फूलों की खेती के साथ मिसाल कायम की संदीप ने
बाराबंकी। गांवों या छोटे शहरों से आने वाले अधिकतर युवाओं का यही सपना होता है कि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर किसी बड़े शहर में अच्छी खासी नौकरी करें लेकिन इसी देश में कुछ युवा संदीप कुमार वर्मा जैसे भी हैं, जो पढ़ लिख कर बड़े शहरों में सेट होने की बजाए अपने गाँव लौटते हैं और यहीं अपने भविष्य को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं।
संदीप बाराबंकी की तहसील रामनगर के गगियापुर गांव (Gagiyapur village of Ramnagar, Tehsil of Barabanki) के निवासी हैं। आज के समय में वह अपने पूरे जिले में एक हाईटेक किसान के रूप में जाने जाते हैं।
पढ़ने होशियार रहे संदीप में बीटेक करने के बाद कुछ दिनों तक अलग-अलग कंपनियों में नौकरी की लेकिन उन्हें नौकरी जमी नहीं। इसके बाद उन्होंने जो फैसला लिया वो वाकई में चौंकाने वाला था।
आज कर रहे बम्पर कमाई, पॉली हाउस में फूलों की खेती
संदीप अपने गांव-घर लौट आए और यहीं खेती करने लगे। आज की तारीख में संदीप (Sandeep) उत्तर प्रदेश सरकार के उद्यान विभाग से बागबानी मिशन (Government of Uttar Pradesh Horticulture Department Horticulture Mission) के तहत मिले अनुदान से पॉली हाउस (poly house) लगाकर जरबेरा फूलों की खेती (Gerbera Flower Farming) कर रहे हैं।
वह सिर्फ खेती ही नहीं कर रहे बल्कि इससे इतना मुनाफा कमा रहे हैं जितना अच्छी खासी नौकरी करने वालों को भी नहीं मिलता। बता दें कि संदीप अपनी खेती से सालाना 30 से 35 लाख का सीधा मुनाफा कमाते हैं।
घर वाले हुए थे नाराज, नहीं था संदीप पर भरोसा
संदीप कुमार वर्मा Sandeep Kumar Verma का कहना है कि, ‘पढ़ाई करने के बाद उन्होंने कई कंपनियों में नौकरी की लेकिन उन्हें नौकरी रास नहीं आई। क्योंकि कहीं काम के लायक पैसे नहीं थे तो कहीं पैसे मिलते थे तो समय अधिक देना पड़ता था।
ऐसे में संदीप ने घर लौट कर खेती करने का मन बनाया। शुरुआत में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। परिवारवालों ने भी शुरुआत में उन पर विश्वास नहीं जताया। उन्हें इस बात का दुख था कि बेटे को इतने पैसे लगा कर पढ़ाया और अब वो गांव आकार खेती कर रहा है।
घरवाले समझे,पागल हो गया है बेटा
संदीप बताते हैं कि उनके घरवालों को लगा कि उनका बेटा पागल हो गया है और उनके पैसे डुबो रहा है लेकिन संदीप ने अपनी मेहनत से सब का मुंह बंद कर दिया। धीरे-धीरे सबकुछ ठीक होने लगा.’
संदीप के अनुसार जरबेरा फूलों की खेती से वो और उनके परिवार का सालाना 75 लाख रुपये का टर्नओवर कमाते हैं। इसमें से लागत निकाल कर उन्हें करीब 35 लाख का सीधा मुनाफा मिल जाता है। संदीप इस समय 8 पॉली हाउसों में जरबेरा फूलों की खेती कर रहे हैं।