मप्र से अलग हो विदर्भ से जुड़ेगा छत्तीसगढ़ आयकर कमिश्नरेट
वित्त मंत्रालय एवं केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कमिश्नरेट के पुनर्गठन का जो प्रस्ताव बनाया है उसमें एमपी- सीजी का विभाजन कर छत्तीसगढ़ सर्कल को महाराष्ट्र यानी विदर्भ के नागपुर में मर्ज किया जाना है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ आयकर कमिश्नरेट Chhattisgarh Income Tax Commissionerate मध्यप्रदेश से अलग होने जा रहा है। वित्त मंत्रालय एवं केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड Ministry of Finance and Central Board of Direct Taxes ने कमिश्नरेट के पुनर्गठन का जो प्रस्ताव बनाया है उसमें एमपी- सीजी का विभाजन कर छत्तीसगढ़ सर्कल को महाराष्ट्र यानी विदर्भ के नागपुर में मर्ज किया जाना है।
सीबीडीटी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी
खबर है कि सीबीडीटी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है। इसका कार्यालय, रायपुर होगा या नागपुर यह अभी तय नहीं है। इस पुनर्गठन को लेकर अधिकारी-कर्मचारी तैयार नहीं है।
कर्मचारी संगठनों ने विभाजन के विरोध की जानकारी दिल्ली को दी है। जानकारों के अनुसार विदर्भ में आयकर संग्रहण काफी कम है। जबकि छत्तीसगढ़ इस मामले में बहुत आगे है।
विदर्भ में केवल वेस्टर्न कोल्ड फील्ड ही एक बड़ी कंपनी है। जबकि छत्तीसगढ़ में एसईसीएल की ही कई ब्रांच हैं। इसके अलावा सीएसईबी, एनएमडीसी भी हैं। यह कोयले का हब है। इसके अलावा बालको, भिलाई स्टील प्लांट जैसे बड़े-बड़े कारखाने हैं।
इन सभी कंपनियों व कारखानों के कर्मचारियों का टीडीएस कटता है। राजस्व कलेक्शन हर साल बढ़ता रहा है। इसलिए छत्तीसगढ़ में एक से अधिक चीफ कमिश्नर की मांग भी होती रही है। अच्छे कलेक्शन की वजह से दिल्ली व मुंबई में 22-23 चीफ कमिश्नर तक नियुक्त हैं।
इसलिए भी विरोध
इससे पहले जब 2013 में कमिश्नरेट का पुनर्गठन हुआ तब भी सीजी को नया सीसीए बनाने की मांग उठी थी। अब इसे विदर्भ में शामिल करने से पदोन्नति पर भी असर पड़ सकता है। छग का कार्यक्षेत्र 900 वर्ग किमी है। विदर्भ भी 600 वर्ग किमी तक फैला है। भविष्य में नया कमिश्नरेट बन गया तो कर्मचारियों को 1500 वर्ग किमी में स्थानांतरण होंगे।
विशेषज्ञों की राय
सीजी के एक पूर्व चीफ कमिश्नर का कहना है कि फाइनेंस कमीशन हर राज्य के टैक्स कलेक्शन की समीक्षा करता है। सीजी को विदर्भ में मिलाने पर टैक्स शेयरिंग कैसे कैलकुलेट होगी? इसमें गड़बड़ी हो सकती है। इसलिए विदर्भ को महाराष्ट्र में मर्ज करें। सीजी अपने आप में सक्षम है। टैक्स कलेक्शन दोनों राज्यों का अलग ही हो रहा है।