समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री को बताया आयमूलक
गतिविधियों से जुड़कर कैसे आ रहा है जीवन में बदलाव
सक्ती। ग्राम कांशीगढ़ गोधन न्याय योजना से जुड़ी महिलाएं स्वयं की और अपने परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ अपने शौक भी पूरे कर रही हैं।
इसकी एक बानगी आज 12 अक्टूबर बुधवार को सक्ती जिले के जैजैपुर विकासखंड के ग्राम कांशीगढ़ में देखने को मिली, जहां गोधन न्याय योजना से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य उषाबाई साहू ने अपने पांवों में सजाने के लिए एक जोड़ी पायल खरीदी।
मुख्यमंत्री से इस अनुभव को साझा करते हुए उषाबाई ने बताया कि यह उनके लिए काफी बड़ी बात है, क्योंकि उन्होंने जिंदगी में पहली बार अपने खुद के कमाए पैसों ने अपने लिए गहने खरीदे हैं।
गोधन न्याय योजना के साथ दूसरी आजीविका गतिविधियों से जुड़ी उषा
उषा एक गृहिणी हैं। गांव के आशा किरण समूह से जुड़ने से पहले वे घर के काम काज में लगी रहती थी। लेकिन अब समूह की अन्य महिलाओं के साथ वे गौठान में गोधन न्याय योजना के साथ दूसरी आजीविका गतिविधियों से जुड़ी कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।
यहां से मिलने वाली आय से उन्होंने अपने लिए एक जोड़ी पायल ली है। आज वह जब यह बताती हैं कि उन्होंने अपनी कमाई से अपने लिए पहली बार गहने खरीदे हैं तो उनके मेहनतकश पांवों में इस गहने की चमक के साथ आंखों में आत्मविश्वास की चमक भी दिखती है कि आज वह अपने आपको अपनी इन ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए सक्षम पाती हैं।
वह कहती हैं कि घर में ढाई एकड़ खेत है। जिसे तीन बेटों को दे दिए हैं। आय के सीमित संसाधन है। उसमें घर परिवार से जो मिला वो तो है लेकिन अपनी कमाई से अपने लिए पहली बार गहने खरीदने की खुशी कुछ और ही है। वह आज अपने इन नए आभूषण को पहन कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में पहुंची हुई थी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताते हुए वह कहती हैं कि उन्होंने ऐसी योजनाएं प्रारंभ की हैं जिससे ग्रामीण जन के साथ महिलाएं भी पहले से आर्थिक रुप से सशक्त हो रही हैं और अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाने में अपनी आर्थिक सहभागिता दर्ज कराते हुए अपने शौक और ख्वाहिशों को भी पूरा कर रही हैं।
महिलाओं ने कहा-करना चाहते हैं फ्लाई ऐश ब्रिक का काम
आशा किरण महिला समूह की अध्यक्ष संतोषी बाई चंद्रा ने मुख्यमंत्री बघेल को बताया कि उनके समूह ने 772 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट बेचा है। समूह की महिलाओं ने मिली राशि से कुछ अपने बच्चों की पढ़ाई में लगाए तो कुछ परिवार की जरूरतें पूरी करने में खर्च किए।
समूह की महिलाएं फ्लाई एश ईंट का काम करना चाहती हैं अतः हमे फ्लाई एश ईंट बनाने की मशीन प्रदान करें। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा जरूर देंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल्द समूह को मशीन दिलवाई जाए।
रानी लक्ष्मी बाई महिला स्व सहायता समूह की दिलकुंवर जांगड़े ने बताया कि उनका समूह मुर्गी पालन से जुड़ा है। अब तक उन्होंने डेढ़ लाख रुपए का विक्रय किया। इससे हुई आय से अब महिलाएं अपने घर के खर्चों में हाथ बंटा रही है। मुख्यमंत्री बघेल ने इसके लिए महिला समूह को बधाई देते हुए कहा कि हम लगातार महिलाओं को अधिक से अधिक अपने ग्राम स्तर पर रोजगार ही मुहैय्या कराने का काम कर रहे हैं। शासन इसके लिए अब गौठानों में ग्रामीण आद्योगिक केंद्र शुरू कर रही हैं। इससे महिला स्व रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
चेहरे की चमक कुछ कहती है…
ग्राम-काशीगढ़ के आशा किरण स्वसहायता समूह की इन दीदियों ने वर्मी कंपोस्ट बेच कर 1 लाख 8 हजार रुपए की कमाई की। कमाए पैसों से न केवल बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रहीं हैं, बल्कि खुद के लिए गहनें भी खरीदे लिए हैं।#BhetMulakat #Sakti @ChhattisgarhCMO pic.twitter.com/Kq7x4tUa1p
— Sakti (@SaktiDistrict) October 12, 2022