केंद्र सरकार टीम को देगी एक करोड़ इनाम,1979 से थॉमस
कप के सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पाई थी भारतीय टीम
बैंकॉक। भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने रविवार को यहां एकतरफा फाइनल में 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से हराकर पहली बार थॉमस कप का खिताब जीतकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया। इस एतिहासिक प्रदर्शन से खेल के भारत का दर्जा भी बढ़ेगा।
भारतीय टीम ने टूर्नामेंट के इतिहास का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारतीय खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन से देश में उत्साह का माहौल है। लोग टीम को बधाईयां दे रहे हैं।
इधर केंद्र सरकार की ओर से खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। ठाकुर ने इस एतिहासिक जीत के लिए भारतीय टीम के खिलाड़ियों, कोच और सहयोगी स्टाफ को बधाई भी दी है।
टीम के लिए विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत के अलावा सात्विक साईराज रंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी ने यादगार जीत दर्ज की है।
भारत ने इस तरह पूरे हफ्ते शानदार प्रदर्शन करते हुए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित टीम टूर्नामेंट का शानदार अंत किया जिसमें वह इससे पहले कभी फाइनल में नहीं पहुंचा था।
भारतीय टीम 1979 से कभी थॉमस कप के सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच पाई थी और यहां खिताबी जीत के दौरान उसने मलेशिया और डेनमार्क जैसी मजबूत टीम को हराया।
भारतीय पुरूष बैडमिंटन टीम के कोच विमल कुमार ने रविवार को उम्मीद जतायी कि एतिहासिक थॉमस कप जीत का इस खेल पर वैसा ही असर हो जैसा 1983 विश्व कप जीत का क्रिकेट पर हुआ था।
विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत के अलावा सात्विकसाईराज रंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी ने बैंकॉक में खेले गये फाइनल में 14 बार की चैम्पियन इंडोनेशिया को 3-0 से पटखनी देते हुए यादगार जीत दर्ज की है।
कुमार इस एतिहासिक जीत को बयां नहीं कर पा रहे थे, उन्होंने बैंकाक से कहा, ‘‘मेरे पास इसे बयां करने के लिये शब्द नहीं हैं। हमें हमेशा उम्मीद थी लेकिन जिस तरह से खिलाड़ी खेले, उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।”