नॉन पावर सेक्टर के कारण कम मिल रहा कोयला, लिकेंज की
अवधि भी समाप्त,कोल इंडिया का एसईसीएल को दिशा-निर्देश
कोरबा। कोयला संकट में फंसे नॉन पॉवर सेक्टर वाले उद्योगों को थोड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार ने कोल इंडिया को पावर सेक्टर को ही प्राथमिकता से कोयला देने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में नॉन पावर सेक्टर को कोयला मिलने में परेशानी हो रही है, लेकिन अब ऊर्जा सचिव ने निर्देश के बाद कोल इंडिया ने नॉन सेक्टर के बैकलॉग वाले स्टॉक में रोज 20 हजार टन कोयला ज्यादा देने का फैसला लिया है।
इसके लिए एसईसीएल SECL को भी निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में प्रदेश के स्पंज आयरन उद्योगों sponge iron industries को भी इसका फायदा मिलेगा, लेकिन अब भी लिंकेज वाला पेंच फंसा हुआ है। इसके लिए लगातार केंद्र सरकार से मदद लेने का प्रयास हो रहा है। कोयले को लेकर देशभर के नॉन पॉवर सेक्टर में हाहाकार मचा हुआ है।
ऐसे में प्रदेश का स्पंज आयरन उद्योग भी प्रभावित हुआ है। इस उद्योग को तो दोहरा झटका लगा है। एक तो नॉन पॉवर सेक्टर होने के कारण कम कोयला मिल रहा है, दूसरा इनका लिंकेज भी समाप्त हो गया है। ऐसे में इनको अब इस साल कोयला मिलने वाला नहीं है।
जो पुराने बैकलॉग का कोयला है, वही मिलेगा। स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नचरानी Anil Nachrani, president of Sponge Iron Association का कहना है कि कोयले को लेकर ऊर्जा सचिव ने नॉन पावर सेक्टर को बड़ी मदद की है। उन्होंने ही कोल इंडिया के चेयरमैन को नॉन पावर सेक्टर के उद्योगों को बैकलॉक के स्टॉक में इजाफा करने के लिए कहा गया है।
इसके बाद कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने एसईसीएल को लिंकेज वाले उद्योगों को बैकलॉग के स्टॉक में रोज 20 हजार टन कोयला ज्यादा देने के निर्देश दिए हैं।
अब ऐसे में जिन स्पंज आयरन उद्योग का बैकलॉग का कोयला बचा है, उनको अब ज्यादा मात्रा में कोयला मिल सकेगा। सूत्रों की मानें तो करीब 70 फीसदी उद्योगों का तो लिंकेज समाप्त हो गया है। करीब 30 फीसदी का लिंकेज मुश्किल से छह माह का ही बचा है।
इसी के साथ जहां तक बैकलॉक का सवाल है तो यह एक से तीन माह का बचा है। ऐसे में अब ज्यादा से ज्यादा कुछ उद्योग तीन माह तक ही चल पाएंगे। कई उद्योगों का एक माह का ही बैकलॉग जो मार्च का है, वही बचा है। इसके बाद इन उद्योगों को कोयला नहीं मिला तो ये बंद हो जाएंगे। कुल मिलाकर बैकलॉग कोयले का स्टॉक समाप्त होने से पहले अगर लिंकेज का नवीनीकरण नहीं हुआ तो आने वाले समय में सभी उद्योगों में ताले लग जाएंगे।