निजी क्षेत्र की पहली इकाई होगी रायगढ़ में, लंबी रेलपांत के
बाद पहिया निर्माण में भी सरकारी उपक्रमों को लगेगा झटका
नयी दिल्ली। निजी क्षेत्र की कंपनी जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) अब रेल पहिया निर्माण के क्षेत्र में भी उतर रहा है। इसके लिए कंपनी ने हंगरी की निर्माण इकाई के साथ करार किया है। रायगढ़ छत्तीसगढ़ में स्थापित होने जा रहे इस प्लांट की घोषणा शुक्रवार 27 मई को की गई। अब तक सार्वजनिक उपक्रम स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की दुर्गापुर इकाई के अलावा भारतीय रेलवे की बिहार की सारण जिले के बेला और कर्नाटक में बैंगलुरू के समीप येलहेंका में रेल का पहिया बनाने इकाई स्थापित है।
अब निजी क्षेत्र के रेल पहिया निर्माण के क्षेत्र में आने से इन सार्वजनिक इकाईयों को प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा। बता दें कि इसके पहले जेएसपीएल ने लंबी पटरी के निर्माण की इकाई रायगढ़ में दो दशक पहले स्थापित की थी। आज सार्वजनिक उपक्रम सेल की भिलाई स्टील प्लांट इकाई को लंबी पटरी निर्माण के क्षेत्र में जेएसपीएल के मुकाबले कड़ी प्रतिस्पर्धा से जूझना पड़ रहा है।
जेएसपीएल की ओर से एक बयान में कहा गया, ‘‘जेएसपीएल ने रेल अवसंरचना विनिर्माण के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाई है। कंपनी रायगढ़ संयंत्र में भारत का पहला निजी रेल व्हीलसेट विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेगी। जेएसपीएल ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए हंगरी की जीआईएफएलओ स्टील के साथ सहयोग किया है।’’
इस संबंध में शुक्रवार को दिल्ली में हंगरी के दूतावास द्वारा आयोजित ‘भारत हंगरी व्यापार मंच’ में दोनों कंपनियों के बीच प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। शुरुआत में संयंत्र में प्रति वर्ष 25,000 पहियों के उत्पादन की क्षमता होगी। जिंदल स्टील एसिमेट्रिक रेल के लिए एक रेल फोर्जिंग इकाई की स्थापना भी करेगी, जिसका इस्तेमाल रेल पटरी का रास्ता बदलने के लिए किया जाता है। ये खासतौर से तेज गति से चलने वाली रेलगाड़ियों के लिए उपयोगी है।
जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक वी आर शर्मा ने कहा, ‘‘हम अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए प्रतिबद्ध हैं। गति शक्ति के विजन को साकार करने की दिशा में रेल व्हीलसेट विनिर्माण संयंत्र भारतीय रेलवे को विश्वस्तरीय रेल पहिये उपलब्ध कराएगा। इससे रेल बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण में तेजी आएगी।’’
शर्मा ने आगे कहा कि जेएसपीएल अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को बनाए रखते हुए रेलवे से संबंधित हमारे देश की विविध मांग को पूरा करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि रायगढ़ में हमारा काराखाना विभिन्न मेट्रो और भारतीय रेलवे परियोजनाओं के लिए बेहतर गुणवत्ता वाली पटरियों की आपूर्ति कर रही है।
जेएसडब्ल्यू स्टील का चौथी तिमाही में शुद्ध
लाभ 20 प्रतिशत घटकर 3,343 करोड़ रुपये पर
निजी क्षेत्र की जेएसडब्ल्यू स्टील का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में 20 प्रतिशत घटकर 3,343 करोड़ रुपये रहा। मुख्य रूप से खर्च बढ़ने से कंपनी का लाभ घटा है। कंपनी ने शुक्रवार 27 मई को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसने वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में 4,191 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। हालांकि, कंपनी की कुल आय समीक्षाधीन तिमाही में बढ़कर 47,128 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 27,095 करोड़ रुपये थी। उक्त अवधि में कंपनी का खर्च बढ़कर 41,282 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले 20,752 करोड़ रुपये था।