महत्वपूर्ण फैसलों के साथ अखिल भारतीय कांग्रेस
कमेटी का चिंतन-नवसंकल्प शिविर संपन्न
उदयपुर। अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने रविवार को यहां चिंतन-नवसंकल्प शिविर के समापन पर संगठन में कई बड़े सुधार करने का फैसला लिया। जिसमें ‘एक परिवार-एक टिकट’ की व्यवस्था सबसे प्रमुख है।
जिसके साथ यह शर्त भी रखी गई है कि परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति को टिकट तभी मिलेगा, जब उसने संगठन के लिए कम से कम पांच साल तक काम किया हो।
पार्टी ने संगठन में हर स्तर पर 50 साल की आयु से कम के लोगों को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यकों को न्यायसंगत प्रतिनिधित्व देने तथा राज्य स्तर पर राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) बनाने का भी निर्णय लिया है। पार्टी की छह समन्वय समितियों की अनुशंसा के आधार पर कांग्रेस ने ‘उदयपुर नवसंकल्प’ जारी किया।
संगठन में बनेंगे नए विभाग
कांग्रेस ने ‘पब्लिक इनसाइट विभाग’, ‘राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान’ और ‘चुनाव प्रबंधन विभाग’ का गठन करने का भी फैसला किया है। पार्टी ने ‘नवसंकल्प’ में कहा, ‘‘अगले 90 से 180 दिन में देशभर में ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की सभी रिक्त नियुक्तियां संपूर्ण कर जवाबदेही सुनिश्चित कर दी जाए।
संगठन को प्रभावी बनाने हेतु ब्लॉक कांग्रेस के साथ-साथ ‘‘मंडल कांग्रेस कमिटियों” का भी गठन किया जाए।”पार्टी की ओर कहा गया कि राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान का गठन किया जाए ताकि पार्टी की नीतियों, विचारधारा, दृष्टि, सरकार की नीतियों व मौजूदा ज्वलंत मुद्दों पर पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं का व्यापक प्रशिक्षण हो पाए। केरल स्थित ‘राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज़’ से इस राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान की शुरुआत की जा सकती है।
इस नवसंकल्प में कहा गया है कि चुनाव प्रबंधन विभाग का गठन किया जाए, ताकि हर चुनाव की तैयारी प्रभावशाली तरीके से हो व अपेक्षित परिणाम निकलें।
मूल्यांकन होगा राष्ट्रीय, राज्य व जिला
स्तरीय पदाधिकारियों के कामकाज का
पार्टी के नवसंकल्प के अनुसार, कांग्रेस महासचिव (संगठन) के तहत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी, जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के कार्य का मूल्यांकन भी हो, ताकि बेहतरीन काम करने वाले पदाधिकारियों को आगे बढ़ने का मौका मिले और निष्क्रिय पदाधिकारियों की छंटनी हो पाए।
इसमें कहा गया है, ‘‘पार्टी में लंबे समय तक एक ही व्यक्ति द्वारा पद पर बने रहने के बारे में कई विचार सामने आए। संगठन के हित में यह है कि पांच वर्षों से अधिक कोई भी व्यक्ति एक पद पर न रहे, ताकि नए लोगों को मौका मिल सके।”
कांग्रेस ने यह फैसला भी किया है कि कांग्रेस कार्यसमिति, राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश, जिला, ब्लॉक व मंडल पदाधिकारियों में 50 प्रतिशत पदाधिकारियों की आयु 50 वर्ष से कम हो। पार्टी का कहना है,‘‘राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला, ब्लॉक व मंडल संगठनों की इकाइयों में सामाजिक वास्तविकता प्रतिबिंबित हो, यानी दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों व महिलाओं को न्यायसंगत प्रतिनिधित्व मिले।” कांग्रेस ने कहा, ‘‘संगठन में ‘‘एक व्यक्ति, एक पद” का सिद्धांत लागू हो।
कांग्रेस अध्यक्ष को सुझाव देने
कार्यसमिति सदस्यों का समूह
इसी प्रकार, ‘‘एक परिवार, एक टिकट” का नियम भी लागू हो। यदि किसी के परिवार में दूसरा सदस्य राजनीतिक तौर से सक्रिय है, तो पांच साल के संगठनात्मक अनुभव के बाद ही वह व्यक्ति कांग्रेस टिकट के लिए पात्र माना जाए।” ‘नवसंकल्प’ में कहा गया है, ‘‘पूर्वोत्तर के प्रांतों के लिए गठित की गई ‘‘नॉर्थ ईस्ट को-ऑर्डिनेशन कमेटी” के अध्यक्ष को कांग्रेस कार्य समिति का स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया जाए।
राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों में से कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा एक समूह का गठन हो, जो समय-समय पर जरूरी व महत्वपूर्ण राजनीतिक विषयों पर निर्णय लेने हेतु कांग्रेस अध्यक्ष को सुझाव दे व उपरोक्त निर्णयों के क्रियान्वयन में मदद करे।”
यह भी निर्णय लिया गया है, ‘‘हर प्रांत के स्तर पर भिन्न-भिन्न विषयों पर चर्चा करने व निर्णय हेतु राजनीतिक मामलों की समिति का गठन किया जाएगा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी व प्रदेश कांग्रेस कमिटियों का सत्र साल में एक बार अवश्य आयोजित होगा।
हर जिला स्तर पर होगी 75 किमी की पदयात्रा
इसी प्रकार, जिला, ब्लॉक व मंडल समितियों की बैठक नियमित रूप से आयोजित की जाएगी।” कांग्रेस ने अपने ‘नवसंकल्प’ में कहा है, ‘‘आज़ादी के 75वर्ष पूरे होने पर हर जिला स्तर पर 9 अगस्त से 75 किलोमीटर लंबी पदयात्रा का आयोजन हो, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के लक्ष्यों व त्याग तथा बलिदान की भावना प्रदर्शित हो।”
इसमें कहा गया है,‘‘बदलते परिवेश में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मीडिया व संचार विभाग के अधिकारक्षेत्र, कार्यक्षेत्र व ढांचे में बदलाव कर व्यापक विस्तार किया जाए तथा मीडिया, सोशल मीडिया, डाटा, अनुसंधान, विचार विभाग आदि को संचार विभाग से जोड़ विषय विशेषज्ञों की मदद से और प्रभावी बनाया जाए।”
पार्टी ने फैसला किया है कि प्रदेशों के सभी मीडिया, सोशल मीडिया, अनुसंधान आदि विभागों को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अंतर्गत रखकर सीधा जुड़ाव बनेगा, ताकि पार्टी का संदेश प्रतिदिन देश के कोने-कोने में फैल सके।
राजनीतिक परिस्थितियों के अनुरूप
गठबंधन के विकल्प खुले हैं: कांग्रेस
कांग्रेस ने समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ संपर्क स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताते हुए रविवार को कहा कि राजनीतिक परिस्थितियों के अनुरूप गठबंधन का विकल्प उसने खुला रखा है।
कांग्रेस कार्य समिति ने जिस ‘उदयपुर नवसंकल्प’ को स्वीकृति प्रदान की है उसमें गठबंधन को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के साथ ही ‘फर्जी राष्ट्रवाद’, ध्रुवीकरण और सुरक्षा के मुद्दों को लेकर भाजपा पर निशाना साधा गया है।
इस नवसंकल्प में कहा गया है कि ‘‘भारतीय राष्ट्रवाद” ही कांग्रेस का मूल चरित्र है और इसके विपरीत, भाजपा का छद्म राष्ट्रवाद सत्ता की भूख पर केंद्रित है। हर कांग्रेसजन का कर्तव्य है कि वह इस अंतर को जन-जन तक पहुंचाए।
कांग्रेस ने आरोप लगाया, ‘‘आज सत्तासीन दल द्वारा भारतीय संविधान, उसमें निहित सिद्धांतों व अधिकारों तथा बाबा साहेब आंबेडकर की सोच पर षडयंत्रकारी हमला बोला गया है। संवैधानिक अधिकारों पर आक्रमण का पहला आघात देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं व गरीबों को पहुंचा है।”
समान विचारधारा वाले दलों से संवाद व संपर्क
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समन्वय समिति की सिफारिश के आधार पर तैयार नवसंकल्प में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीयता की भावना व प्रजातंत्र की रक्षा के लिए कांग्रेस सभी समान विचारधारा के दलों से संवाद व संपर्क स्थापित करने को कटिबद्ध है तथा राजनैतिक परिस्थितियों के अनुरूप जरूरी गठबंधन करने के लिए अपने रास्ते हमेशा खुले रखेगी।”
पार्टी ने सीमा पर चीन की आक्रामकता को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित न होना व प्रधानमंत्री की रहस्यमयी चुप्पी हमारे देश के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
कई दौर की वार्ता के बावजूद चीन द्वारा भारत की सरजमीं से अनधिकृत कब्जा न छोड़ना अपने आप में भारत की अखंडता को चुनौती है। भाजपा द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा से किया जा रहा यह खिलवाड़ अस्वीकार्य है।”
