आयुष क्षेत्र में सहयोग करने के लिए आयुष मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए
नई दिल्ली। भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 7वां आयुर्वेद दिवस भव्य स्तर पर मनाया गया। इस वर्ष का 7वां आयुर्वेद दिवस “हर दिन हर घर आयुर्वेद” की थीम के साथ मनाया गया जिससे कि आयुर्वेद के लाभों को व्यापक और जमीनी स्तर तक समुदायों के बीच प्रचारित किया जा सके।
छह सप्ताह तक चलने वाले इस समारोह में देश भर से व्यापक सहभागिता देखी गई, भारत सरकार के 26 से अधिक मंत्रालयों और भारत के विदेश मंत्रालय के मिशनों तथा दूतावासों के सहयोग से आयुष मंत्रालय के संस्थानों / परिषदों द्वारा 5000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किये गये।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा; आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल; विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी; आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई; आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव अनिल कुमार झा उपस्थित थे।
इस आयोजन में आयुष मंत्रालय के विशेष सचिव प्रमोद कुमार पाठक और एआईआईए की निदेशक प्रो. तनुजा मनोज नेसारी के साथ-साथ विदेशी दूतावासों और डब्ल्यूएचओ-एसईआरओ के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि आयुर्वेद एक रोग निवारण विज्ञान है। यह एक प्राचीन ज्ञान है और हमारी शोध परिषदें आयुष क्षेत्र में कुछ प्रभावशाली शोध कार्य कर रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हर दिन हर घर आयुर्वेदिक कैंपिंग का उद्देश्य आयुर्वेद और इसकी क्षमता को जन-जन तक पहुंचाना है। आयुर्वेद अब विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हो चुका है और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निरंतर एवं अथक प्रयासों के कारण हो पाया है।
अर्जुन मुंडा ने इस अवसर पर कहा, “आयुर्वेद भारत की प्राचीन परंपरा और संपदा है। वनों में रहने वाले लोगों के सहयोग से आयुर्वेद का पोषण किया जा सकता है। आयुर्वेद ही एक ऐसा चिकित्सा विज्ञान है जो बीमारी से रोकथाम की बात करता है, बीमार होने के बाद उपचार की नहीं।”
डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने देश में स्वास्थ्य की आयुष प्रणाली को गति प्रदान की है और अब आयुर्वेद को 30 देशों में मान्यता प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि आयुष का वर्तमान टर्नओवर 18.1 अरब डॉलर है।
मीनाक्षी लेखी ने कहा, “यह हमारे पूर्वजों के विज्ञान की सराहना करने का समय है। 5000 वर्ष से अधिक पुराने इस विज्ञान का समारोह, हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पर्यवेक्षण में आयुर्वेद दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। उन्होंने हमेशा आयुर्वेद विज्ञान को बढ़ावा दिया और पिछले कुछ वर्षों में यह अपने शीर्ष पर पहुंच चुका है।
प्रो. तनुजा नेसारी ने कहा कि ‘आई सपोर्ट आयुर्वेद’ अभियान को सभी लोगों से असीम समर्थन प्राप्त हुआ है और पिछले 6 सप्ताह तक चलने वाले इस दीर्घावधि कार्यक्रम में आयुर्वेद दिवस पर आधारित विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित विविध गतिविधियों में 1.7 करोड़ से अधिक लोगों ने सहभागिता की और 56 लाख से अधिक लोगों ने योगदान दिया।
साक्ष्य-आधारित विनियोजन और क्षमता निर्माण के माध्यम से जनजातीय संस्कृति विरासत को संरक्षित करते हुए जनजातीय विकास के लिए दोनों मंत्रालयों के बीच सहयोग, समन्वयन और संयोजन के क्षेत्रों की खोज करने के लिए आयुष मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।
इस अवसर पर ‘द आयुर्वेदिक फार्माकोपिया ऑफ इंडिया’, ‘द आयुर्वेदिक फॉर्म्युलारी ऑफ इंडिया’ पर एक पुस्तक का विमोचन किया गया। औषधीय पौधों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जागरूकता सृजित करने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा अश्वगंधा – एक स्वास्थ्य प्रवर्तक पर एक प्रजाति-विशिष्ट राष्ट्रीय अभियान लॉन्च किया गया। पांच लघु वीडियो प्रतियोगिताओं के प्रथम पुरस्कार विजेताओं को केंद्रीय आयुष मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया।