मुख्यमंत्री बघेल ने क्षेत्रवासियों को दी नये जिले सौगात,106
करोड़ के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण भी किया
रायपुर। मोहला मानपुर अम्बागढ़ चौकी जिले का भव्य शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करकमलों से हुआ। उन्होंने इस अवसर पर जिले के मैप का अनावरण भी किया।
इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने नये जिले के शुभारंभ पर जिलावासियों को बधाई दी। उन्होंने जिले के तीनों ब्लॉक के विकास के लिए 3 करोड़ रुपये की घोषणा की। Mohla Manpur Ambagarh chouki became 29th district of Chhattisgarh
उन्होंने कहा कि राजनांदगांव इतना बड़ा जिला था कि अंतिम कोने में रह रहे व्यक्ति को जिला मुख्यालय पहुंचने में ही शाम हो जाती थी लेकिन अब यह सारी दिक्कत दूर हो गई ।
सरकार के इस निर्णय से अभूतपूर्व खुशी मुझे दिखी। आज रोड शो में जो भीड़ दिखी, उससे स्पष्ट है कि लोगों के लाभ के लिए कितना बड़ा फैसला लिया गया।
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उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ ‘महतारी के कोरा में नवा जिला जुड़ गे हे’। अंदरूनी गांव के लोगों को जिला मुख्यालय के लिए 170 किमी तक भी जाना पड़ता था।
रात को राजनांदगांव में ही रुकना पड़ता था। अब अंतिम गांव के व्यक्ति को भी मात्र 70 किमी दूरी ही तय करनी होगी। लोगों की मुश्किल कितनी कम हो गई।
आज छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा का लोकार्पण किया। स्वर्गीय लाल श्याम शाह की प्रतिमा का लोकार्पण किया। अपने पुरखों के देखे सपने सच हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का कर्जा हमने माफ किया और सभी किसानों का ऋण माफ किया। किसान की फसल का उचित मूल्य दिया। सम्मान के साथ सभी वर्गों के लोग जियें, इसके लिए हमने कार्य किया। इसके लिए अनेक दिक्कत आई।
कोरोना की वजह से काफी दिक्कत आई, पर हम पीछे नहीं हटे। लघु वनोपजों का उचित दर हमने दिलाया। सबके जेब में हमने पैसे दिए। चाहे किसान हो या भूमिहीन हो, सबको सम्मान दिया। जो किसान दिन रात अन्न उपजा कर देश की सेवा करते हैं। उनका हम सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल हमने खोले हैं। हर विधानसभा में 4 से 5 ऐसे स्कूल होंगे। हमने विश्व आदिवासी दिवस का अवकाश आरम्भ किया।
सांस्कृतिक गरिमा के लिए काम किया। राजनांदगांव जिले में सिंचाई की व्यवस्था बेहतर करनी है। नये जिले के गठन का उद्देश्य ही यही है ताकि लोगों की समस्या और विकास कार्य तुरंत क्रियान्वित हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जल्द ही आपके पास आऊंगा। रात्रि विश्राम करूँगा। आपसे विस्तार से बात करूंगा और वहीं पर विकास के निर्णय लिए जाएंगे। जिले को तेजी से विकास की दिशा में ले जाना है। भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में भी इसका कार्यान्वयन होगा।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर नये जिले के कलेक्टर एस जयवर्धन एवं एसपी वाय अक्षय कुमार से भी लोगों का परिचय कराया। नवनियुक्त कलेक्टर ने भी जिलावासियों की ओर से मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जिले के लोकार्पण के अवसर पर नागरिकों को शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखती है। इसके लिए योजनाएं भी बनाई हैं। न्याय योजनाओं के माध्यम से प्रदेश का विकास तेजी हुआ है।
खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने कहा कि देश में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर सबसे कम है। प्रदेश के 80 प्रतिशत लोग किसान हैं।