उत्तर-पूर्व व कश्मीर को लेकर
गिनाई भाजपा की नाकामियां
संकल्प पत्र में यह भी कहा गया है कि राजनीतिक स्वार्थों हेतु असम-मिज़ोरम-मेघालय सीमा विवाद, नागालैंड – मणिपुर राष्ट्रीय राजमार्ग का लंबे समय तक बंद रहना, रहस्यमयी नागा शांति समझौते का 2019 से क्रियान्वयन न हो पाना व पूरे उत्तर-पूर्व में सत्ता प्राप्ति हेतु सामाजिक व राजनीतिक अस्थिरता का माहौल पैदा कर देना भाजपा की नाकामियों को दर्शाता है।
कांग्रेस ने दावा किया, ‘‘जम्मू-कश्मीर से पूर्ण राज्य का दर्जा छीन लेना, प्रांत को केंद्र शासित दर्जे में तब्दील कर देना, प्रांतीय विधानसभा की बहाली न कर चुनाव न करवाना, लोगों से वोट का अधिकार छीन लेना, त्रुटिपूर्ण परिसीमन लागू करना, अस्थिरता व असुरक्षा के माहौल के चलते उग्रवादियों द्वारा सुरक्षा बलों व कश्मीरी पंडितों सहित हजारों मासूम नागरिकों को निशाना बनाकर उनकी हत्या किया जाना, अपने आप में केंद्र सरकार की गंभीर नाकामी का परिचायक है।”
पार्टी ने कहा, ‘‘हम भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा देश में सांप्रदायिक विभाजन फैलाने के एजेंडा की निंदा करते हैं। कांग्रेस धर्म, भाषा, जाति, रंग व क्षेत्रवाद के आधार पर अल्पसंख्यकों, गरीबों व वंचितों को निशाना बना वोट बटोरने की राजनीति का सिरे से खंडन करती है।”
सोनिया ने पार्टी में सुधारों के लिए कार्यबल
और सलाहकार समूह बनाने की घोषणा की
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी में बड़े सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए रविवार 15 मई को एक समग्र कार्यबल और कार्य समिति के सदस्यों की मौजूदगी वाला सलाहकार समूह बनाने का फैसला किया।
उनका कहना है कि सलाहकार समूह सामूहिक निर्णय लेने वाली इकाई नहीं होगी, बल्कि इसके माध्यम से उन्हें वरिष्ठ नेताओं के अनुभव का लाभ मिलेगा। कांग्रेस के चिंतन शिविर के समापन के अवसर पर सोनिया ने इस शिविर को बहुत सार्थक और उपयोगी करार दिया।
महात्मा गांधी जयंती से शुरू होगी भारत जोड़ो यात्रा
श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘हम महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत करेंगे। हममें से सब लोग इसमें भाग लेंगे। यात्रा का मकसद सामाजिक सद्भाव को मजबूत करना और संविधान के उन बुनियादी मूल्यों की रक्षा करना है जिस पर हमला हो रहा है।”
उन्होंने बताया कि 15 जून से जिला स्तर पर ‘जन जागरण अभियान’ का दूसरा चरण आरंभ होगा जिसमें बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों को पुरजोर ढंग से उठाया जाएगा।
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘एक समग्र कार्य बल बनेगा जो उन आंतरिक सुधारों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा जिन पर इस चिंतन शिविर में चर्चा हुई है। ये सुधार 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किए जाएंगे तथा इनमें संगठन के सभी पहलुओं को समाहित किया जाएगा। उनके अनुसार, कार्य बल की रूपरेखा के बारे में अगले दो-तीन दिनों में अधिसूचित कर दिया जाएगा।
सलाहकार समूह होगा सोनिया की अध्यक्षता में
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘मैंने यह भी फैसला किया है कि कांग्रेस कार्य समिति के लोगों को लेकर एक सलाहकार समूह बनाया जाएगा जो मेरी अध्यक्षता में नियमित रूप से बैठक करेगा और राजनीतिक मुद्दों और पार्टी के समक्ष खड़ी चुनौतियों पर चर्चा करेगा।”
उन्होंने कहा, ‘‘हम सीडब्ल्यूसी की बैठकें भी समय समय पर करते हैं और इसी जारी रखेंगे। नया समूह सामूहिक निर्णय लेने वाली कोई इकाई नहीं होगी, लेकिन इससे वरिष्ठ साथियों के अनुभव का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। इसे भी जल्द अधिसूचित किया जाएगा।”
