स्वामी विवेकानंद का निवास स्थान रहा रायपुर का प्राचीन
डे भवन अंतर्राष्ट्रीय स्मारक के रूप में होगा विकसित
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए उनसे जुड़े रायपुर के प्राचीन डे भवन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्मारक के रूप में विकसित किया जाएगा। Swami Vivekananda’s residence Raipur’s ancient De Bhawan will be developed as an international monument
मुख्यमंत्री ने 12 जनवरी गुरुवार को युवा दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद स्मारक ’डे-भवन’ के जीर्णाेंद्धार कार्याें का शिलान्यास करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार प्रकट किए। Raipur and Chhattisgarh have the biggest contribution in making Narendra Nath ूto Swami Vivekananda: Chief Minister Baghel
डे भवन का किया अवलोकन,माता-पिता के साथ रायपुर में रहे हैं स्वामी विवेकानंद
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद युग पुरूष और युग निर्माता थे, जिन्होंने पूरी दुनिया को मानवता की सेवा की राह दिखाई। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र नाथ को स्वामी विवेकानंद बनाने में सबसे बड़ा योगदान रायपुर और छत्तीसगढ़ का है। कोई भी व्यक्ति किशोरावस्था में जो सीखता है वह जीवन भर काम आता है।
स्वामी विवेकानंद ने अपनी 12 वर्ष से 14 वर्ष किशोरवस्था का समय रायपुर में बिताया। निश्चित रूप से स्वामी विवेकानंद जी के जीवन में छत्तीसगढ़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मुख्यमंत्री ने इसके पहले डे भवन का अवलोकन भी किया। गांधी मैदान पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।
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गौरतलब है कि स्वामी विवेकानंद ने कोलकाता के बाद अपने जीवन का सर्वाधिक समय रायपुर में बिताया था। रायपुर प्रवास के दौरान वे अपने माता-पिता के साथ रायपुर के डे-भवन में रहे थे। शिलान्यास के साथ डे-भवन के मूल स्वरूप में जीर्णोंद्धार कार्य का आज शुभारंभ हुआ। डे-भवन का जीर्णोद्धार लगभग 4.50 करोड़ रूपए की लागत से किया जाएगा।
पुलिस सब इंस्पेक्टर पद पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने युवा दिवस के अवसर पर अधिकारियों को पुलिस सब इंस्पेक्टर पद की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।
– इसके माध्यम से 971 पदों पर की जाएंगी भर्तियाँ।#yuvadiwas #SwamiVivekanandaJayanti
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— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) January 12, 2023
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में 21 जिलों के 7718 राजीव युवा मितान क्लबों को 19 करोड़ 14 लाख 25 हजार रुपए की राशि अंतरित की। इसे मिलाकर राजीव युवा मितान क्लबों को अब तक 52.40 करोड़ रुपए की राशि दी गई है।
मुख्यमंत्री ने युवा दिवस के अवसर पर युवाओं के लिए पुलिस सब इंस्पेक्टर पद पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। इसके माध्यम से सब इंस्पेक्टर के 971 पदों पर भर्ती की जाएगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकृष्ण मिशन विवेकानंद शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थान, बेलूर पश्चिम बंगाल के कुलपति स्वामी सर्वाेत्तमानंद महाराज ने की। खाद्य और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, भूतनाथ डे चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. एच.एस. उपाध्याय, विधायकगण सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा, नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर और सभापति प्रमोद दुबे विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।
अधूरा रह गया था सपना, आज साकार होने जा रहा
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वामी आत्मानंद, स्वामी सत्यरूपानंद, स्वामी निखिलात्मानंद जी का डे भवन को स्मारक के रूप में विकसित करने का जो सपना अधूरा रह गया था, आज साकार होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस भवन में संचालित स्कूल को लगभग ढ़ाई करोड़ रूपए की लागत से निर्मित नये भवन में स्थानांतरित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को उठो, जागो और लक्ष्य को हासिल करो का संदेश दिया था। युवाओं को रूकना, थकना नही है, निरंतर आगे चलना है, जिससे लक्ष्य हासिल हो सके। वे क्रांतिकारी विचारक थे।