उनकी मेहनत को उचित मूल्य दिया गया। खुज्जी विधायक छन्नी साहू और मोहला मानपुर विधायक इंदर शाह मंडावी ने नये जिले के लोकार्पण के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और क्षेत्र की विकास योजनाओं के प्रस्ताव रखे। कलेक्टर डोमन सिंह ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
इसमें उन्होंने नये जिले के प्रोफाइल के बारे में विस्तार से बताया। इस ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री ने जिले के लोगों के लिए 106 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया।
इस मौके पर डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू, डोंगरगढ़ विधायक भुनेश्वर बघेल, गुंडरदेही विधायक कुंवर निषाद, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन और मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, संभागायुक्त महादेव कांवरे और आईजी बद्रीनारायण मीणा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
जब नेहरू अचानक पहुंचे थे मोहला मानपुर के आदिवासियों के बीच, दी थी ये सौगात
नवगठित मोहला मानपुर अम्बागढ़ चौकी जिले के शुभारंभ के अवसर पर 2 सितंबर शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वर्गीय लाल श्याम शाह Late Lal Shyam Shah की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उनका पुण्यस्मरण भी किया।
यहां नए जिले के रूप में घोषणा और इसका क्रियान्वयन एक तरह से स्वर्गीय लाल श्याम शाह जैसे कद्दावर आदिवासी नेता के आदिवासी हित के लिए किए गए कार्यों का सम्मान भी है।
स्व. लाल श्याम शाह ने हमेशा जनजाति हितों और उनकी मांगों को लेकर आवाज उठाई।
उनकी आवाज जो मोहला मानपुर से निकलती थी वह दिल्ली तक गूंजती थी और स्वयं प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू Prime Minister Jawaharlal Nehru भी उनके सरोकारों से अवगत रहते थे और उन्हें पूरा करते थे।
अमर उजाला के सीनियर रेजिडेंट एडिटर सुदीप ठाकुर Sudeep Thakur Senior Resident Editor Amar Ujala ने स्वर्गीय लाल श्याम शाह के ऊपर लाल श्याम शाह- एक आदिवासी की कहानी, पुस्तक लिखी है।
उन्होंने चर्चा में बताया कि 1960 की बात है। जब जवाहरलाल नेहरू रायपुर का प्रवास हुआ। उसी दौरान रायपुर में आदिवासी महासभा का आयोजन हिन्द स्पोर्टिंग मैदान में हुआ था और इसके लिए लगभग 30,000 आदिवासी पैदल ही स्वर्गीय लाल श्याम शाह के नेतृत्व में रायपुर आये थे। स्वर्गीय लाल श्याम शाह ने प्रधानमंत्री नेहरू से मिलकर उन्हें इन आदिवासियों की मांगों के संबंध में बताया।
नेहरू ने कहा कि हम आदिवासियों की मांगों के संबंध में एक आयोग का गठन करेंगे और इन्हें पूरा करेंगे। स्वर्गीय शाह ने कहा कि इसे आप स्वयं आदिवासियों को महासभा में आकर बताए तो उन्हें अच्छा लगेगा।
नेहरू को प्रशासनिक अधिकारियों ने सलाह दी कि वहां ना जाए लेकिन नेहरू ने कहा कि अपने लोगों से मिलने मैं जरूर जाऊंगा।
इसके बाद नेहरू स्वर्गीय लाल श्याम शाह का हाथ पकड़कर आदिवासी सम्मेलन पहुंचे, वहां देर तक नेहरू के समक्ष लाल श्याम शाह ने आदिवासियों की मांग रखी।
नेहरू ने कहा कि हम आदिवासी हितों के प्रति प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए लगातार काम करेंगे। नेहरू लोगों से मिले भी, हाथ भी मिलाया, कुछ लोग उनके चरण स्पर्श करना चाहते थे, उन्होंने विनम्रतापूर्वक उन्हें मना किया।
पूरी घटना नेहरू की संवेदनशीलता और अपने लोगों से उनके गहन स्नेह की कहानी कहती है। आज जब मुख्यमंत्री बघेल स्वर्गीय लाल श्याम शाह की प्रतिमा का माल्यार्पण करने पहुंचे तो लोगों के लिए ये भावुक क्षण था। पूर्वजों का सपना सच हुआ है। नये जिले के माध्यम से विकास की नई इबारत लिखी जाएगी।
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