छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज का खुलासा-इस साल केवल 20 प्रतिशत उपभोक्ताओं से ही की गयी है अतिरिक्त सुरक्षा निधि की माँग, कुल जमा सुरक्षा निधि पर वर्ष के अंत में ब्याज भी देय
रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी Chhattisgarh State Power Distribution Company द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सप्लाई कोड के अनुसार विद्युत उपभोक्ताओं से प्रतिवर्ष एक बार सुरक्षा निधि पुनरीक्षित की जाती है. यह निर्धारित प्रक्रिया मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के समय से चल रही है।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक मनोज खरे Chhattisgarh State Power Distribution Company’s Managing Director Manoj Khare ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत सप्लाई कोड-2011 के अनुसार प्रतिवर्ष माह अक्टूबर में इसे पुनरीक्षित किया जाता है।
उपभोक्ता की सुरक्षा निधि को पिछले 12 महीने की औसत खपत के बिल के आधार पर पुनरीक्षित किए जाने का प्रावधान है। यदि किसी उपभोक्ता की औसत खपत पिछले 12 माह में बढ़ जाती है तो माह नवंबर के विद्युत देयकों में पूर्व से जमा सुरक्षा निधि के अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि को जोड़कर बिल जारी किए जाते हैं।
जबकि यदि पिछले साल की औसत खपत घट जाती है तो सुरक्षा निधि भी घटा दी जाती है और उतनी राशि आगामी बिलों में उपभोक्ता को लौटा दी जाती है।
उपभोक्ताओं की जमा सुरक्षा निधि पर प्रतिवर्ष अप्रैल माह में कंपनी द्वारा ब्याज भी दिया जाता है। पिछले अप्रैल माह में लगभग 99 करोड़ रुपए उपभोक्ताओं को सुरक्षा निधि पर ब्याज के रूप में दिए गए थे।
सुरक्षा निधि जमा कराने के नियम के पीछे कारण यह है कि पॉवर कंपनी उपभोक्ताओं को पहले बिजली देती है फिर उपभोग के आधार पर बिजली बिल दिया जाता है, जिसका भुगतान लगभग दो माह बाद होता है। पॉवर कंपनी के पास एडवांस में कोई राशि जमा नहीं रहती, इसलिये अग्रिम बिजली देने के एवज में सुरक्षा के रूप में कुछ राशि जमा कराई जाती है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण माह नवंबर 2020 में अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि को पुनरीक्षित नहीं किया गया था तथा पिछले वर्ष 2021 में भी कोविड के प्रभाव के कारण अतिरिक्त सुरक्षा निधि की राशि पर 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई थी। इस वर्ष कोविड का प्रकोप समाप्त हो चुका है अत: सामान्य नियम के तहत सुरक्षा निधि का पुनरीक्षण किया जा रहा है।
इस वर्ष केन्द्रीय उत्पादन संयंत्रों विशेषकर एनटीपीसी से मिलने वाली बिजली की दरों में विदेशों से आयातित कोयले के उपयोग के कारण वृद्धि हुई है। इस कारण वीसीए (वेरिएबल कॉस्ट एडजस्टमेंट) में वृद्धि हुई है, जिसका असर नियमित विद्युत देयकों पर हुआ है। साथ ही, औसत मासिक बिल बढ़ने से अतिरिक्त सुरक्षा निधि जारी हुई है।
वर्ष 2022 में केवल 20 प्रतिशत उपभोक्ताओं से ही अतिरिक्त सुरक्षा निधि ली जा रही है, जिनकी खपत बढ़ी है। इसकी कुल राशि लगभग 253 करोड़ रुपए है जिसमें से घरेलू उपभोक्ताओं से ली जाने वाली अतिरिक्त सुरक्षा निधि 116 मात्र करोड़ रूपए है जो की कुल मासिक राजस्व का केवल 10 प्रतिशत है।