प्रिकाशन डोज लेने आम जनता में उत्साह
नहीं, स्टॉक को लेकर सरकार चिंतित
रायपुर। राज्य के इक्का-दुक्का जिलों को छोड़कर ज्यादातर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही increasing number of corona patients है। प्रदेश में दो दिन से दो सौ से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं, इसके बावजूद राज्य में वैक्सीनेशन की रफ्तार बेहद धीमी Vaccination speed is very slow है।
प्रिकॉशन डोज Precaution Dose लेने वालों की संख्या इतनी कम है कि सरकारी एजेंसियां चिंतित होने लगी हैं। दूसरी समस्या ये है कि कोरोना से बचाव के 15 लाख से अधिक टीके अभी प्रदेश में स्टाॅक में हैं।
इनमें आधे से ज्यादा की एक्सपायरी डेट expiry date अगस्त की है। इस्तेमाल कम होने के कारण काफी टीके एक्सपायर्ड होने का खतरा भी पैदा हो गया है। कोरोना वैक्सीन की पहली डोज का लक्ष्य पूरा हो गया है।
18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए दूसरी डोज लक्ष्य के अनुसार 90 प्रतिशत लोगों को लग चुका है। इसी तरह निर्धारित लक्षण की तुलना में 12 से 14 आयु वर्ग के 68 प्रतिशत बच्चों को कोरोना टीके लगाए जा चुके हैं।
सबसे अधिक सुस्ती प्री-कॉशन डोज के मामले में हैं। कोरोना की दूसरी व तीसरी लहर के बाद प्रत्येक सेंटर में सौ से अधिक टीके प्रतिदिन लगते थे। एक समय ऐसी स्थिति बनी थी कि टीके लगाने के लिए लोग लंबी-लंबी कतार में भी खड़े रहते थे, लेकिन अब 60 से 70 टीके ही लग रहे हैं। इसलिए अगस्त वाली एक्सपायरी डेट के टीके के खराब होने की संभावना बनी है। काफी संख्या में ऐसे टीके भी हैं जिनकी एक्सपायरी डेट सितंबर है।
चाहकर भी नहीं लगवा पा रहे डोज क्योंकि…
प्री-कॉशन डोज के लिए राज्य में पहले 11 सेंटर निर्धारित थे। अब 7 प्राइवेट सेंटरों में ही बूस्टर डोज लगाए जा रहे हैं। इनमें से भी कई में वैक्सीन नहीं हैं। रोचक तथ्य यह है कि दूसरे टीके लगाने के 9 महीने बाद कई लोगों को उनके मोबाइल पर बूस्टर डोज के लिए मैसेज आ रहे हैं। इसमें बताया जा रहा है कि आप प्राइवेट सेंटर में वैक्सीन लगवा सकते हैं।
लेकिन संबंधित सेंटरों में वैक्सीन की उपलब्धता नहीं होने की वजह से चाहकर भी लोग बूस्टर डोज नहीं लगवा पा रहे हैं। लोगों का कहना है जिस तरह से पहली व दूसरी डोज सरकारी सेंटरों में लगाए जा रहे थे, वैसी व्यवस्था बूस्टर डोज में भी होनी चाहिए। इसके लिए राज्य शासन को प्रयास करना चाहिए।
इतना धीमा: अब तक 21654 को ही प्रिकॉशन डोज
राज्य में 18 से 59 वर्ष आयु वर्ग में प्रिकॉशन यानी बूस्टर डोज के लिए एक करोड़ 70 लाख 64650 का लक्ष्य है। इसके मुकाबले अभी तक 21,654 लोगों को ही टीके लगे हैं। चौकाने वाला तथ्य यह भी है कि सरकारी सेंटरों में बड़ी संख्या में टीके उपलब्ध हैं। लेकिन नियम की वजह से इस आयु वर्ग के लोगों को प्री-कॉशन डोज नहीं लगाए जा रहे हैं।
18 से 59 वर्ष आयु वर्ग में प्रिकॉशन डोज प्राइवेट सेंटरों में ही लगाए जाएंगे। इसके लिए रायपुर में एक समेत राज्य में सिर्फ सात सेंटर हैं। इनमें भी कई जगह वैक्सीनेशन नहीं हो रहा है। कई प्राइवेट सेंटरों में टीके ही नहीं है।
6 महीने में ही प्रिकॉशन डोज
प्री-कॉशन डोज को लेकर नया निर्देश जारी किया गया है। अब दूसरे टीके के छह महीने बाद ही प्री-कॉशन डोज लगाए जा सकेंगे। इसकी अवधि तीन महीने कम हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने टीके की अवधि को लेकर निर्देश जारी किया था। छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य विभाग ने भी सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला टीकाकरण अधिकारियों को इस संबंध में परिपत्र जारी किया है।
बूस्टर केवल निजी सेंटरों में ही
18 से 59 वर्ष आयु वर्ग के सभी लाभार्थियों को कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज के छह महीने या 26 सप्ताह पूरे होने के बाद बूस्टर डोज लगाए जाएंगे। यह निजी कोविड वैक्सीन सेंटर में ही लगेंगे। स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक के नागरिकों को शासकीय कोविड वैक्सीन सेंटर में निशुल्क प्रिकॉशन डोज लगाए जाएंगे। -डॉ. वी.आर. भगत, टीकाकरण अधिकारी