पार्टी को भविष्य में मजबूती प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों के बीच सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘साथियों, आप लोगों को शुभकामनाएं देना चाहती हूं। हम इससे उबरेंगे। यह हमारी प्रतिबद्धता है। यह हमारा नवसंकल्प है। कांग्रेस का एक नया उदय होगा। यह हमारा नवसंकल्प होगा।”
राहुल बोले-जनता से कांग्रेस का संपर्क
टूट गया, इसे फिर से जोड़ना होगा
उदयपुर चिंतन-नवसंकल्प शिविर के समापन पर जनता के साथ कांग्रेस के संबंधों की डोर कमजोर होने को स्वीकार करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार 15 मई को पार्टी के नेताओं से जनता के बीच जाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि देश के लोगों के साथ पार्टी का जो संपर्क टूट गया है और उसे फिर से जोड़ना होगा। उन्होंने पार्टी के चिंतन शिविर के दौरान अपने संबोधन में यह भी कहा कि आगामी अक्टूबर महीने में पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे और उनके मुद्दों को समझेंगे।
राहुल गांधी ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र की मौजूदा सरकार में प्रदेशों और जनता को संवाद करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। चिंतन शिविर के दौरान हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैं अपने आप से यह सवाल पूछ रहा था कि कौन सी राजनीतिक पार्टी इस तरह के संवाद की अनुमति देती है? एक ऐसा संवाद हुआ जिसमें सबसे वरिष्ठ नेतृत्व को खुलकर और बेझिझक यह बताया गया कि कांग्रेस पार्टी क्या महसूस करती है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस संवाद का मंच प्रदान करती है जो भाजपा, आरएसएस और क्षेत्रीय पार्टियों में संभव नहीं है क्योंकि देश के लोगों के बीच संवाद कांग्रेस के डीएनए में है।
अनुभवी और युवा नेताओं में बनाएंगे संतुलन
राहुल गांधी ने युवाओं को पूरा मौका देने का आह्वान करते हुए है कि संगठन में अनुभवी और युवा नेताओं का संतुलन बनाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी शिकायत है, हमारी पूरी की पूरी बातचीत अपने आंतरिक मामले पर होती है। कौन सा पद किसको मिल रहा है, इस पर हमारा ध्यान रहता है।
हमारा ध्यान बाहर की ओर होना पड़ेगा। जनता की ओर हमें देखना पड़ेगा, जनता के पास हमें जाना पड़ेगा।” राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ चाहे हमारे वरिष्ठ नेता हों, जूनियर नेता हों, कार्यकर्ता हों, हमें बिना सोचे जनता के बीच जाकर बैठ जाना चाहिए। जो उनकी समस्याए हैं, उनको समझना चाहिए।
जनता के साथ हमारा संबंध होता था, वो टूट गया, उसको हमें स्वीकार करना पड़ेगा। उस संबंध को हमें फिर से बनाना पड़ेगा।” उनका कहना था कि जनता समझती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है और यही कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है।
उन्होंने पार्टी में ‘एक परिवार, एक टिकट’ फार्मूला लागू होने का उल्लेख करते हुए कहा कि संगठन में काम करने वाले एक परिवार के लोगों की संख्या तय की जानी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं पैदा हो कि संगठन में एक ही परिवार के 5-7 लोग हों।
भाजपा-आरएसएस पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आरएसएस और भाजपा की विचारधारा देश के सामने एक खतरा है। मेरी लड़ाई उस विचारधारा से है।
यह मेरे लिए मेरी जिंदगी की लड़ाई है। मैं इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हूं कि हमारे प्यारे देश में इतनी नफरत, इतना क्रोध और हिंसा फैल सकती है।”
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘मैं इन शक्तियों से डरता नहीं हूं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी में कोई भ्रष्टाचार नहीं किया, मैंने एक रुपया नहीं लिया, मुझे कोई डर नहीं है।”
राहुल गांधी ने यह दावा भी किया कि कोई भी क्षेत्रीय दल भाजपा को नहीं हरा सकता। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी मीडिया रणनीति पर नए सिरे से तय करेगी।