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उन्होंने कहा था कि युवाओं को धर्म की घुट्टी पिलाने की जगह मैं उन्हें फुटबाल के मैदान में देखना पसंद करूंगा। तत्कालीन भारत में अशिक्षा और भुखमरी का बोल बाला था। उनका कहना था कि लोगों को पहले शिक्षा, भोजन और रोजगार दिलाया जाए। उसके बाद धर्म और मोक्ष की बात हो।
उन्होंने कहा था कि आधुनिक युग में वह नास्तिक है, जिसका खुद पर विश्वास नही है। उन्होंने शिव भाव से जीव की सेवा करने का संदेश दिया। मानव सेवा से ही ईश्वर की सेवा हो सकती है।
छत्तीसगढ़ में जो महापुरूष आए हैं, उनसे जुड़े स्थानों को विकसित करने का प्रयास
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जो महापुरूष आए हैं उनसे जुड़े स्थानों को विकसित करने का प्रयास राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। हमने गुरू घासीदास धाम को विकसित करने का कार्य किया। उनसे जुड़े स्थानों को विकसित किया जा रहा है। गुरू नानकदेव जी से जुड़े गढ़फुलझर को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय किया गया है।
इसके साथ ही साथ भगवान राम से जुड़े स्थलों को राम वन गमन पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। सिरपुर स्थित बौद्ध परिसर को विकसित किया जा रहा है। नागार्जुन की तपोभूमि को भी विकसित किया जा रहा है। हमारी संस्कृति पांच हजार साल पुरानी है।
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यहां प्राचीन नाट्यशाला है। रींवा और तरीघाट जैसे पुरातात्विक स्थल हैं, जिन्हें दुनिया के मानचित्र पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राजीव युवा मितान क्लब का उल्लेख करते हुए कहा कि युवाओं को छत्तीसगढ़ की संस्कृति से जोड़ने, उनकी खेल प्रतिभा को विकसित करने और युवाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
स्वामी विवेकानंद जितने कोलकाता के, उतने ही रायपुर के भी पुत्र:सर्वाेत्तमानंद
स्वामी सर्वाेत्तमानंद महाराज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद ने रायपुर में संगीत, पाककला, शतरंज सीखा, जितने वे कोलकाता के पुत्र रहे उतने वे रायपुर के भी पुत्र रहे। उन्होंने कहा कि हमारी विरासत हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण है। इसे बचाकर रखा जाना चाहिए।
संग्राहालय की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे हमारी सांस्कृतिक विरासत का क्रम हमारी स्मृतियों में बना रहता है। संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति, तीज त्यौहार और धरोहरों को सहेजने और सवारने का कार्य किया जा रहा है।
युगाचार्य कहलाए विवेकानंद:डॉ. वर्मा
विवेकानंद विद्यापीठ के संचालक डॉ. ओमप्रकाश वर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए बड़ा हर्ष का विषय है कि स्वामी विवेकानंद रायपुर के जिस भवन में रहे उसका संरक्षण कार्य का शुभारंभ आज किया जा रहा है। सन् 1874 में स्वामी आत्मानंद रायपुर आये थे। तब उनकी यह इच्छा रही कि इस भवन में स्वामी विवेकानंद जी की स्मृति में एक स्मारक बनाया जाए।
इस शुभ कार्य को संपन्न करने का अवसर आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मिला है। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ। हम उन्हें युगाचार्य के नाम से जानते हैं। हम उन्हें युगाचार्य इसलिए कहते हैं क्योंकि जो युग के अनुकूल दर्शन का व्याख्यान करते हैं वो युगाचार्य कहलाते हैं।
स्वामी #विवेकानंद के रायपुर प्रवास के दौरान उनका निवास रहे प्राचीन डे-भवन के जीर्णोंद्धार कार्य के शिलान्यास के पहले मुख्यमंत्री @bhupeshbaghel ने अवलोकन किया। उन्होंने समाजसेवी राय बहादुर भूतनाथ डे, समाजसेविका आभा बोस ओर आचार्य हरिनाथ डे की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। pic.twitter.com/U8oa0mllGV
— mrigendra pandey (मृगेंद्र पांडेय) (@mrigendrabhai) January 12, 2023
