राष्ट्रपति ने वर्ष 2021 और 2022 के लिये राष्ट्रीय
दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार प्रदान किये
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर शनिवार 3 दिसंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वर्ष 2021 और 2022 के लिये राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार प्रदान किये।
नई दिल्ली केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा आयोजित समारोह में राष्ट्रपति ने दिव्यांगजनों का सशक्तिकरण करने की दिशा में काम करने वाले व्यक्तियों, संस्थानों, संगठनों और राज्य/ जिला आदि को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और कार्यों के लिए वार्षिक राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
इस समारोह में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले और प्रतिमा भौमिक भी शामिल हुए। राष्ट्रपति ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में दो प्रतिशत से ज्यादा लोग दिव्यांग हैं।
इसलिए, यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि दिव्यांगजन अपना जीवन स्वतंत्र रूप से और सम्मान के साथ व्यतीत कर सकें। यह सुनिश्चित करना भी हमारा कर्तव्य है कि उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हो, वे अपने घरों और समाज में सुरक्षित रहें, उन्हें अपना करियर चुनने की स्वतंत्रता हो और उन्हें रोजगार के समान अवसर प्राप्त हों।
दिव्यांगजनों को सरकारी नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण
डॉ. वीरेन्द्र कुमार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री नेइस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांगजन एक बहुमूल्य मानव संसाधन हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय विकास एजेंडा में दिव्यांगजनों के मुद्दों को बहुत प्राथमिकता देते हैं।
पर्याप्त अवसर और सही वातावरण मिलने पर, दिव्यांगजन भी हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। Tokyo Paralympics में हमारे Para Olympians ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके इतिहास रचा और भारत का गौरव बढ़ाया। pic.twitter.com/I9eeo4vLaq
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 3, 2022
सरकार ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 में अधिनियमित किया है जिसे 19.04.2017 से लागू किया गया है। इस अधिनियम में दिव्यांगजनों को सरकारी नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है।
वर्ष 2021-22 की प्रशस्तियां इस लिंक पर
समाधान के लिए मोबाइल ऐप विकसित
President Droupadi Murmu presented the National Awards for the Empowerment of Persons with Disabilities for the year 2021 and 2022 in New Delhi today on the occasion of the International Day of Persons with Disabilities. https://t.co/NyqvHFq603 pic.twitter.com/J9iEKA5ll7
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उन्होंने यह भी कहा कि दिव्यांगजनों को सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए सरकार ने 3 दिसंबर 2015 को सुलभ भारत अभियान (एक्सेसिबल इंडिया कैंपेन) की शुरूआत की थी, जिससे दिव्यांगजन गरिमा के साथ अपना सार्थक जीवन व्यतीत कर सकें।
भारतीय संस्कृति और परम्परा में disability को ज्ञान-अर्जन और उत्कृष्टता प्राप्त करने में कभी भी बाधा नहीं माना गया है। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जिसमें हमारे दिव्यांग भाइयों-बहनों ने अपने साहस, प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के बल पर अनेक क्षेत्रों में प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। pic.twitter.com/64IG8W01T2
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 3, 2022
इस अभियान के अंतर्गत सार्वजनिक भवनों, परिवहन प्रणालियों और सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है। उनके द्वारा पहुंच संबंधित समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, विभाग ने उन समस्याओं का यथासंभव तीव्र और व्यवस्थित समाधान करने के लिए एक मोबाइल ऐप विकसित किया है।
सांकेतिक भाषा का निर्माण करने बनाया केंद्र
शिक्षा, दिव्यांगजनों सहित, प्रत्येक व्यक्ति के सशक्तीकरण की कुंजी है। मेरा मानना है कि शिक्षा में भाषा सम्बन्धी कठिनाइयों को दूर करने के लिए तथा दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा को और सुलभ बनाने के लिए, हमें टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। pic.twitter.com/EuZxzTR85A
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सरकार ने श्रवण बाधित लोगों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और भारत में सांकेतिक भाषा का निर्माण करने के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) की स्थापना की है।
संस्थान द्वारा अन्य कार्यों के अलावा निरंतर सांकेतिक भाषा शब्दकोश तैयार किया जा रहा है जिसमें अब तक 10,000 से ज्यादा शब्दों को शामिल किया गया है।
यह सुनिश्चित करना हम सबका, पूरे समाज का दायित्व बनता है कि सभी दिव्यांगजन स्वतंत्र रूप से एक गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत कर सकें। pic.twitter.com/ooKV3EOIJD
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डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि इसके अलावा सरकार दिव्यांगजनों के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करने के उद्देश्य से एक अद्वितीय दिव्यांगता पहचान पत्र परियोजना चला रही है और अब तक सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 713 जिलों में 84 लाख से ज्यादा यूडीआईडी कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान की भी स्थापना
मैं औद्योगिक समूहों, निजी संस्थाओं और सिविल सोसाइटी से आग्रह करती हूं कि वे अपने संस्थाओं में बुनियादी ढांचे को दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाने के प्रयास करें और उनके सशक्तीकरण का प्रयास करें। pic.twitter.com/2xJw3ydbcv
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सरकार मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दिव्यांग खेल केंद्र और सीहोर में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान की भी स्थापना कर रही है। मंत्री ने दिव्यांग युवाओं और बच्चों की प्रतिभा तथा कौशल को उजागर करने के लिए मंत्रालय द्वारा आयोजित की जा रही’दिव्य कला शक्ति’ के बारे में भी बात की। इस अवसर पर राजेश अग्रवाल,सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित हुए।
सम्मान प्राप्त लोगों की सूची यहां देख सकते हैं-