50 हजार रुपए लौटाने वाले इस बच्चे की खबर सुन कर
घर बुलाया, आगे की पढ़ाई का जिम्मा लिया रजनी ने
चेन्नई। इरोड के रहने वाले मासूम बालक यासीन की ईमानदारी के चर्चे आज देश भर में है। ऐसे में फिल्मों के सुपर स्टार रजनीकांत कैसे अछूते रहते। जब उन्हें यासीन की ईमानदारी की बात पता चली तो उन्होंने उसे माता-पिता के साथ अपने घर बुलाया और आगे की पढ़ाई का जिम्मा लिया।
रजनीकांत ने बाहर संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा-वह अभी एक सरकारी स्कूल में पढ़ रहा है। तो उसे वहां पढ़ने दिया जाए। इसके बाद, जो कुछ भी वह पढ़ना चाहता है मैं उसका खर्च उठाऊंगा। वह हर किसी और हर बच्चे के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।
उल्लेखनीय है कि बच्चों को स्कूल में सिखाया जाता है ‘ऑनेस्टी इज द बेस्ट पॉलिसी’ अर्थात ईमानदारी ही सर्वोत्तम नीति है। कुछ बड़े होकर इस नीति को अपने पूरे जीवनभर कायम रखते हैं तो कुछ भटक जाते हैं। लेकिन इरोड के इस 7 वर्षीय छात्र ने अपनी ईमानदारी से रजनीकांत जैसे महान अभिनेता का भी दिल जीत लिया।
दरअसल दूसरी कक्षा के छात्र यासीन इरोड जिले के कानी रविथार कुलम के पास चिन्ना सेमूर में पंचायत संघ प्राथमिक विद्यालय की ओर जा रहे थे। वहां रास्ते में यासीन को एक पर्स मिला। पर्स में 100 और 500 के नोट्स के करीब 50,000 रुपए थे। यासीन ने पर्स उठाया और तुरंत अपनी क्लास टीचर वी जयंती बाई के पास पहुंचा। वह इसे प्रधानाध्यापिका के पास ले गई, जो उसे बैग सौंपने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) शक्ति गणेशन के पास ले गई।
यासिन की ईमानदारी पर जब उनसे पूछा गया कि उन्हें इसके बदले में क्या चाहिए? तो इस बच्चे ने किसी तरह का नगद इनाम लेने से मना कर दिया और उसका जवाब था कि वह सुपरस्टार रजनीकांत से मिलना चाहता है। यासिन की इस ख्वाहिश के बारे में जैसे ही रजनीकांत को पता चला तो उन्होंने यासीन से मिलने में जरा भी देर नहीं लगाई। रविवार को यासिन और उसके माता पिता को अपने घर पोएस गार्डन पर आमंत्रित किया।
रजनीकांत ने यासीन की जमकर तारीफ की। रजनीकांत को बच्चे की ईमानदारी से इतनी खुशी मिली कि उन्होंने घोषणा कर दी कि वो इस सात साल के बच्चे की शिक्षा का पूरा खर्च उठाएंगे।
रजनीकांत बोले-ईमानदारी की मिसाल है यासीन
चेन्नई के पोस गार्डन में मीडिया को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा, “इस जमाने में जहां लोग थोड़े से पैसे के लिए धोखा देते हैं, चोरी करते हैं और मारते हैं, वहीं उसने (यासीन) मना कर दिया कि ये उसका पैसा नहीं है। सच में ये ईमानदारी की मिसाल है। यह एक महान गुण है।”
यासीन को अपने बेटे जैसा बताते हुए अभिनेता ने कहा, “वह अभी एक सरकारी स्कूल में पढ़ रहा है। तो उसे वहां पढ़ने दिया जाए। इसके बाद, जो कुछ भी वह पढ़ना चाहता है मैं उसका खर्च उठाऊंगा। वह हर किसी और हर बच्चे के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।” रजनीकांत ने यासीन के माता पिता को अपने निवास पर बुलाकर उनके साथ समय बिताया और यासीन की काफी तारीफ भी की।