उन्होंने सोये हुए भारत को जगाने का काम किया, उसे नवीन दिशा दी। वे यद्यपि प्रत्यक्ष राजनीति में शामिल नहीं रहे, परन्तु उन्होंने देश को स्वतंत्र करने के लिए जो विचार दिए वह अनेक क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहे। आधुनिक युग में जितने भी राष्ट्र निर्माता हुए सभी को उनके विचारों से प्रेरणा मिली।
उनके दलितों और अस्पृश्यों के प्रति अप्रतिम करूणा गांधी जी के हरिजन सेवा के माध्यम से प्रकट हुई। उनके आत्मविश्वास ने गांधी जी के चरखे का रूप धारण किया। उनके तकनीकी शिक्षा के प्रचार की अदम्य अभिलाषा ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के आधुनिक औद्योगिक तीर्थों को साकार किया।
सुभाषचंद्र बोस औऱ् मैक्समूलर पर पड़ा गहरा प्रभाव
स्वामी विवेकानंद जी की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए उनसे जुड़े रायपुर के प्राचीन डे भवन को अंतर्राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित करने आज युवा दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद स्मारक ‘डे-भवन’ के जीर्णोद्धार कार्यों का शिलान्यास किया। pic.twitter.com/NrmfehEwy0
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) January 12, 2023
उनका आध्यात्मिक संदेश महर्षि अरविन्द के माध्यम से मुखरित हुआ। उनकी देश की पराधीनता की बेड़ियों को काटने की प्रबल तमन्ना ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस को जन्म दिया। इतना ही नही पाश्चात्य दार्शनिक मैक्समूलर भी स्वामी जी के विचारों से प्रभावित थे।
डॉ. वर्मा ने कहा कि साम्यवाद और समाजवाद, कल्याणकारी तत्वों के मूल स्वामी विवेकानंद के चिन्तन में मिलते हैं। विज्ञान को सही दिशा निर्देश स्वामी विवेकानंद देते हैं। जीवन में शिक्षा का वास्तविक स्वरूप क्या हो यह शिक्षा स्वामी विवेकानंद हमें बताते है। धर्म का वास्तविक स्वरूप क्या हो इसका भी उन्होंने आख्यान किया है। मनुष्य ही सबसे बड़ा ईश्वर है और मनुष्य की पूजा करना ही सबसे बड़ी ईश्वर की पूजा है।
जब स्वामी विवेकानंद जी रायपुर प्रवास पर आये थे, उस दौरान उनका निवास रहे प्राचीन डे-भवन के जीर्णोद्धार कार्य के शिलान्यास के पहले आज डे-भवन का अवलोकन किया। pic.twitter.com/1qiWF1n5mM
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) January 12, 2023
शिव भाव से जीव सेवा का सूत्र स्वामी विवेकानंद देते है। धर्म और विज्ञान में समन्वय स्वामी जी करते हैं और यह राष्ट्र हमारा ईश्वर है। हमें सबसे पहले इसकी पूजा करनी चाहिए। स्वामी जी कहा करते थे कि यदि कोई तुमसे पूछे कि तुम्हारा धर्म क्या है, तो तुम कहो कि तुम्हारा धर्म भारत है। तुमसे पूछे कि तुम्हारा ईष्ट क्या है तो तुम कहो कि मेरा ईष्ट भारत माता है। इस प्रकार स्वामी जी ने जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित किया।
इसलिए रामधारी सिंह दिनकर जी ने स्वामी विवेकानंद जी के बारे में एक बहुत सुंदर बात लिखी है कि अभिनव भारत को जो कुछ भी कहना था, वह स्वामी विवेकानंद जी के मुख से उद्दीर्ण हुआ। अभिनव भारत को जिस दिशा की ओर जाना था, उसका स्पष्ट संकेत स्वामी जी ने दिया है।
मुख्यमंत्री बघेल का जताया आभार
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उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद वह सेतु है, जिसमें प्राचीन और नवीन भारत प्रगाढ़ आलिंगन करते हैं। स्वामी विवेकानंद वह सेतु है, जिसमें धर्म और विज्ञान, राजनीति और धर्म सब एक साथ समाहित होते हैं। हम सभी के लिए गौरव का विषय यह है कि ऐसे स्वामी विवेकांनद ने छत्तीसगढ़ में अपने किशोरावस्था के 2 वर्ष रायपुर में बिताये।
यहां रहकर उन्होंने जो अनुभूतियां संचित की वह उनके जीवन में बहुत महत्वपूर्ण रही। नरेन्द्रनाथ दत्त को स्वामी विवेकानंद बनाने में रायपुर के अनुभव बड़े महत्वपूर्ण रहे। आज इस महत्वपूर्ण दिन में एक महत्वपूर्ण कार्य का शुभारंभ किया जा रहा है। हमें विश्वास है कि यह स्मारक एक अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र के रूप में विकसित होगा।
हम मुख्यमंत्री बघेल के आभारी हैं कि इस विषय में उन्होंने महत्वपूर्ण प्रयास किया और वर्षों से स्वामी विवेकानंद के अनुयायियों और सामान्य लोगों की जो लंबित इच्छा थी, वह आज पूरी हुई है।