श्रीलंका में बिगड़ते हालात के बीच पड़ोसी
का फर्ज निभाते हुए भारत ने हाथ बढ़ाया
कोलंबो। भारत ने मंगलवार 31 मई को कहा कि उसने 40,000 टन डीजल की एक और खेप श्रीलंका को भेजी है। पड़ोसी देश श्रीलंका बेहद मुश्किल आर्थिक संकट से गुजर रहा है और वहां लोगों को ईंधन की अत्यधिक कमी का सामना करना पड़ रहा है।

पिछले महीने भारत ने श्रीलंका को ईंधन का आयात करने के लिए अतिरिक्त 50 करोड़ डॉलर की ऋण-सुविधा देने की घोषणा की थी। इस राशि का इस्तेमाल श्रीलंका को ईंधन आपूर्ति के लिए किया जाना है। श्रीलंका जरूरी वस्तुओं के आयात का भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहा है क्योंकि उसका विदेशी मुद्रा भंडार बेहद घट गया है। इसकी वजह से उसकी मुद्रा का मूल्यह्रास हो गया है और मुद्रास्फीति बहुत बढ़ गई है।
भारत ने गत 23 मई को श्रीलंका को करीब 40,000 टन पेट्रोल भेजा था। भारतीय उच्चायोग ने ट्विटर पर एक संदेश में कहा, ‘‘भारत की ओर से सहायता के तहत 40,000 टन डीजल की खेप सोमवार 30 मई की शाम को कोलंबो पहुंची।’’
पड़ोसी देश को पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा देने के लिए दो फरवरी 2022 को भारत ने एक करार पर हस्ताक्षर किए थे। भारत के सहयोग से मार्च और अप्रैल में श्रीलंका को विभिन्न प्रकार के लगभग 400,000 टन ईंधन की आपूर्ति की गई है।