फूल बरसाकर किया लोगों ने भव्य स्वागत
भारत में पहली बार हो रहा रिले आयोजन
रायपुर। पहली बार में भारत में आयोजित हो रही शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले Chess Olympiad Torch Relay शनिवार 16 जुलाई को छत्तीसगढ़ पहुंची। माना हवाई अड्डे पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने मशाल रिले और शतरंज संघ के अधिकारियाें का स्वागत किया।
वहां से मशाल को पं. दीन दयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम लाया गया। मशाल रिले के दौरान शहर की सड़कों पर गजब का उत्साह देखा गया। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मशाल लेकर आए ग्रेंड मास्टर प्रवीण थिप्से के साथ चेस बोर्ड पर कुछ चालें चलीं।
अर्जुन अवार्डी ग्रेंड मास्टर प्रवीण थिप्से Arjuna Awardee Grand Master Praveen Thipsay ने ओलंपियाड की मशाल थाम रखी थी। छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने राजकीय गमछा ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। उसके बाद मशाल को एक विंटेज कार में रखकर रिली निकाली गई।
मोटरसाइकिल सवारों का दस्ता तिरंगा उठाए मशाल के साथ-साथ चला। तेलीबांधा तालाब के पास स्कूली बच्चों ने मशाल रिले पर फूल बरसाए। नगर घड़ी चौक पर छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के पदाधिकारियों ने मशाल रिले का स्वागत किया।
जयस्तंभ चौक पर कुछ देर के लिए रैली को रोका गया। यहां आम लोगों ने मशाल के साथ फोटो खिंचवाए। जीई रोड पर बढ़ते हुए मशाल रैली साइंस कॉलेज परिसर स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम पहुंची।
यहां स्वागत समारोह का आयोजन किया गया है। इस समारोह में ग्रेंड मास्टर प्रवीण थिप्से ने इस मशाल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपी। रायपुर से यह मशाल चेन्नई भेजी जाएगी।
28 जुलाई से महाबलीपुरम में होगा सबसे बड़ा आयोजन
चेस ओलंपियाड को वैश्विक भागीदारी के मामले में ओलंपिक खेलों के बाद सबसे बड़ा खेल आयोजन माना जाता है। इसमें दुनिया भर के 188 देश भाग लेने वाले हैं। चेस ओलंपियाड का आयोजन 28 जुलाई से 10 अगस्त के बीच तमिलनाडु के ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम में हो रहा है।
रूस-यूक्रेन जंग की वजह से मिली है मेजबानी
यह प्रतियोगिता पहले रूस की राजधानी मास्को में होने वाली थी। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से आयोजन पर संकट आ गया।
उसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने मेजबानी चाही और भारत को यह मेजबानी मिल गई। चेस ओलंपियाड के 95 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब भारत इसकी मेजबानी कर रहा है।