प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की
निर्धारित संख्या तक ही पंजीकरण
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने कहा है कि चारधामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या तक ही पंजीकरण संभव होंगे और असुविधा से बचने के लिए पंजीकरण की उपलब्धता की जांच के बाद ही कार्यक्रम बनाया जाए।
प्रदेश के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चारों धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की क्षमता को ध्यान में रखते हुए प्रतिदिन दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी है, जिसके अनुरूप पंजीकरण पोर्टल पर सॉफ्टवेयर को डिजाइन कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि जिन तिथियों में निर्धारित सीमा तक पंजीकरण हो चुके हैं उन तिथियों पर और अधिक पंजीकरण नहीं किया जा सकता । अधिकारी ने कहा कि दर्शनार्थियों को अगली उपलब्ध तिथियों पर पंजीकरण कराने की सलाह दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि पंजीकरण करते समय श्रद्धालुगण उपलब्धता की जांच करने के बाद ही मंदिरों के भ्रमण का अपना कार्यक्रम बनाएं । पिछले दो साल कोविड के कारण बाधित रही चारधाम यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है और शनिवार तक 4,63,830 श्रद्धालु मंदिरों के दर्शन कर चुके हैं।
चारधाम यात्रा की शुरूआत तीन मई को अक्षय तृतीया के पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ हुई थी । केदारनाथ के कपाट छह मई को जबकि बदरीनाथ के कपाट आठ मई को खुले थे।
श्रद्धालुओं की बढती संख्या के मददेनजर राज्य सरकार ने चारों धामों में प्रतिदिन दर्शनार्थियों की संख्या निर्धारित कर दी है। बदरीनाथ दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या प्रतिदिन 16000, केदारनाथ के लिए 13000, गंगोत्री के लिए 8000 और यमुनोत्री के लिए 5000 तय की गयी है।