स्कूल में टीचर पढ़ाएंगे और पैरेंट्स को
भी बताया जाएगा कि घर में कैसे पढ़ाएं
रायपुर। छत्तीसगढ़ के हिंदी मीडियम स्कूलों में पहली बार प्री-प्राइमरी की पढ़ाई शुरू होेने जा रही है। इस कारण अलग तरह से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। पहली बार पाठ्यक्रम में अभिभावकों को जोड़ा गया है।
यानी स्कूल में टीचर तो पढ़ाएंगे ही, साथ ही यह भी बताया जाएगा कि पैरेंट्स को किस तरह इन बच्चों को घर में पढ़ाई में मदद करनी है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस लाइन पर स्कूल में पढ़ाई हो रही है, घर में पैरेंट्स उसी लाइन पर पढ़ाएंगे तो बच्चों में कैचिंग पावर बढ़ेगा, संशय नहीं रहेगा।
बालवाड़ी नाम से संचालित होंगी कक्षाएं
सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं का नाम बालवाड़ी रखा गया है। नए सत्र यानी 2022-23 से रायपुर के 149 समेत राज्य के 6536 स्कूलों में प्री-प्राइमरी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से कोर्स तैयार किया है।
इसमें बच्चाें को खेल-खेल में भाषा व गणित सिखाने पर जोर दिया गया है। बच्चों को जो किताबें मिलेगी, उसमें यह भी जानकारी दी गई है कि छोटे बच्चों को किस तरह से पढ़ाना है, अभ्यास कैसे कराना है। टीचर इसी आधार पर बच्चाें को स्कूल में पढ़ाएंगे।
साथ ही अभिभावक भी इसी पाठ्य सामग्री के आधार पर सरल तरीके से बच्चों को पढ़ा सकेंगे। जैसे, गतिविधि, वार्तालाप व दिनचर्या के चैप्टर में पैरेंट्स बच्चाें से उनकी दिनचर्या के बारे में प्रश्न करेंगे। उदाहरण के रूप में, बच्चों से वे पूछेंगे कि कल तुमने सुबह से लेकर रात तक क्या-क्या किया? स्वयं का उदाहरण देते हुए बताएंगे, मैं सुबह उठकर घूमने गया या कुछ और…। इसी तरह चैप्टर में चित्र दिए गए हैं। उसके अनुसार भी गतिविधियां करानी होगी।
किताबें अगले सत्र से बदलेंगी
नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद स्कूली पाठ्यक्रम में बदलावों को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं, लेकिन नए सत्र यानी 2022-23 में किताबें नहीं बदलेंगी। 2023-24 से बदलाव की संभावना है। शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि नेशनल कैरीकूलम फ्रेमवर्क यानी एनसीएफ अभी नहीं आया है।
इसके आधार पर ही राज्य अपना पाठ्यक्रम तैयार करेगा। इसलिए माना जा रहा है कि स्कूली पाठ्यक्रम बदलने में अभी समय लगेगा। जब बदलाव होगा, तो कक्षा पहली से लेकर बारहवीं तक का पूरा कोर्स बदलेगा। संभावना जताई जा रही है कि अगले साल पूरा कोर्स बदल जाएगा।
पीपी वन-टू सरकारी स्कूल में ही
निजी स्कूलों में प्री-प्राइमरी यानी नर्सरी, पीपी-1 व पीपी-2 की पढ़ाई पहले से होती है, लेकिन राज्य में पहली बार सरकारी स्कूलों में भी प्री-प्राइमरी की कक्षाएं शुरू की जा रही है। हिंदी मीडियम स्कूलों में नर्सरी, पीपी-1 व पीपी-2 नहीं होगा। यहां प्री-प्राइमरी के तहत सिर्फ बालवाड़ी रहेगा, जिसमें पांच साल के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा।
इस कक्षा के बाद बच्चे अगले साल कक्षा पहली में जाएंगे। इसी तरह सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भी इस बार प्री-प्राइमरी शुरू हुई है। रायपुर के तीन स्कूल जैसे, आरडी तिवारी स्कूल, बीपी पुजारी स्कूल व शहीद स्मारक स्कूल में पीपी-1 व पीपी-2 की पढ़ाई शुरू होगी। प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है।
पढ़ाई और एक्टिविटी से जुड़ा कोर्स बनाया
एससीईआरटी ने सरकारी प्री-प्राइमरी के लिए खेल-खेल में पढ़ाई और एक्टिविटी से जुड़ा कोर्स बनाया है। यह शिक्षकों व पालकों के लिए सामान्य रूप से उपयोगी हैं।
इसका उद्देश्य यह भी है कि स्कूल में टीचर और घर में पैरेंट्स एक आवृत्ति से बच्चों को पढ़ाएं, ताकि वे बेहतर सीख सकें।
डॉ. योगेश शिवहरे, अतिरिक्त संचालक, एससीईआरटी