देशभर के 700 से ज्यादा आईटी एक्सपर्ट्स
29 जून को देंगे हैकमंथन पर अपना प्रेजेंटेशन
रायपुर। छत्तीसगढ़ में लूट, डकैती और हत्या के बाद अज्ञात आरोपियों के सीसीटीवी कैमरे फुटेज तो मिल रहे हैं, लेकिन ज्यादातर फुटेज से ये पता नहीं चल पा रहा है कि वे कौन हैं? कैमरे में साफ और स्पष्ट तस्वीर मिलने के बाद भी पुलिस उनकी पहचान नहीं कर पा रही है। ऐसे अपराधी पुलिस को चकमा देकर निकल जा रहे हैं।
आने वाले दिनों में ऐसा नहीं होगा। कोई भी अपराधी या बदमाश कैमरे के सामने जैसे ही गुजरेगा, पुलिस कंट्रोल रूम में अलर्ट का अलार्म बजेगा और अपराधियों की कुंडली पुलिस को ऑनलाइन ही मिल जाएगी। सीसीटीवी कैमरा खतरे का संकेत देने के साथ पुलिस को अलर्ट भी करेगा। नए हाईटेक सिस्टम से ये भी पता चल जाएगा कि घटना में कौन शामिल था और किसकी गाड़ी का उपयोग किया गया है।
क्राइम कंट्रोल करने और अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस हाईटेक सॉफ्टवेयर तैयार करवा रही है। उसमें अपराधी की पूरी हिस्ट्री अपलोड रहेगी। उसके बाद के उस साफ्टवेयर को कैमरे से लिंक करेंगे। साफ्टवेयर को ऐसा डिजाइन किया जा रहा है कि जैसे ही अपराधी उसकी जद में आएंगे यानी कैमरे की रेंज से गुजरेंगे कैमरा पुलिस को अलर्ट करेगा।
एडीजी तकनीकी सेवा प्रदीप गुप्ता ने बताया कि पुलिस की चुनौतियों और सामान के लिए हैकमंथन कार्यक्रम का आयोजन 29 जून को किया जा रहा है। इसमें देशभर के 700 से ज्यादा आईटी एक्सपर्ट शामिल होंगे। उन्हें 5 बिंदुओं पर टॉस्क दिया गया था।
इसमें उन्हें हाईटेक सिस्टम बनाना था। आईटी एक्सपर्ट ने ऐसे-ऐसे सिस्टम विकसित किए हैं, जिससे आने वाले समय में क्राइम कंट्रोल में फायदा मिलेगा। पुलिसिंग में बहुत मदद मिलेगी। प्रेजेंटेशन के बाद सलेक्ट होने वाले साफ्टवेयर को मंजूरी दी जाएगी।
कैमरे से पता चले अपराधियों का मूवमेंट
शहर के चौक-चौराहें, सरकारी दफ्तर से लेकर मार्केट और कॉलोनियां कैमरों से लैस हैं। हाईटेक और नाइटविजन कैमरे लगे हुए हैं। बारिश, तूफान और रात के अंधेरे में भी कैमरे से अच्छी क्वालिटी के फुटेज मिल जाते हैं। इसके बाद भी पुलिस को फायदा नहीं मिल रहा है, क्योंकि पुलिस के पास सभी बदमाशों का रिकॉर्ड नहीं है।
इस वजह से अपराधी पकड़ में नहीं आ पाते। आईटी एक्सपर्ट की टीम ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित कर रही है, जिसमें देशभर के अपराधी और बदमाशों का रिकॉर्ड रहेगा। कैमरे की रेंज से गुजरते ही चेहरा और गाड़ी स्कैन होगा और कंट्रोल रूम में अलर्ट का अलार्म बजेगा। पुलिस के पास मैसेज पहुंचेगा। कैमरे की नजर में आने से बदमाश की जानकारी स्क्रीन पर दिखाई देगी।
सोशल मीडिया में पोस्ट मैसेज की भावना भी बताएगा
सोशल मीडिया में भड़काऊ और सांप्रदायिक पोस्ट बढ़ गए हैं। लोग अलग-अलग माध्यम से अपनी भावना व्यक्त कर रहे हैं। इस पर नजर रखने के लिए ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है, जो एक क्लिक में मैसेज दिखाएगा। साफ्टवेयर ये भी बता देगा कि पोस्ट के माध्यम से क्या मैसेज देना चाहते हैं। यह ऐसा सॉफ्टवेयर होगा जो मैसेज की भावना को बताएगा।
किसने खरीदी डिजिटल करेंसी, अब पता चल जाएगा
क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल मनी का ही एक रूप है। इसमें इन्वेस्टमेंट बढ़ता जा रहा है। इसके नाम से बड़े पैमाने में ठगी भी हो रही है। इसमें करेंसी खरीदने या बेचने वाले की पहचान कभी सामने नहीं आती है। इसलिए ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है, जिसमें क्रिप्टो करेंसी खरीदने-बचने वालों की जानकारी मिल जाएगी। इसमें लेन-देन का पूरा डिटेल निकाला जा सकेगा।