भिलाई। Durg- Bhilai News : शक्ति स्वरूपा नारी चेतना समिति दुर्ग विभाग की ओर से रविवार को नारी समन्वय सम्मेलन का आयोजन किया गया। स्थानीय महिला की स्थिति, भारतीय चिंतन में महिलाओं की भूमिका और भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका, तीन विषयों पर वक्ताओं ने अपनी बात रखी।
प्रथम सत्र की वक्ता पुणे से आई संगठन की राष्ट्रीय सह संयोजिका भाग्यश्री साठे ने कहा कि भारतीय चिंतन में अर्धनारीश्वर की परिकल्पना है। आदिकाल से नारी और पुरुष को एक ही शक्ति का दो स्वरूप माना गया है। महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान आदिकाल से दिया जाता रहा है।
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राष्ट्र निर्माण में नारी की सहभागिता अतुलनीय
दूसरे चर्चा सत्र में प्रांत संयोजिका रश्मि ने कहा कि अथक, निरंतर, सशक्त, कर्मयोगिनी बनकर, आदिकाल से संस्कृति और संस्कार की अविरल गंगा बहाने वाली नारी शक्ति, निरंतरता की द्योतक है। समाज के विभिन्न आयामों पर नारी शक्ति में निरंतर भूमिका निभाई है। राष्ट्र निर्माण में नारी की सहभागिता अतुलनीय और वंदनीय है। स्थानीय समस्या, उनका समाधान और उसके लिए करणीय कार्य में महिलाओं का योगदान को लेकर चर्चा हुई।
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चंद्रयान के निर्माण में भी महिलाओं का योगदान
Durg- Bhilai News :समापन समारोह की मुख्य वक्ता प्रांत टोली सदस्य मीना नशीने ने भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आदि काल में देखें तो वेदों की ऋचाओं की कृति से लेकर आज चंद्रयान के निर्माण में भी महिलाओं का विशेष योगदान देखने को मिलता है।
तीन जिले की महिलाएं शामिल हुईं
दुर्ग विभाग अंतर्गत कवर्धा, बेमेतरा और दुर्ग जिले से 11 विभिन्न वर्गों जिनमें प्रबुद्ध, कामकाजी, गृहिणी, ग्रामीण, उद्यमी, चिकित्सा, प्राध्यापक, अधिवक्ता और परा महाविद्यालयीन छात्राएं शामिल हुईं। विभाग संयोजिका रश्मि राजपूत, सह संयोजिका हेमलता, दुर्ग जिला संयोजिका पूर्णिमा ठाकुर, कवर्धा की लता बैस और बेमेतरा जिले की संयोजिका रीना देवी का योगदान रहा।