वित्त मंत्रालय की मुहर लगने का इंतजार
नई दिल्ली। देशभर के प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले करोड़ों लोगों को ईपीएफओ बड़ी खुशखबरी देने जा रहा है। पीएफ पर मिलने वाला ब्याज पहले ही तय हो चुका है। अब इसके ऊपर सिर्फ वित्त मंत्रालय की मुहर लगने की देरी है। इसके बाद कभी भी ईपीएफओ के मेंबर्स के पीएफ खाते में ब्याज क्रेडिट किया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार जून के अंत तक कभी भी पीएफ खाताधारकों को ब्याज का पैसा ट्रांसफर कर सकती है। लेकिन अभी इस बारे में न तो ईपीएफओ की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है, न ही सरकार ने कोई ऐलान किया है।
पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर तय हो चुकी है, ऐसे में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अब जल्दी ही उनके खाते में ब्याज का पैसा भी क्रेडिट हो जाएगा। इससे ईपीएफओ के साढ़े छह करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स को फायदा मिलेगा।
पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर कई दशकों के सबसे निचले स्तर पर है। ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए पीएफ के ब्याज की दर 8.1 फीसदी तय किया है. यह 1977-78 के बाद पीएफ पर ब्याज की सबसे कम दर है।
इसे पहले 2020-21 में पीएफ पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा।फिस्कल ईयर 2020-21 में पीएफ के ब्याज की दर में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इससे ठीक एक साल पहले 2019-20 में इस ब्याज दर को 8.65 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी किया गया ।
ईपीएफओ पीएफ खाताधारकों के खाते में जमा हुए पैसे को कई जगहों पर इन्वेस्ट करता है। इस इन्वेस्टमेंट से होने वाली कमाई के एक हिस्से को ब्याज के रूप में खाताधारकों को दिया जाता है।
अभी ईपीएफओ 85 फीसदी हिस्सा डेट ऑप्शंस में इन्वेस्ट करता है। इनमें सरकारी सिक्योरिटीज और बॉन्ड भी शामिल हैं। बाकी के 15 फीसदी हिस्से को ईटीएफ में लगाया जाता है। डेट और इक्विटी से हुई कमाई के आधार पर पीएफ का ब्याज तय किया जाता है।