आम के इस मौसम में केमिकल से पकाना
आम बात, आप बच सकते हैं इस जहर से
देश भर से केमिकल डालकर पकाए गए आम जब्त करने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में कहीं आपको भी तो यह चिंता नहीं सता रही कि आप सही आम खा रहे हैं या नहीं? हम यहां कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप प्राकृतिक रूप से पके आमों और कार्बाइड से पके आमों की पहचान कर सकते हैं।
इसी महीने की शुरुआत में खबरें आई थीं कि फूड सेफ्टी अधिकारियों ने करीब 12 टन आम और 2 टन मौसंबी ज़ब्त किया। अधिकारियों के मुताबिक इन फलों को गलत तरीके से पकाया (Chemically Ripened Fruits) गया था। आए दिन देश भर से ऐसी खबरें सुनने को मिलती रहती हैं। हाल ही में तिरुपुर से खबर आई थी कि वहां 1.5 टन आम जब्त किए गए, जिन्हें केमिकल डालकर पकाया गया था।
ऐसी खबरें इशारा करती हैं कि उन उपभोक्ताओं को ज्यादा जागरूक रहने की जरुरत है, जो आर्टिफिशिअल तरीके से पकाए गए फल और प्राकृतिक तरह से पकाए गए फलों की पहचान करना नहीं जानते हैं। आर्टिफिशिअल तरीके से पकाए गए फलों के लिए केमिकल का इस्तेमाल होता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।

साल 2019 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 13,000 लोगों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में से करीब 78 प्रतिशत लोग आर्टिफिशिअल तरीके से पके आमों की पहचान करना नहीं जानते थे।
एक्सपर्ट के मुताबिक इन फलों को पकाने के लिए मुख्य रूप से कार्बन कार्बाइड नाम के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। आर्टिफिशिअल तरीके से आम पकाने की प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए इक्विनॉक्स लैब्स के सीईओ अश्विन भद्री ने एक बातचीत के दौरान बताया, “कैल्शियम कार्बाइड के पाउच, आम के साथ रखे जाते हैं। जब यह केमिकल नमी के संपर्क में आता है, तो एसिटिलीन गैस उत्पन्न होती है, जिसका प्रभाव एथिलीन के जैसा होता है।”
केमिकल से पके फलों के क्या हैं हानिकारक प्रभाव?
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ( The Food Safety and Standards Authority of India, FSSAI) ने अपने खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम ( Prevention of Food Adulteration Act, PFA) के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा और मानक विनियमों (Food Safety and Standards Regulations ) के तहत, कैल्शियम कार्बाइड (CaC2), के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। कार्बन कार्बाइड को अक्सर ‘मसाला’ के नाम से भी जाना जाता है और इसका स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
Ripened Mangoआर्टिफिशिअल तरीके से पकाए गए आमों की तुलना में प्राकृतिक तरह से पके हुए आम ज्यादा रसदार होंगे।
FSSAI के मुताबिक, कैल्शियम कार्बाइड में कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं और अक्सर इसका उपयोग वेल्डिंग के कामों के लिए किया जाता है। यह सस्ता है और स्थानीय बाजारों में आसानी से उपलब्ध है, जिससे इसका अंधाधुंध उपयोग होता है।
इसके अलावा, इस केमिकल में आर्सेनिक और फॉस्फोरस हाइड्राइड भी पाया जाता है, जिससे उल्टी, दस्त, कमजोरी, त्वचा पर अल्सर, आंखों की स्थाई क्षति और सांस की तकलीफ हो सकती है। यह तंत्रिका तंत्र ( न्यूरोलॉजिकल सिस्टम ) को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे सिरदर्द, चक्कर आना, नींद आना, मानसिक भ्रम, स्मरण क्षमता की हानि जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कैल्शियम कार्बाइड के अलावा, एथिलीन पाउडर जैसे कई अन्य केमिकल हैं, जिनका उपयोग फलों को पकाने के लिए किया जाता है।
कैसे करें केमिकल से पकाए गए आमों की पहचान?

ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे आप आर्टिफिशिअल रूप से पके आमों की पहचान कर सकते हैं। इनमें से सबसे सरल है बाल्टी यानी बकेट टेस्ट।
आमों को एक बाल्टी पानी में डालें और देखें। अगर आम पानी पर तैरते हैं, तो उन्हें पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया गया है। अगर वे डूब जाते हैं, तो वे प्राकृतिक रूप से पके हुए हैं।
इसकी पहचान करने के लिए कुछ और तरीके भी हैं।
1. रंग की जाँच करें
केमिकल के इस्तेमाल से पके आमों (Chemically Ripened Fruits) में, सतह पर पीले और हरे रंग का मिश्रण हो सकता है। यहां हरा और पीला पैच अलग-अलग दिखता है। लेकिन प्राकृतिक रूप से पके आमों में यह हरे और पीले रंग का एक समान मिश्रण होगा।
2. रसदार या नहीं
आर्टिफिशिअल तरीके से पकाए गए आमों की तुलना में प्राकृतिक तरह से पके हुए आम ज्यादा रसदार होंगे।
3. पहचानने के लिए इसे चखें
जब आप केमिकल डालकर पकाए
गए आमों (Chemically Ripened Fruits) को खाते हैं, तो एक तरह की जलन का हल्का सा एहसास होगा। कुछ मामलों में, लोगों को पेट दर्द, दस्त और गले में जलन भी हो सकती है।
अगर आप भी केमिकल का इस्तेमाल करते हुए आम पकाकर बेचने वाली किसी भी दुकान को जानते हैं, तो आप 9444042322 पर व्हाट्सएप के माध्यम से फूड सिक्योरिटी विभाग को इसकी जानकारी दे सकते है।
दादी-नानी खाने से पहले आम को पानी भिगोने
को क्यों कहती थीं, जानें इसके पीछे का विज्ञान

