैसी परियोजना से आस्था केन्द्रों का विकास भी किया जा रहा है। इस परिपथ में 75 स्थानों पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम की चिन्हारी को चिरस्थायी बनाया जा रहा है।
67. मेरी सरकार ने राज्य के संसाधनों और अवसरों को औद्योगिक विकास का मूलमंत्र बनाया। स्टील, सीमेंट, एल्युमिनियम की पुरानी ताकत को मजबूत करते हुए खाद्य प्रसंस्करण, लघु वनोपज, जूट, दवा, रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, इलेक्ट्रिक वाहन, चार्जिंग स्टेशन सेवा केन्द्र, बीपीओ, थ्रीडी प्रिंटिंग, टेक्सटाइल, पर्यटन, मनोरंजन सेवा केन्द्र, बीज ग्रेडिंग आदि क्षेत्रों में पूंजी निवेश के लिए आकर्षक पैकेज दिए. जिसके कारण विगत चार वर्षों में प्रदेश में एक हजार 856 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुईं, जिनमें 19 हजार 700 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश सुनिश्चित हुआ।
68. मेरी सरकार की पारदर्शी कार्यप्रणाली से खनिज राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। नए खनिजों की खोज की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, जिनके खनन से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी । डीएमएफ के कार्यों की स्वीकृति और भुगतान डीएमएफ पोर्टल से किया जा रहा है तथा संपादित कार्यों का लेखा परीक्षण महालेखाकार से कराने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है।
69. ऊर्जा क्षेत्र की बिखरती शक्ति को कुशल प्रबंधन से समेटने में मिली कामयाबी का लाभ मेरी सरकार ने जनता को दिया। इस तरह विगत चार वर्षों में 42 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को ‘हाफ बिजली बिल योजना’ के माध्यम से 3 हजार 381 करोड़ रुपए की छूट दी गई है। 16 लाख 72 हजार बीपीएल उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 30 यूनिट तक निःशुल्क बिजली दी जा रही है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों को सिंचाई हेतु पूर्णतया निःशुल्क बिजली दी जा रही है। वहीं अन्य 6 लाख 22 हजार किसानों को 5 हार्स पावर तक के सिंचाई पम्पों में निर्धारित छूट दी जा रही है।
70. विद्युत के पारेषण और वितरण में बड़े पैमाने पर निवेश का लाभ भी जनता को दिया जा रहा है। विगत चार वर्षों में 85 हजार 519 स्थायी विद्युत पम्प कनेक्शन, 4 हजार 724 मजरों-टोलों का विद्युतीकरण, 72 हजार से अधिक सौर सिंचाई पम्पों की स्थापना, मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना तथा मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के अंतर्गत लगभग 400 करोड़ रुपए के निवेश से विद्युत आपूर्ति में सुधार से लोगों के जीवन स्तर व आजीविका में सुधार हुआ है।
71. मेरी सरकार ने छत्तीसगढ़ को देश और दुनिया के लिए नई आशा और नए विश्वास का गढ़ बनाने में सफलता हासिल की है। नवा छत्तीसगढ़ वास्तव में जनहितैषी नीतियों और सशक्त निवासियों का राज्य बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। छत्तीसगढ़ महतारी की संतान के रूप में आम जनता को उसका अधिकार दिलाने की दिशा में विधानसभा सदस्य के रूप में, आप लोगों की बहुत बड़ी भूमिका है। मुझे खुशी है कि आप सभी माननीय सदस्यगण सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा के अनुरूप अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रहे हैं। आप सभी को अनंत शुभकामनाएं ।
जय हिन्द, जय छत्तीसगढ़