किसान का दावा- मधुमेह के मरीजों के
लिए फायदेमंद,लगातार बढ़ रही है मांग
पटना। गर्मी के मौसम में लोगों को आम का विशेष रूप से इंतजार रहता है। बाजार में भी एक से बढ़ कर एक आम (mango) मिलते हैं, जिनके स्वाद, रंग और आकार अलग अलग होते हैं। इसी लोकप्रियता के कारण इसे फलों का राजा कहा जाता। वैसे इस मीठे आम के लिए मधुमेह Diabetes के मरीजों को अपना मन मारना पड़ता है लेकिन बिहार के एक किसान ने मधुमेह के मरीजों के लिए विशेष रूप से एक आम तैयार किया है।
चर्चा में है मुजफ्फरपुर का यह आम
जी हां, बिहार-मुजफ्फरपुर (Bihar-Muzaffarpur) के किसान भूषण सिंह और उनके बाग का एक खास आम इस समय चर्चा में है। अपने आकार और रंग के कारण यह आम आने जाने वालों को एक बार यहां रुक कर खुद को गौर से देखने के लिए मजबूर कर देता है। किसान के दावे की मानें तो इस आम की सबसे बड़ी खासियत इसका आकार, वजन या रंग नहीं बल्कि इसका स्वाद है।
किसान का दावा का है कि यह आम शुगर फ्री (Sugar Free) है। अमेरिकन ब्यूटी (American beauty) के नाम से प्रसिद्ध इस आम के पेड़ को देखने वाला हर कोई इसके नये पौधे की मांग जरूर करता है।
पश्चिम बंगाल से लेकर आए थे पौधा
किसान भूषण सिंह के अनुसार वह इस आम की किस्म को पश्चिम बंगाल से लेकर आए हैं। उन्होंने बताया कि ये एक बहुत छोटे आकार का पौधा होता है, जो आमतौर पर दो से तीन साल में फल देने लगता है। हालांकि किसी वजह से उनके पौधे ने चार साल में फल दिया है।
अमेरिकन ब्यूटी प्रजाति के इस आम के बारे में किसान ने बताया कि, ‘इसकी सबसे बड़ी विशेषता आम का मंजर (मौर) और दाना सामान्य आम की तरह निकलता है, लेकिन शुरू से लेकर पकने तक यह आम 16 बार अपना रंग बदलता है।
पकने के समय इसका वजन आधा किलो से ज्यादा हो जाता है। आमतौर पर एक आम का वजन चार सौ ग्राम होता है। उन्होंने कहा कि यह अन्य आम से कम मीठा है। उन्होंने इसे शुगर फ्री होने का भी दावा किया।’ हालांकि किसान भूषण सिंह का कहना है कि मीठा कम होने के बावजूद भी इसका स्वाद खाने में बहुत अच्छा है।
दो साल पहले फल लगना शुरू हुआ, 5 महीने में पकता है आम
मुजफ्फरपुर के मुसहरी गांव (Village-Musahari) के रहने वाले किसान भूषण सिंह इस आम के पौधे को 6 साल पहले पश्चिम बंगाल से लेकर आए और अपने बगीचे में लगाया। दो साल पहले से इस पेड़ में फल लगना शुरू हुआ।
किसान भूषण सिंह का कहना है कि इस आम को पकने में 5 महीने का समय लगता है। जुलाई महीने में यह आम पक कर तैयार हो जाएगा।
उनके अनुसार इस आम की चर्चा बढ़ने के साथ ही इसके पौधे की मांग भी बढ़ गई है। लोग इसे देखने के लिए दूर दूर से आते हैं और जो भी इस आम को एक बार देख लेता है वह इसके पौधे की मांग जरूर करता।
लेकिन इस आम के पौधे को पाना अभी आसान नहीं है क्योंकि बिहार में अभी तक इसके पौधे की नर्सरी नहीं है। भूषण सिंह ने बताया कि इसकी नर्सरी बनाने के दिशा में काम किया जा रहा है।