मुख्यमंत्री ने की समीक्षा,वनवासियों को वितरित
5.15 लाख हेक्टेयर रकबा भूइंया पोर्टल में अपलोड
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 4 अगस्त गुरुवार को वन अधिकार अधिनियम 2006 Forest Rights Act 2006 के प्रदेश में क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने सामुदायिक वन अधिकार community forest rights और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार Community Forest Resource Rights के अंतर्गत वितरित वनों के प्रबंधन के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के दावों के लिए विशेष अभियान चलाने कहा। उन्होंने इसके लिए ग्रामसभा जागरूकता अभियान भी संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निवास कार्यालय में हुई बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी एवं प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन तथा अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू भी शामिल हुए।
इस दौरान आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग Tribal and Scheduled Caste Development Department के सचिव डी.डी. सिंह ने समीक्षा बैठक में बताया कि प्रदेश के वनांचलों में अब तक चार लाख 54 हजार 415 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, 45 हजार 847 सामुदायिक वन अधिकार पत्र और 3731 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं।
इसके तहत क्रमशः तीन लाख 70 हजार हेक्टेयर, एक लाख 98 हजार हेक्टेयर और 15 लाख 32 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन वनवासियों को प्रदान की गई है। उन्होंने जानकारी दी कि इनमें से तीन लाख 81 हजार 667 व्यक्तिगत, 36 हजार 674 सामुदायिक वन अधिकार तथा 2965 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्रों Community Forest Resources Rights Papers को राजस्व एवं वन विभाग के अभिलेखों में दर्ज किया जा चुका है। व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र individual forest charter के रूप में वितरित एक लाख 83 हजार 604 पट्टों की करीब पांच लाख 15 हजार हेक्टेयर रकबे को भूइंया पोर्टल Bhuiyan Portal में अपलोड भी किया जा चुका है।
बैठक में बताया गया कि वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (विशेष संरक्षित जनजाति) के 23 हजार 643 हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र प्रदान किए गए हैं। इन जनजातियों के लोगों को 1758 सामुदायिक वन अधिकार पत्र और 106 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र भी दिए गए हैं।
अधिनियम के तहत प्रदेशभर में 17 हजार 209 विधवा, अविवाहित और तलाकशुदा आदिवासी महिलाओं को भी व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि वन अधिकार पत्रों की त्रुटियों को दूर करने और सभी जिलों में एकरूपता लाने के लिए सभी जिलों को मॉडल अधिकार पत्र का प्रारूप जारी किया गया है।
समीक्षा बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., राजस्व विभाग के सचिव नीलम नामदेव एक्का तथा आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग की आयुक्त शम्मी आबिदी व अन्य मौजूद थे।
https://www.youtube.com/watch?v=ebVay7GUKYo