आम को खाने से पहले पानी में भिगोने का मकसद सिर्फ फलों की गंदगी और धूल को साफ करना नहीं है। जानें इसके पीछे छिपे छह वैज्ञानिक कारणों के बारे में।
गर्मी का मौसम यानि फलों के राजा, आम का मौसम। एक तरफ धूप, पसीना और गर्म हवाओं के बारे में सोचकर मन थोड़ा परेशान होता है, तो वहीं दूसरी तरफ आम के मीठे स्वाद के बारे में सोच कर मन खुश भी हो जाता है। आम का मौसम आते ही लोग इसके अचार, आमरस, मैंगो शेक सहित कई तरह की रेसिपी बनाने की तैयारी में जुट जाते हैं। लेकिन क्या आपने गौर किया है कि आमतौर पर घरों में हमारी दादी-नानी आम खाने से पहले इसे एक-दो घंटे के लिए पानी में भिगोकर (Soaking Mango In Water) जरूर रखती थीं!
आम को पानी में भिगोने की हैं कई वजहें
हमारे घर के बड़े-बूढ़ों का मानना था कि ऐसा करने से आम में लगी गंदगी और फसल में इस्तेमाल किए गए केमिकल, दोनों साफ हो जाते हैं। आम को पानी में भिगोकर रखने के पीछे यह तो एक कारण है। आईए विस्तार से जानें ऐसा करने के पीछे और कारणों के बारे में।
1. फाइटिक एसिड से छुटकारा
फाइटिक एसिड उन पोषक तत्वों (न्यूट्रिएंट्स) में से है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा और बुरा दोनों हो सकता है। इसे एक एंटी पोषक तत्व माना जाता है, जो शरीर को आयरन, जिंक, कैल्शियम और अन्य मिनरल्स को अवशोषित करने से रोकता है, जिसकी वजह से शरीर में मिनरल्स की कमी होने लगती है।
न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, आम में फाइटिक एसिड नाम का एक प्राकृतिक मॉलिक्युल होता है, जो कई फलों, सब्जियों और नट्स में भी पाया जाता है। फाइटिक एसिड शरीर में गर्मी पैदा करता है। जब आम को कुछ घंटों के लिए पानी में भिगोया जाता है, तो इससे फाइटिक एसिड को हटाने में मदद मिलती है।
2. आम को भिगाकर (Soaking Mangos) खाने से होता है रोगों से बचाव
आम को पानी में भिगोकर रखने से त्वचा की कई समस्याओं जैसे मुंहासे, फुंसियों और सिरदर्द के साथ-साथ कब्ज व आंत से संबंधित अन्य समस्याओं को रोकने में भी मदद मिलती है। एक इंटरव्यू में आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष गौतम ने बताया कि फलों को पानी में भिगोकर रखने से उसकी गर्मी बाहर निकल जाती है, जिससे दस्त और मुंहासे जैसी त्वचा की समस्याओं से बचने में मदद मिलती है।
mango peel fertilizersScience behind soaking mango in water
3. केमिकल से बचाव
फसल को बचाने के लिए कई तरह से कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है। ये कीटनाशक जहरीले होते हैं और शरीर में जलन, एलर्जी, सिरदर्द जैसी कई परेशानियां पैदा कर सकते हैं। फलों को खाने से पहले, पानी में भिगोकर रखने से इन परेशानियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा, ऐसा करने से इसके तने पर लगा दूधिया रस हट जाता है जिसमें फाइटिक एसिड होता है।
4. शरीर का सही तापमान बनाए रखना
आम शरीर के तापमान को भी बढ़ाता है, जिससे थर्मोजेनेसिस का उत्पादन होता है। इसलिए, आमों को थोड़ी देर के लिए पानी में भिगोने से उनके थर्मोजेनिक गुण को कम करने में मदद मिलती है।
5. आम को भिगाकर (Soaking Mangos) खाने से फैट बर्न में मिलती है मदद
आम में ढेर सारे फाइटोकेमिकल्स होते हैं। उन्हें पानी में भिगोने से उनकी कॉन्संट्रेशन कम हो जाती है, जिससे वे ‘नैचुरल फैट बस्टर’ की तरह काम करते है।